TUESDAY 29 APRIL 2025
Advertisement

क्या दिल्ली में जन्मा कोई नेता कभी बना मुख्यमंत्री? जानिए रोचक इतिहास

दिल्ली की राजनीति में हमेशा से बाहरी राज्यों से आए नेताओं का दबदबा रहा है। 1993 में पहली बार दिल्ली विधानसभा चुनाव हुए, लेकिन तब से लेकर अब तक 9 मुख्यमंत्रियों में से सिर्फ एक का जन्म दिल्ली में हुआ है—आतिशी मार्लेना। दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना पाकिस्तान के फैसलाबाद में जन्मे थे, जबकि शीला दीक्षित, अरविंद केजरीवाल, सुषमा स्वराज और रेखा गुप्ता जैसी बड़ी राजनीतिक हस्तियां भी दिल्ली से बाहर की हैं।

क्या दिल्ली में जन्मा कोई नेता कभी बना मुख्यमंत्री? जानिए रोचक इतिहास
देश की राजधानी दिल्ली, जो भारत की राजनीतिक और प्रशासनिक शक्ति का केंद्र रही है, एक बार फिर से चर्चा में है। हाल ही में रेखा गुप्ता को भाजपा की ओर से दिल्ली की नई मुख्यमंत्री चुना गया, जिससे वह दिल्ली की नौवीं मुख्यमंत्री बनीं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब तक दिल्ली की राजनीति की कमान संभालने वाले मुख्यमंत्रियों में से अधिकांश का जन्म दिल्ली में नहीं हुआ? यह तथ्य दिल्ली की राजनीति के एक दिलचस्प पहलू को उजागर करता है।
दिल्ली में राजनीति करने वाले अधिकांश नेता बाहरी राज्यों से आए हैं और यही लोग मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी बैठे हैं। 1993 में पहली बार दिल्ली विधानसभा चुनाव हुए, जिसके बाद से अब तक 9 मुख्यमंत्री दिल्ली की सत्ता संभाल चुके हैं। लेकिन इनमें से केवल एक मुख्यमंत्री ऐसी हैं जिनका जन्म दिल्ली में हुआ है— आतिशी मार्लेना। हालांकि, उनके माता-पिता भी दिल्ली के नहीं थे। तो आखिर क्यों दिल्ली में जन्मे नेता मुख्यमंत्री बनने से चूक जाते हैं? और कैसे बाहरी राज्यों से आए नेता इस कुर्सी तक पहुंचने में कामयाब होते हैं? आइए जानते हैं विस्तार से।

दिल्ली के कौन मुख्यमंत्री कहां से आए?

दिल्ली में अब तक नौ मुख्यमंत्री बन चुके हैं, जिनमें से अधिकांश का जन्म दिल्ली के बाहर हुआ है। आइए, दिल्ली के हर मुख्यमंत्री की जन्मभूमि और राजनीतिक सफर पर एक नजर डालें।
1. मदन लाल खुराना (1993-1996)
दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री बने मदन लाल खुराना, जो 15 अक्टूबर 1936 को ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के ल्यालपुर (अब फैसलाबाद, पाकिस्तान) में जन्मे थे। भारत विभाजन के दौरान उनका परिवार दिल्ली आकर बस गया। वह मोती नगर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री बने।
2. साहिब सिंह वर्मा (1996-1998)
दिल्ली के दूसरे मुख्यमंत्री बने साहिब सिंह वर्मा, जिनका जन्म 15 मार्च 1943 को दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर बसे मुंडका गांव में हुआ था। इस क्षेत्र पर पहले हरियाणा का प्रभाव था और आज भी यहां हरियाणवी बोली जाती है।
3. सुषमा स्वराज (1998)
दिल्ली की तीसरी मुख्यमंत्री बनीं सुषमा स्वराज, जिन्होंने मात्र 52 दिन ही इस पद पर कार्य किया। उनका जन्म 14 फरवरी 1952 को अंबाला छावनी, पंजाब (अब हरियाणा) में हुआ था।
4. शीला दीक्षित (1998-2013)
दिल्ली की राजनीति में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को कपूरथला, पंजाब में हुआ था। वह 15 साल तक लगातार दिल्ली की सत्ता में बनी रहीं और दिल्ली के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
5. अरविंद केजरीवाल (2013-2014, 2015-2024)
अरविंद केजरीवाल, जिन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) की स्थापना की और तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने, उनका जन्म 16 अगस्त 1968 को हिसार, हरियाणा में हुआ था।
6. आतिशी मार्लेना (2024-2025)
दिल्ली की एकमात्र मुख्यमंत्री, जिनका जन्म दिल्ली में हुआ, वह हैं आतिशी मार्लेना। हालांकि, उनके माता-पिता भी मूल रूप से पंजाबी राजपूत समुदाय से हैं।
7. रेखा गुप्ता (2025-वर्तमान)
वर्तमान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का जन्म हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ गांव में हुआ था। दो साल की उम्र में उनका परिवार दिल्ली आ गया और यहीं उनकी शिक्षा-दीक्षा हुई।

