तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने इज़रायल की बर्बादी की मांगी दुआ, भड़क गया भारत !
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने ईद पर अजीब मुराद मांगी है। उन्होंने अल्लाह से इजरायल को बर्बाद करने की दुआ मांगी है। गाजा पर इजरायल के हमलों के शुरू होने के बाद से ही तुर्की के राष्ट्रपति लगातार इजरायल के नाम पर जहर उगलते आए हैं, लेकिन ईद के पावन मौके पर वो कुछ ऐसी दुआ मांगेगे, शायद किसी को इसका यकीन नहीं था

भारत के खिलाफ साज़िश करने वाले तुर्की के तानाशाह बनने की राह पर चल रहे राष्ट्रपति एर्दोगन को इज़रायल बहुत तगड़ा सबक़ सिखाने वाला है। भारत के दुश्मन और आतंक परस्त देश पाकिस्तान का साथ देकर तुर्की भारत की पीठ पर पहले ही वार चुका है। लेकिन अब भारत ने भी अपने दोस्त का साथ देने के लिए एक चाल चली है।ख़्वाब देखने से लेकर नमाज में दुआ तक एर्दोगन सिर्फ़ यहूदियों के देश इज़रायल की बर्बादी की फ़रियाद कर रहे हैं। लेकिन ये सब मिडल ईस्ट में तबाही मचा रहे इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू देख रहे हैं। गाजा पर इजरायल के हमलों के शुरू होने के बाद से ही तुर्की के राष्ट्रपति लगातार इजरायल के नाम पर जहर उगलते आए हैं, लेकिन ईद के पावन मौके पर वो कुछ ऐसी दुआ मांगेगे, शायद किसी को इसका यकीन नहीं था ईद के मौक़े पर एर्दोगन ने अल्लाह से इज़रायल को भयानक बर्बाद करने की दुआ मांगी है। जिसके बाद इज़रायल भड़क चुका है और एर्दोगन को सबक़ सिखाने का ऐलान कर दिया है मुस्लिम देशों का सरग़ना बनने का सपने देखने वाला तुर्की सऊदी अरब समेत भारत, इज़रायल से भी बुराई मोल ले चुका है।एर्दोगन इस्लाम में ख़लीफ़ा बनना चाहते हैं लेकिन अब उन्हें चारों तरफ़ से घेरा जाने लगा है।
इज़रायल ने फिर से साफ़ किया कि कैसे एर्दोगन यहूदी विरोध हैं। और वो लगातार यहूदी चालें चल रहे हैं। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ़ किया कि एर्दोगन का हाल बहुत बुरा होगा। वहीं भारत भी अपने दोस्त के साथ अब मज़बूती से खड़ा है और उसने बची कुची कसर पूरी कर दी है। जब ये सब चल ही रहा था तब अचानक भारत ने तुर्की के पड़ोसी ग्रीस में अपने लड़ाकू विमान उतार दिए हैं । भारतीय वायुसेना अपने फाइटर जेट जिनमें Su-30 MKI लड़ाकू जेट के साथ-साथ IL-78 और C-17 ग्लोबमास्टर विमान लेकर तुर्की और एर्दोगन के दुश्मन ग्रीस में युद्ध अभ्यास कर रही है। इज़रायल के साथ साथ भारत अपने दोस्तों के साथ तो हमेशा से खड़ा ही है लेकिन ग्रीस को यूं ही तवज्जो भारत नहीं दे रहा। आपको याद होगा म्यांमार और थाइलैंड की तरह तुर्की में भी ख़ौफ़नाक भूकंप आया था। तब भारत ने बिना देर किए तुर्की के लोगों बचाने के लिए जान लगा दी थी सेना के जवानों ने वहां जाकर ना जाने कितनी ज़िंदगियों को बचाया जिसकी तारीफ़ पीएम मोदी ने भी की थी। इसी के साथ BRICS में शामिल होने के लिए जान लगा रहे तुर्की की इच्छा पर भी भारत ने पॉसीटिव रुख़ रखा लेकिन हर बार तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने ग़द्दारी की। उन्होंने हर बार भारत के कश्मीर पर झूठ बोलने वाले पाकिस्तान का साथ दिया और उसकी तरफ़ से ज़हर भी उगला तब भारत ने भी ठान लिया की तुर्की को सबक़ सिखाने के लिए अलग रुख़ अपनाना होगा। भारत ने ग्रीस से दोस्ती को मज़बूत करने पर ज़ोर दिया। अगस्त 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रीस का दौरा किया था और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई थी। साथ ही अगर देखें तो ।
ग्रीस उस जगह पर मौजूद है, जहां से भारत के लिए यूरोप में घुसना काफी आसान होगा। ये देश भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) कॉरिडोर में शामिल है, जिसके रास्ते मोदी सरकार यूरोप में व्यापार करने की तैयारी कर रही है। ये देश इसके अलावा समुद्री मार्ग से भी स्वेज नहर के रास्ते भारत के सामान को तेजी से यूरोप पहुंचा सकता है बड़ी बात ये है कि इस रास्ते में भारत को सीधे यूरोप में घुसने का रास्ता मिल जाएगा।
एर्दोगन का खुद को मुस्लिम देशों का खलीफा बनाने सोच की वजह से उसने भारत से बैर पाला हुआ है तुर्की न सिर्फ कश्मीर मामले पर पाकिस्तान का समर्थन करता है बल्कि बड़े पैमाने पर उसे हथियार भी दे चुका है जिनमें युद्धपोतों के अलावा ड्रोन भी शामिल हैं। अब ग्रीस से तुर्की भयंकर दुश्मनी को देखते हुए भारत अपनी कूटनीतिक ताक़त को दिखा रहा है और ग्रीस से अपने संबंधों को प्रगाढ़ करने पर जुटा है। अब इज़रायल तो पूरी तरह अपने तरीक़े से एर्दोगन को सबक़ सिखाने के मूड में हैं। उसने अमेरिका को भी अपने साथ ले लिया है। लेकिन भारत भी अब तुर्की को छोड़ने वाला नहीं है। वैसे भी एर्दोगन अब अपने देश में घिरते हुए नज़र आ रहे हैं। इस्तांबुल के मेयर और अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी एकरेम इमामोग्लू जेल में डालने के बाद उनके ख़िलाफ़ विद्रोह की आग भड़की हुई है। देखना होगा की अब चारों तरफ़ से घिरने के बाद एर्दोगन बच पाते हैं या नहीं ।
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