बीच सड़क पर अवधेश सिंह ने Akhilesh के लिए जो कहा, सुनकर दंग रह जाएंगे SP नेता
हाल ही में मीडिया से बात करते हुए अवधेश प्रसाद सिंह ने कहा कि मैं राजा नहीं हो सकता लेकिन निश्चित तौर पर मैं सेवक ज़रूर हूं, रही बात अखिलेश जी के बयान की तो वो उन्होंने मुझे सम्मान देते हुए कहा बस, बाकि बीजेपी के कुछ नेताओं ने इसके कुछ और मायने निकाले हैं।

अखिलेश के इस बयान ने करोड़ों रामभक्तों को आघात पहुंचाया, लेकिन समाजवादी पार्टी के बाक़ी नेताओं को तो जैसे ख़ुद अखिलेश ने मौक़ा दे दिया,तो बस हो गई शुरु बयानबाज़ी। लेकिन इसी कड़ी में शायद ख़ुद अवधेश अखिलेश से इत्तेफाक रखते हुए नज़र नहीं आए तभी तो जैसे ही पत्रकार ने उनसे अखिलेश के राजा कहने को लेकर प्रतिक्रिया मांगी तो अवधेश ने एक बार भी ख़ुद को राजा नहीं बताया बल्कि सेवक कहकर ख़ुद को संबोधित किया।
हाल ही में मीडिया से बात करते हुए अवधेश प्रसाद सिंह ने कहा कि मैं राजा नहीं हो सकता लेकिन निश्चित तौर पर मैं सेवक ज़रूर हूं, रही बात अखिलेश जी के बयान की तो वो उन्होंने मुझे सम्मान देते हुए कहा बस, बाकि बीजेपी के कुछ नेताओं ने इसके कुछ और मायने निकाले हैं।
चलिए अवधेश प्रसाद सिंह तो इस दौड़ में शामिल नहीं हुए जिसमें अखिलेश समेत कई सपा नेता भाग रहे थे लेकिन हां फिर भी सोशल मीडिया पर अवधेश को बहुत ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है। सूर्या समाजवादी नाम के यूज़र ने लिखा- मैं अयोध्या का राजा अवधेश प्रसाद हूं, मेरे रहते हुए बीजेपी वाले अयोध्या में भ्रष्टाचार नही कर पाएंगे जय हो अयोध्या के राजा अवधेश प्रसाद की पोस्ट पर कमेंट करते हुए अमिताभ चौधरी नाम के यूज़र ने लिखा- अयोध्या के एक ही राजा हैं वो हैं मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम और कोई ख़ुद राजा समझने की कोशिश भी किया तो जनता का जूता उसका सर
एक यूज़र की तरफ़ से लिखा गया- क्या ये लोग दिमाग से पैदल है। अयोध्या के राजा हमारे श्रीराम है और ये गुंडे मवाली लोग सरासर हमारे आराध्या का अपमान कर रहे है। पर इसका कसूर नही है , क्योकि दोगलापन हमारे लोगो ने दिखाया, इस तरह के राम द्रोहियों को शासन दोगे तो राजा कहेंगे ही खुद को।एक और यूज़र ने लिखा- लोकतंत्र का मखौल उड़ा रहे हैं संविधान के रक्षक। इन्हें राजतंत्र चाहिए। वही ठसक चाहिए। इन्हें राजा बनना है। राजगद्दी चाहिए। कुंठा ग्रस्त। लोकतंत्र में राजा बनना और दरबारी चाटुकार बनना! यही सब चाहिए इन्हें।दुखद । एक और यूज़र ने लिखा- ये अयोध्या के राजा नहीं है ये फ़ेज़ाबाद के निज़ाम है ,अयोध्या मैं तो BJP ही जीती है ।
ट्रोलिंग से इतर कुछ लोग तो ये भी कह रहे हैं कि अखिलेश यादव को अपने ही सांसद की बात सुननी और माननी चाहिए और अगली बार उनको अयोध्या का राजा बोलने से पहले 100 बार सोचना चाहिए।