कैसे होता है नए पोप का चयन? जानिए वेटिकन की गुप्त प्रक्रिया के बारें में सब कुछ
पोप फ्रांसिस की तबीयत खराब होने के बाद नए पोप के चुनाव को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि पोप का चुनाव कैसे होता है, कौन इस प्रक्रिया में भाग लेता है, और क्या कोई महिला पोप बन सकती है? कैथोलिक चर्च की परंपराओं के अनुसार, पोप केवल पुरुष ही बन सकते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है।

हाल ही में, 88 वर्षीय पोप फ्रांसिस को फेफड़ों के संक्रमण और एनीमिया के कारण रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वेटिकन के अनुसार, उनकी सेहत में सुधार हो रहा है, और उन्होंने रात में अच्छी नींद ली है। हालांकि, उनकी उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए, चर्च के भीतर नए पोप के चुनाव और महिलाओं की भूमिका पर चर्चा तेज हो गई है।
क्या कोई महिला पोप बन सकती है?
कैथोलिक चर्च की परंपराओं के अनुसार, पोप का पद केवल पुरुषों के लिए आरक्षित है। चर्च के नियमों के तहत, महिलाओं को पुरोहिताई (प्रिस्टहुड) में शामिल नहीं किया जाता, जिससे वे पोप नहीं बन सकतीं। हालांकि, पोप फ्रांसिस के नेतृत्व में वेटिकन में महिलाओं की भूमिका में सकारात्मक बदलाव आए हैं। उन्हें वाचक (लेक्टर) और यूचरिस्टिक मंत्री जैसे पदों पर नियुक्त किया जा रहा है, जिससे वे पवित्र शास्त्र पढ़ने और वेदी पर सेवा करने में सक्षम हो रही हैं। यह कदम महिलाओं के योगदान को मान्यता देने और चर्च में उनकी भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
नए पोप का चुनाव कैसे होता है?
यदि वर्तमान पोप अपने पद से इस्तीफा देते हैं या उनका निधन हो जाता है, तो नए पोप के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होती है। यह प्रक्रिया अत्यंत गोपनीय और परंपरागत होती है, जिसे 'कॉन्क्लेव' कहा जाता है।
कॉन्क्लेव की तैयारी: पोप के पद खाली होने पर, वेटिकन सिटी के सिस्टीन चैपल में सभी कार्डिनल्स की बैठक बुलाई जाती है। इस बैठक को 'कॉन्क्लेव' कहा जाता है, जो लैटिन शब्द 'कॉन्क्लाविस' से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'कुंजी के तहत'। इससे संकेत मिलता है कि यह बैठक बाहरी दुनिया से पूरी तरह से अलग होती है।
कार्डिनल्स की भूमिका: कैथोलिक चर्च में कार्डिनल्स उच्चतम रैंक के पादरी होते हैं, जो पोप के करीबी सलाहकार और चर्च के प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नए पोप के चुनाव में 80 वर्ष से कम आयु के कार्डिनल्स मतदान करते हैं। वर्तमान में, ऐसे 115 कार्डिनल्स होते हैं, जो इस प्रक्रिया में भाग लेते हैं।
मतदान प्रक्रिया: सिस्टीन चैपल में, कार्डिनल्स दिन में चार बार मतदान करते हैं—दो बार सुबह और दो बार शाम को। मतदान गुप्त होता है, और प्रत्येक कार्डिनल अपने मतपत्र पर एक उम्मीदवार का नाम लिखता है। मतपत्रों की गिनती हाथों से की जाती है, और किसी भी उम्मीदवार को दो-तिहाई बहुमत (77 वोट) प्राप्त होने तक मतदान जारी रहता है।
धुएं का संकेत: प्रत्येक मतदान के बाद, मतपत्रों को जलाया जाता है। यदि किसी उम्मीदवार को आवश्यक बहुमत नहीं मिलता, तो मतपत्रों के साथ एक विशेष रसायन मिलाया जाता है, जिससे काला धुआं निकलता है, जो संकेत देता है कि चुनाव प्रक्रिया जारी है। जब किसी उम्मीदवार को आवश्यक बहुमत मिल जाता है, तो मतपत्रों को बिना रसायन के जलाया जाता है, जिससे सफेद धुआं निकलता है, जो नए पोप के चुने जाने का संकेत है।
नए पोप की घोषणा: सफेद धुआं निकलने के बाद, वेटिकन के एक वरिष्ठ अधिकारी सेंट पीटर्स बेसिलिका की बालकनी से 'हैबेमस पापम' (हमारे पास एक पोप है) की घोषणा करते हैं। इसके बाद, नए पोप बालकनी पर आकर जनता को अपना पहला आशीर्वाद देते हैं।
पोप की जिम्मेदारियाँ
पोप कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च नेता और वेटिकन सिटी के राष्ट्राध्यक्ष होते हैं। उनकी प्रमुख जिम्मेदारियाँ इस प्रकार हैं
आध्यात्मिक नेतृत्व: दुनिया भर के 1.2 अरब कैथोलिकों के लिए धार्मिक मार्गदर्शन प्रदान करना।
चर्च की नीतियाँ निर्धारित करना: चर्च की शिक्षाओं और सिद्धांतों को स्थापित करना और उन्हें लागू करना।
अंतरराष्ट्रीय संबंध: विभिन्न देशों के नेताओं से मिलकर शांति, न्याय और मानवाधिकारों के मुद्दों पर चर्चा करना।
धार्मिक समारोहों का नेतृत्व: महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजनों और पर्वों का नेतृत्व करना।
पोप फ्रांसिस की सेहत में सुधार हो रहा है, लेकिन उनकी उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए नए पोप के चुनाव की प्रक्रिया और चर्च में महिलाओं की भूमिका पर चर्चा महत्वपूर्ण है। हालांकि, परंपरागत रूप से पोप का पद पुरुषों के लिए आरक्षित है, लेकिन वेटिकन में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी एक सकारात्मक संकेत है। नए पोप का चुनाव एक गहन और गोपनीय प्रक्रिया है, जो चर्च की परंपराओं और नियमों के अनुसार संपन्न होती है।
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