आतंकी हमले में परिजन की मौत – क्या मिलेगा बीमा पैसा? जानिए कौन-सी पॉलिसी करती है कवर
अगर किसी व्यक्ति की मौत आतंकी हमले में हो जाती है, तो उसके परिवार को इंश्योरेंस क्लेम मिल सकता है, लेकिन यह उस बीमा पॉलिसी की शर्तों पर निर्भर करता है. जीवन बीमा (Life Insurance) पॉलिसी में आमतौर पर किसी भी कारण से मृत्यु को कवर किया जाता है, जिसमें आतंकी हमला भी शामिल होता है – जब तक कि पॉलिसी में इसे विशेष रूप से बाहर (Excluded) न किया गया हो.

Insurance Money: अगर किसी व्यक्ति की मौत आतंकी हमले में हो जाती है, तो उसके परिवार को इंश्योरेंस क्लेम मिल सकता है, लेकिन यह उस बीमा पॉलिसी की शर्तों पर निर्भर करता है. जीवन बीमा (Life Insurance) पॉलिसी में आमतौर पर किसी भी कारण से मृत्यु को कवर किया जाता है, जिसमें आतंकी हमला भी शामिल होता है – जब तक कि पॉलिसी में इसे विशेष रूप से बाहर (Excluded) न किया गया हो. पर्सनल एक्सीडेंट और ट्रैवल इंश्योरेंस में भी कुछ पॉलिसी आतंकी घटनाओं को कवर करती हैं, लेकिन कई बार ये इसे एक्सक्लूड कर देती हैं. इसलिए पॉलिसी लेते समय यह जरूर देखना चाहिए कि उसमें Terrorism Cover शामिल है या नहीं.
आतंकी हमले में मौत के बाद क्या इंश्योरेंस मिलता है?
जी हां, अगर किसी व्यक्ति की मौत आतंकी हमले (Terrorist Attack) में होती है, तो कई मामलों में उनके परिवार को बीमा राशि (Insurance Claim) मिलती है. लेकिन ये इस बात पर निर्भर करता है कि उस व्यक्ति ने किस तरह का इंश्योरेंस करवाया था और उस पॉलिसी के नियम क्या थे.
कौन-से इंश्योरेंस प्लान में होता है कवर?
जीवन बीमा (Life Insurance)
अगर मृतक ने कोई भी जीवन बीमा पॉलिसी ली हुई है (जैसे LIC, HDFC Life, SBI Life आदि), तो आमतौर पर पॉलिसीधारक की किसी भी कारण से हुई मृत्यु पर बीमा राशि मिलती है – इसमें आतंकी हमला भी शामिल होता है, जब तक कि पॉलिसी के नियमों में इसे एक्सक्लूड (exclude) न किया गया हो.
पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस
इस प्रकार की पॉलिसी में "डेथ बाय एक्सीडेंट" के तहत आतंकी हमले को भी कवर किया जा सकता है, क्योंकि यह एक प्रकार की अनफॉरसीन (अचानक और अप्राकृतिक) घटना मानी जाती है. लेकिन हर पॉलिसी की शर्तें अलग होती हैं, इसलिए डॉक्युमेंट्स पढ़ना जरूरी है.
ट्रैवल इंश्योरेंस
अगर व्यक्ति यात्रा पर था और यात्रा के दौरान आतंकी हमला हुआ, तो कुछ ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी इसमें डेथ कवर या हॉस्पिटल कवर देती हैं. लेकिन कई बार ये पॉलिसी “आतंकी गतिविधियों” को एक्सक्लूजन लिस्ट में रखती हैं, इसलिए यह जांचना जरूरी होता है.
कब नहीं मिलता इंश्योरेंस क्लेम?
1. अगर बीमा पॉलिसी में "Terrorism Exclusion Clause" मौजूद है
2. अगर व्यक्ति किसी आतंकी गतिविधि में शामिल था
3. अगर घटना जांच के दायरे में है और मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं है
4. इसलिए, पॉलिसी खरीदते समय यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि उसमें terrorism cover शामिल हो या नहीं.
सरकारी मदद: आतंकी हमले में जान गंवाने पर सरकारी सहायता
अगर किसी नागरिक की मौत आतंकी हमले में होती है, तो कई बार केंद्र या राज्य सरकार की तरफ से मुआवजा भी दिया जाता है. उदाहरण के लिए:
1. केंद्र सरकार की तरफ से ₹5 लाख तक की अनुग्रह राशि
2. राज्य सरकार अलग से आर्थिक मदद या नौकरी दे सकती है (राज्य नीति पर निर्भर)
3. इंश्योरेंस क्लेम के लिए जरूरी दस्तावेज
4. मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate)
FIR या पुलिस रिपोर्ट जिसमें आतंकी हमला दर्ज हो
1. पोस्टमार्टम रिपोर्ट
2. पॉलिसी डॉक्युमेंट
3. नॉमिनी का आईडी प्रूफ
4. अस्पताल की रिपोर्ट (अगर व्यक्ति अस्पताल में भर्ती हुआ था)
आतंकी हमले में मौत होने की स्थिति में बीमा का क्लेम मिल सकता है, बशर्ते कि पॉलिसी में आतंकी हमले को कवर किया गया हो और सभी दस्तावेज सही हों. साथ ही, सरकार की तरफ से भी सहायता राशि का प्रावधान होता है. अगर आप या आपके परिवार के पास बीमा पॉलिसी है, तो एक बार उसकी शर्तों को ध्यान से पढ़ें और ज़रूरत पड़ने पर टेररिज़्म कवर को शामिल कराएं.