‘मुस्लिमों के साथ सौतेला व्यवहार’, योगी से पंगा लेकर फंसीं मायावती !
बसपा प्रमुख मायावती पिछले काफ़ी वक़्त से सुर्ख़ियों में बनी हुई हैं। मायावती ने हाल ही में मोदी सरकार और योगी सरकार के लिए कहा है कि वो मुसलमानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। देखिये ये रिपोर्ट।

बसपा सुप्रिमो मायावती जबरदस्त फ़ॉर्म में नज़र आ रही हैं। कई राज्यों के चुनावों में उन्हें भले ही सफलता ना मिली हो लेकिन उनका और उनकी पार्टी का कॉन्फीडेंस कम नहीं हो रहा है। सख़्ती के लिए जानी जाने वालीं मायावती आज भी पार्टी की विचारधारा के ख़िलाफ़ किसी को जाते हुए देखती हैं तो एक्शन लेने से पीछे नहीं हटती हैं। तभी तो जैसे ही उन्हें लगा कि उनके भतीजे आकाश आनंद पार्टी लाइन से थोड़ा हट रहे हैं तुरंत उनके ख़िलाफ़ सख़्त एक्शन ले लिया गया। पहले उनसे ज़िम्मेदारियां छीनी गई और उसके बाद उन्हें पार्टी से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसकी जानकारी मायावती ने बक़ायदा ख़ुद ही अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर दी है।
इसी पर आगे चर्चा करेंगे लेकिन उससे पहले अब जिस तरह से मायावती ने केंद्र और राज्य सरकारों पर तंज कसा है उसने एक बार फिर से सियासी तापमान को बढ़ा दिया है। मायावती ने बताने की कोशिश की राज्य सरकार और केंद्र सरकार मुसलमानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। जी हां, मायावती ने ट्ववीट करते हुए लिखा- भारत सभी धर्मों को सम्मान देने वाला धर्मनिरपेक्ष देश है। ऐसे में केन्द्र व राज्य सरकारों को बिना पक्षपात के सभी धर्मों के मानने वालों के साथ एक जैसा बर्ताव करना चाहिए, किन्तु अब मुसलमानों के साथ धार्मिक मामलों में भी जो सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है, यह न्यायसंगत नहीं।
दूसरे ट्वीट में मायावती लिखती हैं- साथ ही, सभी धर्मों के पर्व-त्योहारों आदि को लेकर पाबन्दियाँ व छूट से सम्बंधित जो नियम-कानून हैं उन्हें बिना पक्षपात एक जैसा लागू होना चाहिए, जो ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है। इससे समाज में शान्ति व आपसी सौहार्द बिगड़ना स्वाभाविक, जो अति-चिन्तनीय। सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें। मायावती के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूज़र्स भी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। पहले तो लोग उन्हें यही सलाह दे रहे हैं कि उन्हें आकाश को पार्टी से निकालना नहीं चाहिये। एक और यूज़र ने लिखा BSP ki jo situation hai uspe to ye bhi nahi keh sakte ki isse party ko nuksan hoga Or kya hi nuksan hoga।
एक यूजर ने सलाह देते हुए लिखा- आपको वापसी करनी है तो आपको गठबंधन करना होगा जैसे बीजेपी ने दुश्मनों से गठबंधन कर लिया सत्ता के लिए। आप अपनों को लेकर चलो, कान भरने वालो को पद से हटाओ काम करने वालो को लगाओ। जो पिछले 15 सालो से आपकी पार्टी के बड़े निर्णय ले रहा है सबसे पहले उसको हटाओ। जमीनी कार्यकर्ता को साथ लो।
मतलब मायावती ने योगी और मोदी सरकार पर मुसलमानों को सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है उसपर तो किसी का ज़्यादा ध्यान नहीं जा रहा लेकिन हां, बाकि सलाह मायावती को जमकर मिल रही है। वैसे आपको बता दें मायावती ने आकाश आनंद को लेकर जानकारी दी थी उसमें उन्होंने लिखा था- बीएसपी की आल-इण्डिया की बैठक में कल श्री आकाश आनन्द को पार्टी हित से अधिक पार्टी से निष्कासित अपने ससुर श्री अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, जिसका उसे पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी। लेकिन इसके विपरीत श्री आकाश ने जो अपनी लम्बी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी है वह उसके पछतावे व राजनीतिक मैच्युरिटी का नहीं बल्कि उसके ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी व गैर-मिशनरी है, जिससे बचने की सलाह मैं पार्टी के ऐसे सभी लोगों को देने के साथ दण्डित भी करती रही हूं। अतः परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट के हित में तथा मान्यवर श्री कांशीराम जी की अनुशासन की परम्परा को निभाते हुए श्री आकाश आनन्द को, उनके ससुर की तरह, पार्टी व मूवमेन्ट के हित, में पार्टी से निष्कासित किया जाता है।
फ़िलहाल मायावती के इस रूप को देखकर अब आपको क्या लगता है क्या BSP 2027 के चुनावों को लेकर उन्हें फ़ायदा होगा ।
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