4 June को जब चुनावी नतीजे आए तो। मोदी और योगी भी सन्न रह गये। क्योंकि पूरे यूपी में बीजेपी जहां महज 33 सीटों पर ही सिमट गई। तो वहीं फैजाबाद सीट पर भी उसे हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद बीजेपी जहां आज भी मंथन पर मंथन कर रही है। तो वहीं दृष्टि आईएएस कोचिंग संस्थान के मालिक विकास दिव्यकीर्ति ने अयोध्या में मिली बीजेपी की हार पर बड़ा बयान दे दिया है ।
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न्यूज23 Jul, 202410:58 AMAyodhya में Modi को क्यों मिली मात, Vikas Divyakirti ने बताई बड़ी वजह
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न्यूज22 Jul, 202411:19 AMYogi या Keshav Maurya: चुनावी मैदान में कौन सबसे 'ताकतवर'
चुनावी नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश में विवाद है कि थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। ये विवाद तो अब इस स्तर पर पहुंच गया है कि लोग यहां तक कहने लगे हैं कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने योगी सरकार के खिलाफ बगावत कर दी है।और जल्द ही योगी को सत्ता से भी हटाया जा सकता है। इन तमाम अटकलों के बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि राजनीति के मैदान में सबसे ज्यादा तकतवर कौन है।
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न्यूज18 Jul, 202411:33 AMCongress की खुल गई 'पोल' Supriya Shrinate का दावा निकला 'फर्जी
कांग्रेस को मोदी की छवि कमजोर करने के लिए एक नैरेटिव सेट करना था। इसीलिये उपचुनाव में विपक्ष की जीत को सुप्रिया श्रीनेत इंडिया गठबंधन की जीत बताने लगीं।लेकिन इस जीत की असली हकीकत क्या है।हम आपको बताएंगे।वो भी एक-एक सीट के विश्लेषण के साथ, देखिये खास रिपोर्ट ।
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न्यूज12 Jul, 202406:28 PMसंसद में कौन पूरी करेगा Smriti Irani की कमी, क्या फिर से Modi भेजेंगे संसद
सद में बात जब भी राहुल गांधी को मुंहतोड़ जवाब देने की आती थी तो। स्मृति ईरानी ही वो केंद्रीय मंत्री थीं जो हर मोर्चे पर उन्हें उन्हीं की भाषा में जवाब देती थीं। इसी बात से समझ सकते हैं कि इस बार संसद में मोदी सरकार को स्मृति ईरानी की कमी जरूर खलेगी। लेकिन ये कमी दूर करने के लिए अभी भी पीएम मोदी के पास मौका है।
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न्यूज11 Jul, 202410:49 AMपत्रकार Ajeet Bharti ने Rahul Gandhi को क्यों बता दिया मृतक पर्यटन का ब्रांड अंबेसडर
बात जब पंजाब। तमिलनाडु। बंगाल में हो रहे अत्याचार की आती है तो राहुल गांधी आंखों पर पट्टी बांध कर धृतराष्ट्र बन जाते हैं। और जब बीजेपी शासित यूपी में हाथरस कांड होता है। मणिपुर में बवाल मचता है तो। कांग्रेस के यही जननायक कैमरों की फौज लेकर कभी हाथरस पहुंच जाते हैं। तो कभी मणिपुर पहुंच जाते हैं, क्या सेलेक्टिव विरोध की राजनीति करते हैं राहुल गांधी ?