TUESDAY 29 APRIL 2025
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सीएम फडणवीस के वो बड़े फैसले, जिसने बदल दिया महाराष्ट्र का माहौल

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल फ़िलहाल में कई ऐसे फ़ैसले लिए है, जिससे महाराष्ट्र की सियासत में हलचल पैदा हो गई, विस्तार से जानिए 3 बड़े फ़ैसलों के बारे में

सीएम फडणवीस के वो बड़े फैसले, जिसने बदल दिया महाराष्ट्र का माहौल

नागपुर में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर भड़की हिंसा के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सख्त रुख अपनाया है और दंगाईयों को चेतावनी देते हुए बता दिया है कि उनका क्या हाल होने जा रहा है। दरअसल, औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन शुरू किया तो अफ़वाह फैला कर नागपुर के कट्टरपंथी मुस्लिमों ने बवाल काट दिया और हिंसा की, जिसके बाद इलाके में तनाव पैदा हो गया। ख़बरें आईं कि दंगाईयों ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ भी बदसलूकी की, हिंदुओं के घरों को ढूंढ-ढूंढ कर हमला किया। ऐसे में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दंगाईयों को सबक सिखाने की क़सम खा ली। वैसे भी जब-जब इस तरह से किसी ने दंगा किया, बच्चियों के साथ हैवानियत की, ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने की कोशिश की, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सबको सबक सिखाया और समझा दिया कि क़ायदे में रहोगे तो फ़ायदे में रहोगे। तो आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाल-फ़िलहाल के ऐसे फ़ैसलों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने उनकी छवि को और ज़्यादा सख़्त बनाया।

नागपुर हिंसा: सीएम फडणवीस दंगाईयों के बने काल 

मास्टरमाइंड फ़हीम खान की अगुवाई में नागपुर के दंगाईयों ने पत्थरबाज़ी की, आगज़नी की, गाड़ियां फूंकी, हिंदू परिवारों को टारगेट करके मारा, महिला पुलिसकर्मियों की वर्दी फाड़ने की कोशिश की। ऐसे में बिगड़ते हालात पर क़ाबू पाने के लिए सीएम फडणवीस ने पुलिस वालों को खुली छूट दी। इसके बाद मास्टरमाइंड फ़हीम खान को गिरफ्तार किया गया, साथ ही तमाम और दंगाईयों को पकड़ा गया। इसी बीच सीएम फडणवीस ने ऐलान कर दिया कि दंगाईयों से ही नुक़सान की भरपाई कराई जाएगी और जरूरत पड़ी तो बुलडोज़र भी चलेगा।

"जितना नुकसान हुआ, उसकी कीमत वसूल करेंगे, अगर पैसे नहीं दिए तो उनकी संपत्ति बेच दी जाएगी, जहां जरूरत पड़ी, बुलडोजर चलेगा, किसी को बख्शा नहीं जाएगा, हिंसा के दौरान पुलिस अधिकारियों पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, हम किसी भी तरह की अशांति बर्दाश्त नहीं करेंगे।"

नागपुर हिंसा के बाद सख़्त रुख़ अपनाने वाले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इसी तरह से घुसपैठियों और रोहिंग्याओं पर भी क़हर बनकर टूट पड़े और देश से ग़द्दारी करने वालों को तगड़ा सबक सिखाया।

बांग्लादेशियों की सीएम फडणवीस ने तोड़ी कमर 

फडणवीस ने महाराष्ट्र के ठेकेदारों को सीधा आदेश दिया कि अपनी परियोजनाओं में बांग्लादेशियों को काम पर नहीं रखेंगे। बांग्लादेशी घुसपैठियों के मामले में सुरक्षा के चलते यह फैसला उठाया गया है। वहीं दूसरी तरफ़ अवैध घुसपैठियों पर ज़बरदस्त तरीके से बुलडोज़र कार्रवाई भी महाराष्ट्र में हो रही है। पुणे के पिंपरी चिंचवड़ में अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त किया गया, लाखों स्क्वॉयर फीट जमीन को मुक्त कराया गया। यहां पर बहुत सोच-समझकर पूरी बस्ती बसा दी गई थी, जिसमें बांग्लादेशियों की संख्या बहुत थी। ऐसे में फडणवीस राज में इस घुसपैठियों की भी कमर तोड़ दी गई।

फडणवीस सरकार की तरफ़ से घुसपैठियों पर की गई कार्रवाई की तारीफ़ सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता भी कर रहे हैं। तो हाल-फिलहाल में सीएम फडणवीस का ये दूसरा ऐसा फ़ैसला रहा जिसने बड़ी छाप छोड़ी है, अब बाद बदलापुर के बदला पूरा होने की, हालांकि ये फैसला सीएम रहते हुए नहीं हुआ था, बल्कि एकनाथ शिंदे की सरकार में जब देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री थे और गृह विभाग की ज़िम्मेदारी थी तब उन्होंने ये बड़ा फ़ैसला लिया था।

बदलापुर का ‘बदला पूरा’ 

साल 2024 के अंत में महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर स्थित एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म का मामला सामने आया, जिसपर बवाल मच गया। आरोपी अक्षय शिंदे के ख़िलाफ़ महाराष्ट्र में आक्रोश उमड़ पड़ा। ऐसे में एक दिन ख़बर आई कि आरोपी अक्षय शिंदे का एनकाउंटर हो गया। क्योंकि जब आरोपी को इलाज के लिए ले जाया जा रहा था तो उस दौरान उसने एक कांस्टेबल की बंदूक छीन ली और पुलिस अधिकारी पर गोली चला दी, जिसकी वजह से एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। तो फिर पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे ने भी आरोपी पर गोली चलाई, जिसमें आरोपी अक्षय शिंदे घायल हो गया। अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इस एनकाउंटर के बाद महाराष्ट्र में तमाम जगह पोस्टर लगे, जिसमें सीएम फडणवीस के हाथ में पिस्टल थी और लिखा था बदलापुर का ‘बदला पूरा’। हालाँकि पोस्टर किसकी तरफ़ से लगवाए गए ये नहीं पता चला, ऐसे में खूब सियासत भी हुई, लेकिन जनता ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का समर्थन किया और कहा कि दरिंदों का इसी तरह से इलाज होना चाहिए।

मुख्यमंत्री रहते हुए देवेंद्र फडणवीस अपने फ़ैसलों से चर्चा में हो हैं ही, जब वो शिंदे सरकार में थे तब भी उनके काम की चर्चा थी। अब वो चाहे नागपुर के दंगाईयों को उनकी ही भाषा में सबक़ सिखाना हो, या फिर बांग्लादेशियों को महाराष्ट्र में काम करने पर रोक लगानी हो और अवैध घुसपैठियों पर बुलडोज़र चलाना हो या फिर औरंगजेब की कब्र को उखाड़ फेंकने पर बेबाक़ी से अपनी बात रखनी हो, सीएम फडणवीस के काम असरदार साबित हो रहे हैं।


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