धर्म संसद में सनातन बोर्ड का होगा ऐलान, संतों ने कर ली बड़ी तैयारी !
महाकुंभ में होने वाली धर्म संसद से पहले RSS-VHP ने सनातन बोर्ड पर असहमति जताई है. VHP के इस कदम से संतों का मनोबल टूटा या बोर्ड की मांग धर्म संसद में मुखरता से उठाई जाएगी. देखिए रिपोर्ट

दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव महाकुंभ साधु संतों के समागम के साथ साथ सनातन की आवाज को बुलंद करने का मंच भी बन रहा है कुंभ हो या महाकुंभ हमेशा से ही धार्मिक मुद्दे यहां छाए रहे। पिछले कई कुंभ आयोजनों में राम मंदिर का मुद्दा सबसे ऊपर रहा तो इस बार साधु संतों ने सनातन बोर्ड के गठन की भी पूरी तैयारी कर ली है। जिससे वक्फ बोर्ड बनाम सनातन बोर्ड की लड़ाई तेज हो गई है।
धर्म संसद का काउंटडाउन शुरू हो गया। इसी के साथ शुरू हो गया सनातन बोर्ड का भी काउंटडाउन। संतों ने ठान लिया महाकुंभ की धरती से सनातन बोर्ड का उदय किया जाएगा। संतों ने सनातन बोर्ड बनवाने का बीड़ा उठा लिया है। लेकिन इस लड़ाई में उनके अपने ही लोग कदम पीछे कर रहे हैं। संतों को उस वक्त झटका लगा जब VHP और RSS ने इस फैसले से खुद को बाहर कर लिया. यानि अब VHP और संघ सनातन बोर्ड बनाने के पक्ष में नहीं हैं।
विश्व हिंदू परिषद की राय है कि सनातन बोर्ड की बजाय ट्रस्ट के जरिए मंदिरों को संचालित किया जाए।
सनातन बोर्ड पर VHP की राय ?
मंदिरों को सरकारी बंधनों से मुक्त किया जाए।
मंदिरों की देखरेख संचालन ट्रस्ट के जरिए किया जाए ।
मंदिरों को बोर्ड को देने के पक्ष में नहीं है RSS-VHP।
हालांकि VHP की इस राय पर विचार करने के लिए संतों और विश्व हिंदू परिषद के अधिकारियों के बीच बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में देशभर के साधु संतों ने हिस्सा लिया।इस बैठक में संतों ने VHP नेताओं की इस राय पर सहमति जताई की मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त किया जाए। इसके साथ ही वक्फ बोर्ड के अधिकारों पर अंकुश लगाने पर भी बात की गई।
हालांकि VHP के अधिकारियों से मीटिंग के बाद सनातन बोर्ड को लेकर संतों का रुख नहीं बदला। वे सनातन बोर्ड की मांग को लेकर लगातार मुखर हैं।
संतों ने ठान लिया है कि सनातन बोर्ड की मांग से भले ही उनके साथियों की एक राय ना हो लेकिन वे इस कदम से पीछे नहीं हटेंगे और इसके लिए महाकुंभ से बड़ा कोई मंच नहीं है। इस धर्म संसद में देशभर के साधु संत एक स्वर में सनातन बोर्ड के गठन की मांग तेज करेंगे। साथ ही यहां सनातन बोर्ड बनाने के लिए पूरा रोडमैप भी यहीं से बनेगा।इतना ही नहीं साधु संतों की इस मुहीम में महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं का भी साथ मिल रहा है। लेकिन बोर्ड के गठन से पहले ही वक्फ बोर्ड के दम पर जमीन कब्जा कर बैठे मौलानाओं को दिक्कत होने लगी. या फिर डर कह सकते हैं। वे इसके विरोध पर उतर आए हैं। हालांकि ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी सनातन बोर्ड पर संतों की राय से सहमत दिखें। उन्होंने कहा, सनातन बोर्ड का गठन होना चाहिए औऱ इसकी शुरुआत सबसे पहले यूपी से हो।
बहरहाल सनातन बोर्ड के लिए संतों ने ऐसी आवाज बुलंद की है कि विरोध के सुर कहीं दब से गए हैं। ऐसे में अब सबकी निगाहें 27 जनवरी को होने वाली धर्म संसद पर टिकी हुई हैं जहां सनातन बोर्ड के गठन का ऐलान हुआ तो वक्फ के दबदबे को खत्म करने का काउंटडाउन शुरू हो जाएगा।
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