WEDNESDAY 16 APRIL 2025
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आर्टेमिस-III से ड्रैगनफ्लाय तक, अंतरिक्ष में क्रांति लाने वाले हैं नासा के ये 5 मिशन

अंतरिक्ष की दुनिया में बड़ा बदलाव लाने के लिए नासा पांच बड़े मिशन लॉन्च करने जा रहा है। इन मिशनों के जरिए मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं की जांच होगी, शुक्र ग्रह के रहस्यों से पर्दा उठेगा, इंसान एक बार फिर चंद्रमा पर कदम रखेगा और टाइटन पर जीवन की खोज की जाएगी।

आर्टेमिस-III से ड्रैगनफ्लाय तक, अंतरिक्ष में क्रांति लाने वाले हैं नासा के ये 5 मिशन
अंतरिक्ष की दुनिया में लगातार नई खोजें हो रही हैं और इसी कड़ी में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा कुछ ऐसे मिशन लॉन्च करने जा रही है, जो हमारे सौर मंडल के साथ-साथ अंतरिक्ष के अनदेखे पहलुओं को समझने में मदद करेंगे। मंगल, शुक्र, चांद और टाइटन जैसे ग्रहों और उपग्रहों की सतह से लेकर सौर मंडल के बाहर के ग्रहों (Exoplanets) तक की गहराइयों को जानने के लिए नासा के ये मिशन बेहद खास होंगे।
इन मिशनों के जरिए नासा मंगल पर जीवन की संभावनाओं की जांच करेगा, शुक्र ग्रह के रहस्यों को सुलझाएगा, चंद्रमा पर इंसानों को वापस भेजेगा और दूर स्थित ग्रहों की खोज को नई दिशा देगा। नासा के इन अभियानों में विज्ञान और तकनीक की उन्नत क्षमताओं का जबरदस्त प्रदर्शन होगा, जिससे हमारे सौर मंडल और ब्रह्मांड की संरचना को समझने में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है। आइए जानते हैं नासा के उन 5 महत्वपूर्ण मिशनों के बारे में, जो अंतरिक्ष की दुनिया में नई क्रांति लाने वाले हैं।

आर्टेमिस-III मिशन
50 साल बाद इंसान एक बार फिर चंद्रमा पर कदम रखने जा रहा है! नासा का आर्टेमिस-III मिशन 2026 में लॉन्च किया जाएगा, जिसमें अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव (Lunar South Pole) पर उतरेंगे। 1972 में अपोलो-17 मिशन के बाद यह पहला मौका होगा जब इंसान चांद पर जाएगा। लेकिन इस बार मिशन का मकसद सिर्फ चांद पर उतरना नहीं, बल्कि वहां जीवन की संभावनाओं को तलाशना भी होगा। आर्टेमिस-III मिशन के मुख्य उद्देश्य चांद की सतह पर मौजूद बर्फ और पानी का अध्ययन करना है। इसके अलावा वहां इंसानों के बसने की संभावनाओं की जांच करना और भविष्य में इसे मार्स मिशन की तैयारी करना। अगर यह मिशन सफल रहता है, तो नासा आगे आर्टेमिस-IV और अन्य अभियानों के जरिए चांद पर लंबे समय तक इंसानी बस्तियों की स्थापना करने की योजना बना सकता है।

नैंसी ग्रेस रोमन स्पेस टेलीस्कोप

क्या हमारे सौर मंडल के बाहर भी ग्रहों पर जीवन हो सकता है? इस सवाल का जवाब देने के लिए नासा 2027 में Nancy Grace Roman Space Telescope लॉन्च करेगा। इस टेलीस्कोप को डार्क एनर्जी, एक्सोप्लैनेट्स (सौर मंडल के बाहर के ग्रह) और ब्रह्मांड के गहरे रहस्यों की खोज करने के लिए डिजाइन किया गया है।अब सवाल यह उठता है कि आखिर कैसे बदलेगी यह टेलीस्कोप अंतरिक्ष अनुसंधान की दुनिया? तो आपको बता दें कि यह हबल टेलीस्कोप से 100 गुना अधिक विस्तृत और स्पष्ट चित्र ले सकेगा। जो डार्क एनर्जी और डार्क मैटर के रहस्यों को उजागर करेगा। दूर स्थित नए ग्रहों (Exoplanets) को खोजने में मदद करेगा। पृथ्वी के जैसे ग्रहों की खोज कर सकता है, जहां जीवन की संभावना हो। अगर यह टेलीस्कोप सफल रहा, तो हम उन ग्रहों को देख पाएंगे जहां पृथ्वी की तरह जीवन मौजूद हो सकता है।