दिल्ली की राजनीति पर बाहरी नेताओं का दबदबा क्यों?

यह सवाल बार-बार उठता है कि दिल्ली जैसे महानगर में जन्मे नेता ही मुख्यमंत्री क्यों नहीं बन पाते? इसके पीछे कई कारण हो सकते है, जैसे दिल्ली की बहुसांस्कृतिक जनसंख्या। दरअसल दिल्ली एक महानगर है, जहां हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल जैसे राज्यों से आकर बसे लोगों की बड़ी संख्या है। यही कारण है कि राजनीति में भी इन्हीं समुदायों का दबदबा रहता है। इसके अलावा दिल्ली की राजनीति स्थानीय मुद्दों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति से भी जुड़ी होती है। इसलिए, कई बार बाहरी राज्यों से आने वाले बड़े नेताओं को यहां मौका मिल जाता है। ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि दिल्ली के स्थानीय नेताओं की तुलना में बाहरी राज्यों से आए नेताओं की पकड़ मजबूत होती है। भाजपा और कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियां ऐसे नेताओं को प्राथमिकता देती हैं, जिनका राजनीतिक कद बड़ा हो और जिनकी पहुंच बाहरी राज्यों तक भी हो।

दिल्ली में जन्मे मुख्यमंत्री क्यों नहीं बने?

दिल्ली के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने का सपना देखने वाले स्थानीय नेताओं के लिए राह आसान नहीं रही है। कई कारणों से दिल्ली में जन्मे नेता इस पद तक नहीं पहुंच पाए। जैसे स्थानीय नेतृत्व का अभाव, यानी दिल्ली में स्थानीय राजनीतिक दल कभी इतने मजबूत नहीं हुए कि वे किसी दिल्ली में जन्मे नेता को मुख्यमंत्री बना सकें। कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी जैसी बड़ी पार्टियां अक्सर बाहरी नेताओं को तवज्जो देती हैं, क्योंकि उनकी पहुंच व्यापक होती है। दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है, इसलिए इसकी राजनीति काफी हद तक केंद्र सरकार पर निर्भर रहती है। मुख्यमंत्री का पद होने के बावजूद, कई अधिकार उपराज्यपाल और केंद्र सरकार के पास होते हैं।
दिल्ली की राजनीति का यह अनोखा पहलू कि यहां के मुख्यमंत्री अक्सर बाहर के राज्यों में जन्मे होते हैं, यह दिखाता है कि दिल्ली की जनता नेता को उसकी क्षमता, योग्यता और जनहित के कार्यों के आधार पर चुनती है, न कि उसके जन्मस्थान के आधार पर। हालांकि, भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कोई ऐसा नेता मुख्यमंत्री बनेगा, जिसका जन्म और परवरिश पूरी तरह से दिल्ली में हुई हो। या फिर दिल्ली की सत्ता की चाबी बाहरी राज्यों से आए नेताओं के हाथों में ही बनी रहेगी?
Source- आईएएनएस

Tags

लाइव अपडेट
Advertisement
Captain (Dr.) Sunaina Singh का ये Podcast आपकी जिंदगी में Positivity भर देगा !
Advertisement