अन्नदाता को राहत: निर्मला सीतारमण ने किसानों के लिए बजट में की ऐतिहासिक घोषणा
Budget 2025: शनिवार को बजट भाषण में किसानों के लिए कई बड़े ऐलान किए। सीतारमण ने कहा कि एग्रीकल्चर एसएमई और एक्सपोर्ट सहित हमारा ध्यान विकास के 4 इंजन पर रहा है।

Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट भाषण में किसानों के लिए कई बड़े ऐलान किए। सीतारमण ने कहा कि एग्रीकल्चर एसएमई और एक्सपोर्ट सहित हमारा ध्यान विकास के 4 इंजन पर रहा है।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से ...
किसान क्रेडिट कार्ड
एग्रीकल्चर हमारे लिए पहला इंजन है। वित्त मंत्री ने कहा, 'किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की जाएगी। इसके अलावा, बिहार में मखाना बोर्ड बनेगा। किसानों के लिए प्रधानमंत्री धनधान्य योजना लाई जाएगी।उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड से होने वाले लाभ की बात की। बोलीं, किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 7.7 करोड़ किसानों को अल्पकालिक लोन की सुविधा दी जाएगी।
राष्ट्रीय तेल मिशन
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि पहले चरण में 100 विकासशील कृषि जिलों को शामिल किया जाएगा। खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता कै लिए राष्ट्रीय तेल मिशन को चला रही है।10 साल पहले हमने ठोस प्रयास किए थे और दलहन में आत्मनिर्भरता प्राप्त की थी। तब से आय में वृद्धि और बेहतर आर्थिक क्षमता की वृद्धि हुई है।
सरकार तुअर, उड़द और मसूर पर दे रही है ध्यान
उन्होंने कहा कि अब सरकार तुअर, उड़द और मसूर पर ध्यान दे रही है। इसका विवरण दिया गया है। केंद्रीय एजेंसियों में पंजीकरण और करार करने वाले किसानों से 4 साल के दौरान एजेंसियां दलहन खरीदेंगी।
अर्थव्यवस्था सभी बड़ी इकोनमी में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है
वित्त मंत्री ने कहा, 'यह बजट सरकार की विकास को बढ़ाने, सभी के डेवलपमेंट, मिडिल क्लास की क्षमता को बढ़ाने के लिए समर्पित है। हमने इस सदी के 25 साल पूरा करने जा रहे हैं। हमारी विकसित भारत की उम्मीदों ने हमें प्रेरणा दी है।हमारी अर्थव्यवस्था सभी बड़ी इकोनमी में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना
' वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत ऐसे 100 जिलों को चुना जाएगा। ये ऐसी जगह होंगी, जहां पर उत्पादकता कम है। इससे वहां पर उत्पादकता बढ़ाने, खेती में विविधता लाने, सिंचाई और उपज के बाद भंडारण की की क्षमता को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे।
असम में यूरिया संयंत्र में उत्पादन शुरू किया गया
वहीं, यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए असम में यूरिया संयंत्र में उत्पादन शुरू किया गया है।इसमें 12.78 लाख मीट्रिक टन की क्षमता वाला संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
खाद्य तेलों के उत्पादन पर भी ध्यान दिया जाएगा
वित्त मंत्री ने कहा कि खाद्य तेलों के उत्पादन पर भी ध्यान दिया जाएगा। सरकार छह साल का मिशन शुरू करेगी। इसके तहत दलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की कोशिश की जाएगी। नैफेड और एनसीसीएफ तीन तरह की दालों की खरीद करेगी । यहां से पंजीकृत किसान दालों की खरीद कर पाएंगे।