ड्रैगनफ्लाय मिशन

नासा 2028 में ‘ड्रैगनफ्लाय मिशन’ लॉन्च करेगा, जो शनि (Saturn) के सबसे बड़े चंद्रमा टाइटन (Titan) पर जीवन की खोज करेगा। ड्रैगनफ्लाय मिशन क्यों खास है, तो आपको बता दे कि यह पहली बार होगा जब एक रोटरक्राफ्ट (ड्रोन जैसा स्पेसक्राफ्ट) किसी ग्रह या चंद्रमा की सतह पर भेजा जाएगा। यह टाइटन की सतह पर उड़ते हुए वहां की जलवायु, मिट्टी और रासायनिक तत्वों की जांच करेगा। इस मिशन से पता चलेगा कि क्या टाइटन पर कभी जीवन था या भविष्य में वहां जीवन की संभावना हो सकती है। टाइटन पृथ्वी जैसा दिखने वाला एकमात्र चंद्रमा है, जहां नाइट्रोजन से भरा वायुमंडल और झीलें मौजूद हैं। यही कारण है कि वैज्ञानिकों को वहां जीवन के संकेत मिलने की उम्मीद है।

मंगल मिशन

नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) मिलकर 2030 तक मंगल (Mars) पर एक बड़ा मिशन लॉन्च करने जा रही हैं। मिशन का उद्देश्य मंगल ग्रह से सैंपल लाकर पृथ्वी पर अध्ययन करना है, और  यह पता लगाना कि क्या मंगल पर कभी जीवन था? यह जांचना कि भविष्य में वहां इंसानों की बस्तियां बसाई जा सकती हैं या नहीं। इस मिशन के लिए नासा ने पहले ही Perseverance Rover को मंगल पर भेज दिया है, जो वहां की चट्टानों और मिट्टी के नमूने इकट्ठा कर रहा है। अब अगले चरण में इन नमूनों को वापस धरती पर लाया जाएगा, जिससे मंगल के इतिहास का गहन अध्ययन किया जा सकेगा।

वेरिटास मिशन
नासा 2031 तक ‘वेरिटास (VERITAS)’ मिशन लॉन्च करेगा, जो शुक्र ग्रह (Venus) की सतह का अध्ययन करेगा। साथ ही यह शुक्र ग्रह की हाई-रेजोल्यूशन मैपिंग करेगा। वहां मौजूद ज्वालामुखियों, चट्टानों और सतह की संरचना की जानकारी जुटाएगा। शुक्र ग्रह और पृथ्वी की भूगर्भीय गतिविधियों की तुलना करेगा। शुक्र ग्रह को पृथ्वी की जुड़वां बहन (Earth’s Twin) कहा जाता है, लेकिन वहां का वातावरण बेहद गर्म और जहरीला है। इस मिशन से वैज्ञानिक यह पता लगाएंगे कि क्या कभी शुक्र पर जीवन मौजूद था और आखिर क्यों यह ग्रह आज इतना असहनीय बन गया।

नासा के ये 5 मिशन न सिर्फ हमारे सौर मंडल, बल्कि पूरे ब्रह्मांड को समझने में क्रांतिकारी साबित हो सकते हैं। क्या हमें ब्रह्मांड में कहीं और जीवन मिलेगा? क्या इंसान मंगल या टाइटन पर रह सकेगा? ये सवाल अब ज्यादा दिनों तक अनसुलझे नहीं रहेंगे। 

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