नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़: रेल मंत्री, रेलवे बोर्ड और सरकार इन सवालों का जवाब कब देंगे?
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार देर रात मची भगदड़ में करीब 18 यात्रियों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायल यात्रियों को LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया है, मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार देर रात मची भगदड़ में करीब 18 यात्रियों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें दिल्ली के LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हादसे में हताहतों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कुछ घायल यात्री गंभीर हालत में हैं। प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने इस दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया है। हालांकि, रेलवे ने जानकारी दी है कि स्पेशल ट्रेनों के जरिए भीड़ को नियंत्रित किया गया है।
#WATCH | Stampede at New Delhi railway station | A porter (coolie) at the railway station says "I have been working as a coolie since 1981, but I never saw a crowd like this before. Prayagraj Special was supposed to leave from platform number 12, but it was shifted to platform… pic.twitter.com/cn2S7RjsdO
— ANI (@ANI) February 16, 2025
महाकुंभ के बाद अब नई दिल्ली जंक्शन पर भगदड़, जिम्मेदार कौन?
जानकारी के मुताबिक, प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर पटना जाने वाली मगध एक्सप्रेस खड़ी थी, जबकि प्लेटफॉर्म 15 पर जम्मू की ओर जाने वाली उत्तर संपर्क क्रांति खड़ी थी। घटना उस समय हुई जब यात्री फुट ओवर ब्रिज से प्लेटफॉर्म की ओर जा रहे थे, और सीढ़ियों पर फिसलकर गिर गए, जिससे अन्य यात्री भी चपेट में आ गए। एक और खबर के अनुसार, गाड़ियों के प्लेटफॉर्म बदलने के कारण भी भगदड़ मचने का कारण बताया जा रहा है, हालांकि उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने इस अफवाह का खंडन किया। इस दुर्घटना की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा जांच की जा रही है। सवाल यह उठता है कि प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर अचानक इतनी भारी भीड़ कैसे जमा हो गई, जिसके कारण अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हुई। रेलवे प्रशासन इस स्थिति में क्या कर रहा था? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेलवे ने प्लेटफॉर्म बदलने का ऐलान आखिरी वक्त पर किया, जिससे यात्री भागने लगे और दुर्घटना घटी। इसके अलावा, दो ट्रेनें, जो प्रयागराज जाने वाली थीं, अचानक रद्द होने की अफवाह फैलने से यात्रियों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई।
रेलवे ने बेचे हर घंटे 1,500 जनरल टिकट, क्या भीड़ बढ़ने का अंदेशा नहीं हुआ?
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बढ़ी हुई भीड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रेलवे ने हर घंटे 1,500 जनरल टिकट बेचे। इससे यह साफ हो जाना चाहिए था कि स्टेशन पर भारी भीड़ आने वाली है। टिकट न मिलने की वजह से हज़ारों यात्री परेशान हो रहे थे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि रेलवे प्रशासन ने इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए?
प्लेटफॉर्म नंबर 14, 15 और 16 पर भीड़ कैसे बढ़ जाने दिया गया?
वीकेंड होने, स्पेशल ट्रेनों के चलने और आखिरी वक्त में प्लेटफॉर्म में बदलाव के कारण प्लेटफॉर्म नंबर 14, 15 और 16 पर अचानक भारी भीड़ जमा हो गई, जिससे भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। सीढ़ियों पर चढ़ते समय कई यात्रियों के पैर फिसले, जिससे कई अन्य यात्री चपेट में आ गए।
प्रयागराज स्पेशल ट्रेन का प्लेटफॉर्म क्यों बदल दिया और पहले क्यों नहीं बताया?
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लगभग 44 साल से काम कर रहे एक कुली ने रेलवे की पोल खोलते हुए कहा कि उसने पहले कभी ऐसी भारी भीड़ नहीं देखी। उसने बताया कि प्रयागराज स्पेशल ट्रेन को प्लेटफॉर्म नंबर 12 से रवाना होना था, लेकिन उसे अचानक प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर भेज दिया गया। जब प्लेटफॉर्म 12 पर खड़ी भीड़ और बाहर इंतजार कर रही भीड़ ने प्लेटफॉर्म 16 पर जाने की कोशिश की, तो लोग आपस में टकराने लगे और कई लोग एस्केलेटर और सीढ़ियों पर गिर गए।
नई दिल्ली स्टेशन पर भगदड़ का जिम्मेदार कौन?
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के कारणों की जांच चल रही है। हालांकि, रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अचानक बढ़ी हुई भीड़ और प्लेटफॉर्म बदलने ने स्थिति को और जटिल बना दिया। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सही सूचना का अभाव और टिकट बिक्री में भारी वृद्धि ने इस भगदड़ को जन्म दिया। वहीं, कुछ लोग रेलवे की पूर्व-निर्धारित योजना में कमी और अपर्याप्त सुरक्षा उपायों को इसके कारण मान रहे हैं। पुलिस की लापरवाही भी इस मामले में सामने आ रही है। रेलवे बोर्ड ने घटना के बाद स्पेशल ट्रेनें चला कर स्थिति को नियंत्रण में किया, लेकिन सवाल यह है कि क्या पहले से ही ट्रेनों का संचालन नहीं किया जा सकता था?
क्या रेल मंत्री जिम्मेदारी लेंगे?
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई इस भगदड़ की पूरी जिम्मेदारी रेलवे पर बनती है। रेलवे ने इस तरह की भारी भीड़ से निपटने के लिए तैयारी क्यों नहीं की? अगर इतने सारे जनरल टिकट बेचे गए थे, तो यह संकेत मिल जाना चाहिए था कि स्टेशन पर भीड़ बढ़ने वाली है। रेलवे बोर्ड क्या सिर्फ मुनाफा कमाने के लिए काम कर रहा है? जिन यात्रियों को पहले से टिकट मिल चुका था, उन्हें सीट नहीं मिल रही थी, और जो लोग टिकट लेना चाहते थे, उन्हें टिकट नहीं मिल रही थी। ऐसे में रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड को इस मुद्दे पर जवाबदेही तय करने की आवश्यकता है।
Advertisement