प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ मेले को लेकर संत अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यह धार्मिक आयोजन हिंदू धर्म की पवित्रता और मान्यताओं पर आधारित है। उनके अनुसार, महाकुंभ का उद्देश्य केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए है, जो गंगा-यमुना में स्नान करके पापों से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति में विश्वास रखते हैं।
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धर्म ज्ञान06 Nov, 202406:33 PMमहाकुंभ में मुसलमानों की दुकानें लगने पर संत अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा बयान
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न्यूज06 Nov, 202404:23 PMमहाकुंभ के लिए श्रद्धालुओं को दी जा रही है सुविधा, सड़कों को बनाया जा रहा बेहद ही शानदार
Mahakumbh 2025: महाकुंभ के केंद्रीय स्थल संगम की ओर जाने वाली सड़कों के चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण का कार्य भी अंतिम चरण में है। इसे 30 नवंबर तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित है।
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धर्म ज्ञान04 Nov, 202411:33 PMडिजिटल महाकुंभ 2024: अब गूगल बताएगा आपको महाकुंभ का रास्त, बिना परेशानी गंतव्य तक पहुंचाएगा
2024 के महाकुंभ में पहली बार गूगल नेविगेशन को विशेष रूप से मेला क्षेत्र के लिए इंटीग्रेट किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के हर महत्वपूर्ण स्थान तक पहुंच सकेंगे। यह कदम गूगल और महाकुंभ मेला प्राधिकरण के बीच हुए एक एमओयू के तहत उठाया गया है, जो नवम्बर के अंत तक लॉन्च किया जाएगा। इस नवाचार से भक्तजन संगम तट, विभिन्न अखाड़ों और मंदिरों तक पहुंचने में आसानी पाएंगे।
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धर्म ज्ञान03 Nov, 202406:06 PMमहाकुंभ 2025: प्रयागराज में जूना अखाड़े के साधु-संतों का नगर प्रवेश
प्रयागराज में 2025 में होने वाले महाकुंभ मेले का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा, जिसमें लाखों श्रद्धालु और साधु-संत एकत्रित होंगे। इस महाकुंभ में जूना अखाड़े के साधु-संतों का नगर प्रवेश एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जो मेले का शुभारंभ करने के लिए किया जाता है।
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राज्य02 Nov, 202401:29 PMज़ोरों शोरों से चल रही हैं प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियां, 50 परियोजनाओं ने पकड़ी गति
महाकुंभ के शुभारंभ में अभी 70 दिनों से ज्यादा का समय है, जिसे देखते हुए पीडीए का उद्देश्य 31 परियोजनाओं को 15 नवंबर तक पूर्ण कर लेना है, ताकि जल्द से जल्द शहर के बुनियादी ढांचे में सुधार लाया जा सके। बाकी बची 15 परियोजनाओं को 30 नवंबर तक पूरा करने की योजना है। इनमें सड़कों का चौड़ीकरण, ड्रेनेज सिस्टम, लाइटिंग, और अन्य बुनियादी सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण शामिल है। इससे शहर में यातायात सुगम होगा और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।