"छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं" महाकुंभ घटना पर यूपी मंत्री संजय निषाद का विवाद बयान
प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान हुई भगदड़ ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इस दर्दनाक घटना पर उत्तर प्रदेश के मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने विवादास्पद बयान देते हुए इसे "छोटी-मोटी घटना" करार दिया, जिससे जनता में आक्रोश फैल गया।

Mahakumbh stampede: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान बुधवार की सुबह एक दुखद घटना घटी, जिसमें कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए। इस हादसे के बाद उत्तर प्रदेश के मत्स्य मंत्री संजय निषाद के एक बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने इस त्रासदी को "छोटी-मोटी घटना" कहकर संबोधित किया, जिससे जनता और राजनीतिक हलकों में आक्रोश फैल गया है।
मंत्री संजय निषाद ने कहा, "जहां इतने बड़े-बड़े आयोजन होते हैं, तो छोटी-मोटी कहीं कोई घटनाएं हो जाती हैं।" उनका यह बयान महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में भीड़ प्रबंधन की चुनौतियों को दर्शाने के प्रयास में था, लेकिन इसे असंवेदनशील माना जा रहा है।
कैसे मची भगदड़?
महाकुंभ मेला, जो हर 12 वर्षों में प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर आयोजित होता है, इस बार 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक चल रहा है। मंगलवार की रात से ही मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए एकत्रित हुए थे। भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि बुधवार तड़के भगदड़ मच गई, जिसमें 30 लोगों की जान चली गई और 60 से अधिक घायल हो गए।
घटना के तुरंत बाद, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया। डीआईजी कुंभ, वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 25 शवों की पहचान हो चुकी है, जबकि बाकी की पहचान की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और घायलों के इलाज के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, "जो लोग महाकुंभ में 'विश्वस्तरीय व्यवस्थाओं' का दावा कर रहे थे, उन्हें नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पदों से इस्तीफा देना चाहिए।" उन्होंने यह भी मांग की कि महाकुंभ के प्रशासन और प्रबंधन को तुरंत उत्तर प्रदेश सरकार से हटाकर सेना के हवाले किया जाए, ताकि संत समुदाय और श्रद्धालुओं का सिस्टम पर विश्वास बहाल हो सके।
मंत्री संजय निषाद का बयान और विवाद
मंत्री संजय निषाद, जो निषाद पार्टी के प्रमुख हैं और राज्य सरकार में मत्स्य मंत्री हैं, ने घटना को "दुर्भाग्यपूर्ण" बताया, लेकिन साथ ही कहा कि इतने बड़े आयोजन में ऐसी छोटी-मोटी घटनाएं हो जाती हैं। उन्होंने कहा, "जहां इतने बड़े-बड़े आयोजन होते हैं, तो छोटी-मोटी कहीं कोई घटनाएं हो जाती हैं।" उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया और विपक्ष ने इसे असंवेदनशील करार दिया।
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती होती है। हालांकि, प्रशासन ने पहले से ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन के कारण व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हुईं। इस घटना ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं और भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए बेहतर योजना और प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया है।
महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है, जहां करोड़ों श्रद्धालु आत्मशुद्धि के लिए एकत्रित होते हैं। ऐसे में इस तरह की घटनाएं न केवल प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल उठाती हैं, बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में और अधिक प्रयासों की आवश्यकता को भी रेखांकित करती हैं। मंत्री संजय निषाद के बयान ने इस मुद्दे को और गरमा दिया है, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि वह भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।
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