कुंभ में मुसलमानों की दुकान का वीडियो वायरल, भड़के हिंदुओं ने की कार्रवाई की मांग!
कुंभ में मुस्लिमों की एंट्री पर बवाल मचा हुआ था. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है जिसमें एक दुकान पर दो मुस्लिम युवक पकड़े बेचते नज़र आ रहे हैं ऐसे में दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो कुंभ का है. और मुसलमानों के व्यापार पर रोक के बाद भी दुकानें लगी हुई है यूपी पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन ले

महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता के जितने ज़्यादा चर्चे हो रहे हैं। उतने ही विवाद भी खड़े होते दिख रहे हैं। पहले वायरल गर्ल मोनालिसा को साथ भीड़ के बर्ताव पर सवाल उठे। और अब मुसलमानों को लेकर कुंभ में नया विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि कुंभ में मुसलमानों ने दुकानें लगाई है। मुस्लिम कुंभ में जमकर व्यापार कर रहे हैं। जिसपर हिंदू समाज बुरी तरह भड़क उठा है। दीपक शर्मा नाम के यूज़र ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए जमकर भड़ास निकाली है।कैप्शन में लिखा है-
"महाकुंभ में मुल्ला कैसे ? वीडियो महाकुंभ के खादी भवन स्टाल की बताई जा रही है जिसमें जिहादी को स्पष्ट पहचाना जा सकता है। यूपी पुलिस कृपया सज्ञान लें, यदि ये वीडियो सत्य है तो कृपया सख़्त से सख़्त कार्रवाई करें"
ये वीडियो कुंभ में किस सेक्टर का है बकायदा इसका पता ट्वीट में लिखा गया है। "अब समझिए क्यों ये विवाद मुसलमानों के नाम पर भड़का। दरअसल महाकुंभ हिंदुओं की आस्था का महापर्व है। तो ऐसे में कुछ मुस्लिम लोग ना सिर्फ़ कुंभ पर अपनी भड़ास निकाल रहे थे। बल्कि कुंभ मेला जिस जमीन पर लगा है। उसे वक़्फ़ बोर्ड की ज़मीन बता रहे थे। ऐसे में अखाड़ा परिषद ने एक प्रस्ताव भी जारी किया। जिसमें महाकुंभ मेले में किसी भी मुसलमान के व्यापार करने पर रोक लगाई गई है। ये रोक इसलिए लगाई गई ताकी कुंभ में कोई भी अशांति ना फैले। कोई भी बवाल ना हो। धर्म के नाम पर कोई हिंदुओं की आस्था के महापर्व में ख़लल ना डाल पाए। हालाँकि ये रोक मुसलमानों के मसीहा बनने वाले मौलानाओं को खटक गई। तुरंत अखाड़ा परिषद के ख़िलाफ़ मौलाना शहाबुद्दीन रजवी माहौल बनाने बैठ गए।
मौलाना साहब कर रहे हैं कि कुंभ वक़्फ़ की ज़मीन पर लग रहा है। और मुसलमानों ने वक़्फ़ की जमीन कुंभ के लिए छोड़कर बड़ा दिया दिखाया है। खैर जैसे ही मौलाना साहब बोले तुरंत बीजेपी नेताओं से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बौखलाने वालों की बोलती बंद कर दी। छूटते ही इतिहास खोदते हुए जवाब दिया और कहा "मैं पूछना चाहता हूं कि कुंभ की परंपरा जितनी प्राचीन है, हजारों सालों की विरासत के साथ जुड़ी है, हम किसी मत और मजहब के खिलाफ नहीं है। लेकिन हम इतिहास देखें तो 1400 वर्षों का इस्लाम का इतिहास है। 1400 सालों के अपने इतिहास को कोई हजारों वर्षों के इस विरासत पर थोपने का प्रयास करेगा तो वह कतई किसी को स्वीकार्य नहीं होगा इसीलिए हम कहते हैं कि जो लोग ऐसा दावा कर रहे हैं वह मानसिकता किसी पवित्र उद्देश्य से नहीं हो सकती।
खैर अब कुंभ में जिस तरीक़े से मुसलमानों के व्यापार पर रोक लगाई गई। उसके बावजूद भी दुकानें लगाई गई। जिससे हिंदू पक्ष भड़का हुआ है और आगे कार्रवाई की मांग उठाई है।
इन मुल्लों को भारत देश के पवित्र मेला महाकुंभ से भी कोई मतलब नहीं है।जबकि साधुसंतों के द्वारा कह दिया गया है कि कोई भी मुल्ला दुकान नहीं लगायेगा।लेकिन ये लोग सम्मान न करते हुए दुकान खोल लिए हैं।कम से कम धार्मिक आयोजन से तो दूर रहना चाहिए।इनका काम ही खलल डालना है।
इसके साथ ही एक ओर यूज़र ने आगे लिखा "क्या चल रहा है ? कहीं कोई दुर्घटना हुई तो कौन ज़िम्मेदार होगा ?
इसके साथ ही सोशल मीडिया पर ये भी दावा किया जा रहा है कि इस तरह की दुकानें कुंभ में नहीं लगती है। खैर हम भी इस वीडियो की पुष्टी नहीं करते। लेकिन इस वीडियो को वायरल कर इसी तरह के तमाम दावे किए जा रहे हैं। वहीं अनामिका नाम की एक और यूज़र ने आगे लिखा "आप कुछ भी कहिए यह दुकान कुंभ की तो नहीं लग रही। यह किसी साधारण मेले की दुकान लग रही है। क्योंकि इस तरह की दुकान कुंभ मेले में नहीं लगती।लेकिन फिर भी संज्ञान में लेना जरूरी है "
वैसे तो महाकुंभ कोई वायरल विषय नहीं है, यह एक आस्था का प्रतीक है। जो सनातन सांस्कृतिक धरोहर को समझने के लिए महत्वपूर्ण है। महाकुंभ एक ऐसा आयोजन है जो न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। लेकिन कुछ लोग कुंभ को बदनाम करने के लिए तमाम कोशिशों में जुटे हैं। जिन्हें सबक़ सिखाने के लिए यूपी पुलिस भी अलर्ट मोड़ में है।
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