DeepSeek ने आते ही अमेरिका समेत दुनिया में मचाई हलचल, ट्रंप भी टेंशन में आ गए
चीन कंपनी डीपसीक जिसने AI की दुनिया में क्रांति ला दी है…चीन की सबसे तेजी से उभरती हुई AI कंपनियों में से एक डीपसीक नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP), जेनरेटिव एआई और डेटा इंटेलिजेंस के क्षेत्र में काम करती है…2019 में चीन के बीजिंग में बनी इस कंपनी को चीनी सरकार का भी समर्थन है…जिस वजह से ट्रंप की टेंशन ज़्यादा बढ़ी हुई है

कुछ ही समय में अचानक दुनिया भर में हलचल मचा देने वाली। अमेरिका की बड़ी - बड़ी कंपनियों के साथ राष्ट्रपति ट्रंप को भी झटका देने वाली। जिसकी वजह से अमेरिकी शेयर मार्केट में भारी गिरावट दर्ज हुई। चीन कंपनी डीपसीक जिसने AI की दुनिया में क्रांति ला दी है। चीन की सबसे तेजी से उभरती हुई AI कंपनियों में से एक डीपसीक नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP), जेनरेटिव एआई और डेटा इंटेलिजेंस के क्षेत्र में काम करती है। 2019 में चीन के बीजिंग में बनी इस कंपनी को चीनी सरकार का भी समर्थन है। जिस वजह से ट्रंप की टेंशन ज़्यादा बढ़ी हुई है। दुनिया भर में तहलका मचा चुके डीपसीक को ChatGPT, OpenAI और गूगल जेमिनी के विकल्प के तौर देखा जा रहा है क्योंकि अमेरिकी AI सर्विस प्रोवाइड कराने वाली कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म के यूज के लिए चार्ज करती हैं, वहीं DeepSeek ने पूरी तरह फ्री में सर्विस दे रहा है जिस वजह से ये ज़्यादा चर्चा में है। इसके आने से NVIDIA के वैल्यूवेशन में 6000 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। इसके अलावा Microsoft, Google जैसे दिग्गजों के शेयरों में भारी गिरावट आई। डीपसीक के मार्केट में आने से ट्रंप के उस ऐलान पर भी पानी फिरता नज़र आ रहा है जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति बनते ही AI में 500 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी।
कैसे बना DeepSeek कौन है मालिक ?
अब ये जानने भी ज़रूरी हो जाता है कि आख़िर ये डीपसीक बना कैसे और कौन इसका मालिक है जिसने पूरी दुनिया को इसके ज़रिए एक चैलेंज दिया है। तो बता दें कि डीपसीक को बनाने के पीछे कोई संयोग नहीं था। बल्कि इसे पूरी प्लानिंग के तहत बनाया गया था। अक्टूबर 2022 में अमेरिकी एक्सपोर्ट कंट्रोलर्स ने Nvidia के H100 जैसे अत्याधुनिक चिप्स तक चीन की पहुंच को सीमित कर दिया जिसके बाद DeepSeek के फाउंडर ने टीम के साथ मिलकर अपने मॉडल आर्किटेक्चर को नए तकनीकों के साथ डीपसीक को डेवलेप किया। डीपसीक को बनाने वाले 39 साल के बिज़नेसमैन लियांग वेनफेंग ने बनाया है। और उनका ये डीपसीक एक स्टार्टअप है जो 20 महीने पुराना है। इससे पहले लियांग ने जुलाई 2024 में एक कार्यक्रम में कहा था OpenAI को लेकर कहा था कि यह कोई भगवान नहीं है और हमेशा सबसे आगे नहीं रह सकता और आज ये उन्होंने साबित भी कर दिया।
किस तरह काम करता है DeepSeek AI ऐप ?
डीप सीक एआई ऐप किसी भी दूसरे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐप की तरह ही काम करता है। जिस तरह से Chat GPT या Meta AI को लोग इस्तेमाल करते हैं। उसी तरह से इसे भी इस्तेमाल किया जा सकता है। DeepSeek कंपनी की तरफ़ से कहा गया है कि उन्हें इस AI मॉडल को बनाने में सिर्फ दो महीने का समय लगा है जबकि Open AI Google, Microsoft ने अपने AI मॉडल को बनाने में अरबों डॉलर और सालों का समय लिया था। ऐसे में से में DeepSeek ने महज 60 लाख डॉलर खर्च करके इस AI मॉडल को तैयार कर दिया। जो अब अमेरिका के लिए सिरदर्द बना हुआ है। अब एक तरफ़ जब चीन को साधने के लिए ट्रंप ने आते ही अपनी स्ट्रैटेजी में बदलाव किया। लेकिन अब लगता है चीन को अपने क़ाबू में कर पाना अमेरिका के लिए इतना आसान नहीं होने वाला और अब डीपसीक ने आकर जिस तरीक़े से अमेरिकी मार्केट में हलचल मचाई है उससे तो ये और साफ़ हो गया है।
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