Kejriwal के ‘सत्ते’ पर Modi मारेंगे ‘दहला’, अब दिल्ली में होगा बड़ा ‘खेल’ ?
Modi सरकार एक फरवरी को देश का आम बजट पेश करने वाली है लेकिन बजट पेश होने से पहले ही दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने सात बड़ी मांग रख कर मोदी सरकार को मुश्किल में डाल दिया है ।

दरअसल लगातार तीसरी बार सत्ता में आने वाली मोदी सरकार इस बार एक फरवरी को तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेगी। लेकिन ये बजट दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आने वाला है। दिल्ली में जहां पांच फरवरी को चुनाव हैं, तो वहीं एक फरवरी को आम बजट आने वाला है। यही वजह है कि आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर अभी से दबाव बनाना शुरू कर दिया है और 22 जनवरी को एक बयान जारी करते हुए पूर्व सीएम केजरीवाल ने मोदी सरकार के सामने सात बड़ी मांग रख दी।
केजरीवाल की 7 मांगें
- शिक्षा बजट को 2% से बढ़ाकर 10% किया जाए
- प्राइवेट स्कूलों की फीस पर नियंत्रण हो और उच्च शिक्षा के लिए सब्सिडी व छात्रवृत्ति दी जाए
- स्वास्थ्य बजट को 10% तक बढ़ाया जाए और स्वास्थ्य बीमा पर से टैक्स हटाया जाए
- इनकम टैक्स छूट सीमा को 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख किया जाए
- जरूरी सामानों पर लगने वाला जीएसटी पूरी तरह से खत्म किया जाए
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए मजबूत रिटायरमेंट प्लान बनाया जाए, उन्हें देशभर में मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाए
- रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों को पहले मिलने वाली छूट को दोबारा लागू किया जाए
बजट से पहले ही मोदी सरकार के सामने ये सात बड़ी मांगें रखते हुए पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश का बजट दो हफ्ते बाद आने वाला है। हमारी मांग है कि इस बार का बजट मिडिल क्लास के लिए हो क्योंकि मिडिल क्लास को हमेशा नजरअंदाज किया गया है। अब वक्त है कि उनके मुद्दों को प्राथमिकता दी जाए।
मोदी सरकार के सामने सात बड़ी मांग रखने के साथ ही पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने जनता से भी अपील करते हुए कहा कि आप लोग आम आदमी पार्टी की मिडिल क्लास मेनिफेस्टो वेबसाइट पर जाएं और आप अपना भी सुझाव देकर केंद्र सरकार तक आवाज पहुंचाएं जिससे सरकार भी आपकी आवाज सुनने के लिए मजबूर हो जाए।
एक फरवरी को आम बजट आने से पहले ही केजरीवाल ने मोदी सरकार के सामने जो सात बड़ी मांग रखी है, वो सारे मुद्दे आम आदमी से जुड़े हुए हैं। शिक्षा से लेकर बुजुर्गों के फ्री इलाज के लिए तो आवाज उठाई ही। इसके साथ ही मिडिल क्लास के लिए इनकम टैक्स सीमा को सात लाख से बढ़ाकर दस लाख करने की मांग भी की। और अब अगर मोदी सरकार इन सात मांगों को मानती भी है तो केजरीवाल क्रेडिट लेने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगे। और अगर मोदी सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो केजरीवाल मोदी सरकार को मिडल क्लास विरोधी बताने में भी कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। इसी बात से समझ सकते हैं कि विधानसभा चुनाव के बीच आ रहे आम बजट पर मोदी सरकार को केजरीवाल ने किस तरह से फंसा दिया है।