SATURDAY 19 APRIL 2025
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दिल्ली CM आतिशी 'मार्लेना' से क्यों बनी 'सिंह', नाम बदलने के पीछे की बताई वजह

दिल्ली की मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने हाल ही में अपने नाम में हुए बदलाव को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने अपने नाम से 'मार्लेना,' जोकि मार्क्स और लेनिन से प्रेरित था, हटाने की वजह बताई। यह फैसला उन्होंने 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले लिया था।

दिल्ली CM आतिशी 'मार्लेना' से क्यों बनी 'सिंह', नाम बदलने के पीछे की बताई वजह
दिल्ली की मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने अपने नाम को लेकर हमेशा चर्चा बटोरी है। उनका नाम कभी आतिशी मार्लेना के रूप में सामने आया तो कभी सिर्फ आतिशी। हाल ही में, उन्होंने अपने नाम में हुए बदलावों को लेकर एक बड़ा खुलासा किया, जिसने राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में हलचल मचा दी।

नाम से 'मार्लेना' हटाने की वजह का खुलासा

एक टीवी इंटरव्यू में आतिशी ने स्पष्ट किया कि उनके नाम में हुए बदलाव राजनीति और सामाजिक दृष्टिकोण से प्रेरित थे। 'मार्लेना', जोकि मार्क्स और लेनिन के नामों से प्रेरित था, को उन्होंने 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले अपने नाम से हटा दिया। उन्होंने बताया कि राजनीति में प्रवेश के बाद उनके काम से ज्यादा उनके नाम पर बहस होने लगी थी। आतिशी ने कहा, "जब मैं राजनीति में आई, तो मेरे नाम पर चर्चा ज्यादा होने लगी और मेरे काम पर ध्यान कम। हमें राजनीति से ऊपर उठकर काम की राजनीति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इसलिए, मैंने अपने नाम से 'मार्लेना' हटाने का फैसला किया।"

आतिशी का असली सरनेम 'सिंह' है, लेकिन उन्होंने इसे भी अपने नाम से हटा दिया। उन्होंने बताया कि भारत में जाति एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और अक्सर लोग किसी व्यक्ति का आकलन उनके जातिगत नाम के आधार पर करते हैं। इस मानसिकता को तोड़ने के लिए उन्होंने 'सिंह' को अपने नाम से हटा दिया। आतिशी ने कहा, "भारत में जाति की पहचान बहुत गहरी है। लोग अक्सर जाति के आधार पर आपका आकलन करते हैं, जो एक गलत परंपरा है। इसलिए, मैंने 'सिंह' को अपने नाम से हटाकर सिर्फ 'आतिशी' रखने का फैसला किया।"

जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने अपने परिवार की सहमति से यह कदम उठाया, तो आतिशी ने स्वीकार किया कि यह उनका व्यक्तिगत और साहसिक निर्णय था। उन्होंने कहा, "युवाओं के फैसले अक्सर माता-पिता की सहमति से नहीं होते। युवा क्रांतिकारी होते हैं और नई पीढ़ी हमेशा पिछली पीढ़ी से अलग सोचती है।" उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता ने 'मार्लेना' नाम इसलिए दिया था क्योंकि वह वामपंथी विचारधारा से प्रेरित थे। हालांकि, आतिशी ने इसे बदलने का फैसला खुद की राजनीतिक जरूरतों और सामाजिक दृष्टिकोण के आधार पर लिया।
विपक्ष की प्रतिक्रिया और आरोप
नाम बदलने के फैसले पर भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि यह कदम जातिगत राजनीति से फायदा उठाने के लिए उठाया गया। लेकिन आतिशी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका यह फैसला समाज में जाति आधारित मानसिकता को तोड़ने के उद्देश्य से था। आतिशी ने अपने काम के दम पर पहचान बनाई है। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में उनके प्रयासों को व्यापक सराहना मिली है। उन्होंने राजनीति में जातिगत और धार्मिक भेदभाव से ऊपर उठकर काम की राजनीति को प्राथमिकता दी है।

आतिशी का नाम बदलने का सफर सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि उनके विचारों और सामाजिक दृष्टिकोण का प्रतीक है। उन्होंने अपने नाम को लेकर जो खुलासा किया है, वह समाज में जातिगत और धार्मिक भेदभाव पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। यह कहानी न केवल राजनीति के बदलते स्वरूप को दिखाती है, बल्कि युवाओं के साहसिक फैसलों की ताकत को भी दर्शाती है।

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