डोनाल्ड ट्रंप की अवैध प्रवासियों पर सख्त नीति, दी व्यापार पर रोक की चेतावनी
डोनाल्ड ट्रंप, जो दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने की तैयारी कर रहे हैं, ने अवैध प्रवासियों को लेकर सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने साफ कहा कि जो देश अपने नागरिकों को वापस लेने से इनकार करेंगे, उनके साथ अमेरिका व्यापार नहीं करेगा। ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को उनके मूल देश वापस भेजने के लिए सेना और नेशनल गार्ड का उपयोग करने का भी इरादा जताया है।

डोनाल्ड ट्रंप, जो दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के लिए जोरदार चुनावी अभियान चला रहे हैं, ने एक बार फिर से अवैध प्रवासियों के मुद्दे को चुनावी बहस के केंद्र में ला दिया है। ट्रंप की नीतियों और बयानबाजी ने न केवल अमेरिका बल्कि पूरे विश्व में हलचल मचा दी है। हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि जो देश अपने अवैध प्रवासियों को वापस लेने से इनकार करेंगे, उनके साथ अमेरिका किसी भी प्रकार का व्यापार नहीं करेगा।
ट्रंप की व्यापार पर रोक लगाने की धमकी
टाइम्स मैगजीन को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, "हमारे देश में इतनी बड़ी संख्या में अपराधी आ रहे हैं, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।" उन्होंने आरोप लगाया कि अवैध प्रवासियों की वजह से अमेरिका में अपराध दर बढ़ रही है और ड्रग्स की तस्करी को बढ़ावा मिल रहा है। ट्रंप ने कहा कि वह कानून के दायरे में रहकर हर संभव कदम उठाएंगे, जिसमें नेशनल गार्ड और सेना का उपयोग भी शामिल है। ट्रंप ने अपने इरादे स्पष्ट करते हुए कहा कि जो देश अपने नागरिकों को वापस लेने से इनकार करेंगे, उन्हें भारी आयात शुल्क देना होगा। इसके तहत, उन्होंने खासतौर पर कनाडा और मैक्सिको को चेतावनी दी कि इन देशों से आने वाले उत्पादों पर 25% तक आयात शुल्क लगाया जा सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी घोषणा की है कि उन्होंने बॉर्डर जार टॉम होमन को अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा निर्वासन अभियान चलाने की जिम्मेदारी सौंपी है। उनका उद्देश्य स्पष्ट है: लाखों अवैध प्रवासियों को उनके मूल देशों में वापस भेजना। ट्रंप ने कहा कि इस अभियान में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं होगी और इसे सख्ती से लागू किया जाएगा।
बाइडेन प्रशासन पर हमला
ट्रंप ने अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बाइडेन प्रशासन ने बॉर्डर सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरती है, जिससे अमेरिका में ड्रग्स की तस्करी बढ़ गई है। ट्रंप ने कहा कि बाइडेन प्रशासन ने न केवल अमेरिका के बॉर्डर को कमजोर किया है, बल्कि देश की सुरक्षा और आर्थिक स्थिति को भी खतरे में डाला है।
डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान ने जहां उनके समर्थकों के बीच जोश भर दिया है, वहीं उनके विरोधियों ने इसे एक चुनावी रणनीति करार दिया है। आलोचकों का कहना है कि ट्रंप अवैध प्रवासियों के मुद्दे को केवल वोट बैंक के लिए उछाल रहे हैं। हालांकि, उनके समर्थकों का मानना है कि यह कदम अमेरिका की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी है। डोनाल्ड ट्रंप की इन योजनाओं का असर केवल अमेरिका तक सीमित नहीं रहेगा। अगर वह अपने वादों को हकीकत में बदलते हैं, तो इसका असर कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर भी पड़ सकता है। कनाडा और मैक्सिको जैसे देश, जो अमेरिका के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार करते हैं, पर इसका भारी प्रभाव पड़ेगा।
डोनाल्ड ट्रंप की यह घोषणा उनके राष्ट्रपति अभियान के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके इस सख्त रुख का असर उनके राजनीतिक भविष्य पर कितना पड़ता है। यह तय है कि उनकी नीतियां और बयानबाजी चुनावी बहस का केंद्र बने रहेंगे। ट्रंप का यह कदम जहां कुछ लोगों के लिए सुरक्षा का प्रतीक है, वहीं दूसरों के लिए यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का मामला है। क्या यह नीति अमेरिका के लिए सही साबित होगी, यह तो समय ही बताएगा।
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