UP की एक मस्जिद में नमाज पढ़ने पर क्यों लगी रोक, एक करोड़ जुर्माने का भी किया ऐलान !
Yogi के UP में इस एक मस्जिद में रमजान के दौरान नमाज पढ़ने पर क्यों लगा दी गई रोक, रोक के बावजूद नमाज पढ़ने पर एक करोड़ रुपये का लगाया जाएगा जुर्माना ?

भगवाधारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश में अभी इसी बात को लेकर बहस छिड़ी हुई थी कि एक ही दिन पड़ी हिंदुओं की होली और मुस्लिमों की जुमे की नमाज को सरकार कैसे संपन्न कराएगी। कि अब एक और नया विवाद छिड़ गया है। इस बार तो ये विवाद भी ऐसा है कि नमाज पढ़ने पर ही रोक लगा दी गई है।और अगर नमाज भी पढ़ी तो सीधे एक करोड़ रुपये का जुर्माना ठोक दिया जाएगा।
जी हां आपने बिल्कुल सही सुना। ये मामला दरअसल उत्तर प्रदेश के जिला फर्रुखाबाद का है। जहां फतेहगढ़ इलाके में एक म्युनिसिपल इंटर कॉलेज है। जिसके परिसर में मस्जिद भी बनाई गई है। जहां पिछले कई सालों से नमाज भी होती रही है। लेकिन यूपी बोर्ड की परीक्षा की वजह से अब एक नया विवाद शुरु हो गया है। क्योंकि जिस MIC कॉलेज में ये मस्जिद है। उस कॉलेज को परीक्षा केंद्र बनाया गया है।जहां छात्र परीक्षा दे रहे हैं।लेकिन इसके बावजूद मस्जिद में नमाज हो रही है।जिससे छात्रों के साथ साथ शिक्षकों को भी परेशानी होती है। इस बात की शिकायत जब फर्रुखाबाद के डीएम तक पहुंची तो उन्होंने एक आदेश जारी करते हुए नमाज पढ़ने पर ही रोक लगा दी है।क्योंकि कॉलेज में बोर्ड परीक्षाएं तो हो ही रही हैं। स्ट्रॉन्ग रूम भी बनाए गये हैं। इसीलिये डीएम ने नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगर रोक के बावजूद मस्जिद में नमाज पढ़ी गई तो एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा।जैसे ही डीएम ने सख्त आदेश दिया मुस्लिमों में जैसे हड़कंप मच गया।और तुरंत ज्ञापन देने के लिए डीएम आवास पहुंच कर डीएम से गुहार लगाने लगे कि आजादी से पहले यह मस्जिद म्युनिस्पल इंटर कॉलेज में बनी हुई है।यहां रमजान में नमाज और तरावीह की जाती रही है।
कॉलेज के प्रिसिंपल ने जहां आरोप लगाया कि पहले ये चबूतरा होता था जिसे लोगों ने मस्जिद बना दिया। तो वहीं मुस्लिम पक्ष ने दावा किया कि आजादी से पहले से ही यहां मस्जिद है।कॉलेज तो बाद में बना।
मुस्लिम पक्ष लगातार गुहार लगाता रहा लेकिन इसके बावजूद डीएम ने नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी। क्योंकि दिन में यहां यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा होती है और प्रश्न पत्र रखने के लिए यहीं स्ट्रांग रूम भी बनाया गया है। इसीलिए पुलिस ने कॉलेज परिसर में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी ।और ये रोक तब तक जारी रहेगी जब तक बोर्ड परीक्षा जारी रहेगी। तो वहीं मस्जिद के बारे में डीएम ने बताया कि जिस जगह कॉलेज है वहां पहले सराय थी। तभी यहां छोटी मस्जिद बना ली गई।और 1947 में कॉलेज बनने के बाद भी मस्जिद बनी रही। वैसे तो सामान्य दिनों में लोग यहां शाम को नमाज पढ़ने पहुंचते थे। लेकिन रमजान की वजह से अब यहां पांचों वक्त की नमाज और तरावीह पढ़ने के लिए लोग पहुंचने लगे।
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