कुंडा के बाहुबली विधायक "राजा भैया" के दोनों बेटों की राजनीति में एंट्री, अक्षय प्रताप सिंह की मौजूदगी में जनसत्ता दल के सदस्य बने
रघुराज प्रताप सिंह प्रतापगढ़ की भदरी रियासत से ताल्लुक रखते हैं. उनका जन्म 31 अक्टूबर 1967 को हुआ था. उनका नाम रघुराज प्रताप सिंह है लेकिन लो उनको राजा भैया के नाम से जानते हैं.

यूपी के बाहुबली विधायक राजा भैया के दोनों बेटों ने राजनीति में कदम रख दिया है. आज चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह की मौजूदगी में राजा भैया के बड़े बेटे शिवराज प्रताप सिंह उर्फ बड़े राजा और बृजराज प्रताप सिंह उर्फ छोटे राजा ने जनसत्ता दल की सदस्यता ली. प्रतापगढ़ जिले के कुंडा विधानसभा की राजनीति में अब एक नया अध्याय जुड़ गया है. इस दौरान पार्टी के कई अन्य नेता भी मौजूद रहें.
राजा भैया के दोनों बेटे की राजनीति में एंट्री
बता दें कि राजा भैया के दोनों बेटों ने राजनीति में कदम रख दिया है. हालांकि, दोनों बेटे अक्सर किसी न किसी राजनीतिक आयोजन में दिखाई देते थे. राजा भैया के साथ भी वह कई मंच पर अक्सर नजर आते रहते हैं. लेकिन आज ऑफीशियली तौर पर कुंडा के बाबूगंज स्थित केंद्रीय कार्यालय पर उनके बड़े बेटे शिवराज प्रताप सिंह उर्फ बड़े राजा और बृजराज प्रताप सिंह उर्फ छोटे राजा को पार्टी के जिलाध्यक्ष श्री राम अचल वर्मा ने प्राथमिक सदस्यता दिलाई. दोनों ही बेटे पिछले साल पिता के प्रचार-प्रसार में भी नजर आए थे.
इस दौरान पार्टी की सदस्यता प्राप्त करने के बाद राजा भैया के छोटे बेटे ब्रजराज प्रताप सिंह उर्फ छोटे राजा ने कहा कि "मैं पार्टी को मजबूत बनाने के साथ सभी वर्गों और युवाओं को साथ लेकर चलूंगा. जनसत्ता दल सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि लोगों की उम्मीदों की आवाज है." दोनों की सदस्यता के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर केएन ओझा और चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह भी मौजूद रहें. दोनों को कूपन भरवाने के बाद सदस्यता दिलाई गई. बीते कई दशकों से प्रतापगढ़ जिले के कुंडा विधानसभा के अलावा आसपास के कई जिलों में अपना वर्चस्व कायम रखने वाले राजा भैया के परिवार में अब एक नया अध्याय जुड़ गया है.
कुंडा विधायक राजा भैया के परिवार में कितने सदस्य
बता दें कि राजा भैया के दो बेटे और दो बेटियां हैं. इनमें दोनों बेटे और बेटियां जुड़वा हैं. राजा भैया का पत्नी भानवी सिंह के साथ विवाद चल रहा है. जिसकी वजह से दोनों बेटियां उन्हीं के साथ रहती हैं.
राजा भैया के दोनों जुड़वा बेटों का जन्म साल 2003 में हुआ था. उस दौरान राज्य में मायावती की सरकार थी. वह भाजपा के समर्थन से प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थी. उसी दौरान पोटा के तहत राजा भैया को जेल में डलवाया गया था. इस दौरान वह 10 महीनों तक जेल में रहें थे. लेकिन भाजपा ने बाद में अपना समर्थन वापस ले लिया. जिसके बाद सरकार गिर गई. इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने बसपा के बागी और कई निर्दलीय विधायकों के सहयोग से सरकार बनाई. फिर पोटा के तहत राजा भैया पर लगे सभी मुकदमे खारिज कर दिए गए. राजा भैया के जेल से निकलते ही मुलायम सिंह यादव ने उन्हें मंत्री बनाया था.
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