MONDAY 28 APRIL 2025
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ट्रंप के टैरिफ से QUAD देशों में मची हलचल, क्या अमेरिका OUT हो रहा है?

इस ब्लॉग में हम ट्रंप के टैरिफ नीति से होने वाले वैश्विक प्रभावों को समझेंगे, विशेष रूप से QUAD देशों पर इसके असर को लेकर। हम देखेंगे कि कैसे अमेरिका की "America First" नीति से भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया समेत अन्य देश चीन के साथ अपने व्यापारिक रिश्ते बढ़ा रहे हैं और क्या इसके परिणामस्वरूप QUAD से अमेरिका बाहर हो सकता है।

ट्रंप के टैरिफ से QUAD देशों में मची हलचल, क्या अमेरिका OUT हो रहा है?
जब डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने, तो दुनिया भर में एक अजीब सा माहौल पैदा हो गया। उनका यह बयान कि "अमेरिका सबसे पहले" या "America First" न केवल अमेरिकी नीति को नई दिशा दे रहा था, बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी हिला रहा था। ट्रंप की यह नीतियां चीन और यूरोपीय देशों के खिलाफ शुरू हुईं, जिनके साथ अमेरिका का व्यापार पहले से ही विशाल था। सबसे बड़ा असर उनके टैरिफ (शुल्क) प्रस्तावों पर पड़ा, जिनका मुख्य उद्देश्य चीन के व्यापार घाटे को कम करना था। ट्रंप ने अमेरिका के व्यापार घाटे को ठीक करने के लिए चीन समेत अन्य देशों पर टैरिफ लगाने की योजना बनाई, जिससे वैश्विक व्यापार संबंधों में खलबली मच गई।

चीन को दिया गया मौका

ट्रंप का टैरिफ वार न केवल अमेरिका की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा था, बल्कि इसने चीन को एक मौका भी दे दिया था। चीन ने इस मौके का इस्तेमाल करते हुए यूरोपीय और एशियाई देशों के साथ अपने व्यापारिक रिश्ते सुधारने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए। ट्रंप के इस कदम से चीन ने खुद को एक ‘दोस्त’ के रूप में प्रस्तुत किया, जबकि पहले वह अमेरिका के प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जाता था।

अब चीन ने भारत के साथ भी अपने रिश्ते सुधारने का प्रस्ताव रखा है। हाल ही में चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत से अपने व्यापार घाटे को कम करने के लिए और प्रोडक्ट्स खरीदने की बात की थी। चीन का यह कदम भारत के लिए एक नयी दिशा की ओर संकेत करता है, जिसमें वह अमेरिका से दूरी बनाता नजर आ रहा है और चीन से नजदीकी बढ़ाने के संकेत दे रहा है।

QUAD देशों की स्थिति

QUAD (Quadrilateral Security Dialogue) देशों में अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत शामिल हैं। ये देशों ने मिलकर चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत गठजोड़ बनाया था, लेकिन अब ट्रंप के टैरिफ के प्रभाव से यह गठजोड़ कमजोर हो सकता है। जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत, इन तीनों देशों ने पहले ही अमेरिकी नीतियों से असहमत होकर अपनी रणनीतियां बदल ली हैं।

जापान अब चीन के साथ अपने व्यापारिक रिश्ते को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है। जापान और चीन के बीच वर्षों पुरानी दुश्मनी के बावजूद, जापान ने चीन से अपने व्यापारिक रिश्ते बढ़ाए हैं। ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ अपनी नीति स्पष्ट करते हुए कहा कि वह अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्ते में कोई परिवर्तन नहीं करेगा, लेकिन वह नए बाजारों की तलाश कर रहा है, खासकर भारत, साउथ कोरिया और ASEAN देशों के साथ। भारत ने भी ट्रंप के टैरिफ के खिलाफ संतुलित रुख अपनाया है, लेकिन उसने सीधे तौर पर किसी जवाबी कार्रवाई का संकेत नहीं दिया है।

क्या QUAD का भविष्य खतरे में है?

QUAD देशों के आपसी संबंधों में गहरा तनाव बढ़ सकता है, क्योंकि इन देशों में से कोई भी अमेरिका की एकतरफा व्यापारिक नीतियों से सहमत नहीं है। अगर ट्रंप ने इन देशों पर ज्यादा शुल्क लगाना जारी रखा, तो हो सकता है कि QUAD से अमेरिका बाहर हो जाए, या फिर अमेरिका को दूसरे देशों से अकेला महसूस करने लगे। इस स्थिति में भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान चीन से हाथ मिलाकर एक नया गठबंधन बना सकते हैं।

ट्रंप के टैरिफ से केवल QUAD ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। कनाडा और मैक्सिको, जो पहले अमेरिका के सबसे बड़े व्यापारिक साझीदार थे, अब चीन के साथ अपने रिश्ते मजबूत कर रहे हैं। इससे अमेरिका को भारी नुकसान हो सकता है, क्योंकि यह दोनों देश अब अमेरिका को छोड़कर चीन के साथ कारोबार बढ़ा रहे हैं।

इसके अलावा, यूरोपीय यूनियन भी अब चीन से व्यापार बढ़ा रहा है, ताकि वह अमेरिकी टैरिफ से बच सके। यूरोप ने सस्ते सामान, जैसे सौर पैनल और इलेक्ट्रिक वाहन, चीन से आयात करना बढ़ा दिया है। यूरोपीय यूनियन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने ट्रंप से कहा था कि यदि अमेरिका टैरिफ युद्ध को जारी रखता है, तो यूरोप कड़ी प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार रहेगा।

दक्षिण-पूर्व एशियाई देश (ASEAN) जो पहले से चीन के बड़े व्यापारिक साझेदार हैं, अब ट्रंप के टैरिफ से बचने के लिए चीन के साथ और भी मजबूत संबंध बना रहे हैं। अमेरिका ने इन देशों को भी प्रभावित किया है, क्योंकि इन देशों का व्यापार मुख्य रूप से अमेरिका से है।

कनाडा और मैक्सिको का चीन से हाथ मिलाना

कनाडा और मैक्सिको ने, जो पहले अमेरिका के प्रमुख निर्यात बाजार थे, अब चीन के साथ व्यापार बढ़ाने का फैसला किया है। इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भारी असर पड़ेगा। यह दोनों देश पहले से ही अमेरिकी दबाव के तहत व्यापारिक नियमों में सुधार करने का प्रयास कर रहे थे, और अब वे चीन के साथ व्यापार में वृद्धि करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

ट्रंप के टैरिफ युद्ध के कारण, दुनिया भर में एक नए प्रकार की व्यापारिक दौड़ शुरू हो गई है। चीन अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, वहीं यूरोपीय यूनियन और अन्य एशियाई देश भी अमेरिका से दूरी बना रहे हैं। यह स्थिति आने वाले समय में वैश्विक व्यापार और राजनयिक संबंधों में बड़े बदलाव का कारण बन सकती है।

ट्रंप के टैरिफ युद्ध ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी है, जिसमें अमेरिकी सहयोगी देश भी चीन के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा असर QUAD देशों पर पड़ सकता है, क्योंकि इन देशों को अब ट्रंप के इस टैरिफ युद्ध से निपटना मुश्किल हो सकता है। अगर अमेरिका अपनी नीतियों को बदलने में असमर्थ रहा, तो भविष्य में QUAD से अमेरिका का बाहर होना कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। ऐसे में, चीन की स्थिति और बढ़ सकती है और वह अपने वैश्विक प्रभाव को और मजबूत करने में सक्षम हो सकता है।

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