नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में कुली हाशिम ने जान पर खेलकर लोगों को बचाया, 4 साल की बच्ची की भी लौट आई साँसें
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई 20 से ज़्यादा लोग घायल हैं. लेकिन इस दौरान एक हैरान कर देने वाला मामला देखने को मिला. दरअसल भगदड़ में एक चार साल की बच्ची की मौत हो गई थी. लेकिन कुली मोहम्मद हाशिम ने उसे भगदड़ से बाहर निकाला और तुरंत बच्ची की साँसें लौट आई

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फ़रवरी की रात भगदड़ के बाद जो मंजर देखने को मिला। वो दिल दहला देने वाला था। भगदड़ में किसी ने अपनी मां को खो दिया।कोई पिता से जुदा हो गया कि।कोई बच्चों की साँस रुकने पर चीखता चिल्लाता नज़र आया। और इस तरह 18 लोग भीड़ में भगदड़ की भेंट चढ़ गए।
इसी बीच एक ऐसा वाक्या सामने आया।जिसने वहां मौजूद लोगों का कलेजा पसीज दिया। दरअसल जिस दौरान भगदड़ मची एक महिला ज़ोर ज़ोर से चिल्ला चिल्लाकर अपनी 4 साल की मासूम बच्ची के लिए रो रही थी। उसे बचाने की जद्दोजहद कर रही थी। क्योंकि उसकी आस टूट चुकी थी कि उसकी मासूम बेटी की सांसें भीड़ में दबने की वजह से थम गई। फिर क्या था। पुलिस प्रशासन तो अपने काम में जुटा ही था। लेकिन वहां मौजूद हाशिम नाम का कुली फ़रिश्ते की तरह लोगों को बचाने भीड़ में कूद पड़ा।हादसे के बीच इंसानियत और बहादुरी की एक मिसाल देखने को मिली। कुली हाशिम ने तुरंत रोती बिलखती माँ। और साँसें थमी हुई बच्ची को गोद में लेकर बाहर निकाला। जैसी ही बच्ची को स्टेशन से बाहर लेकर आया। मासूम की सांसें लौट आई। और बच्ची को जिंदा देख माँ ख़ुशी से रो पड़ी।
हाशिम की बहादुरी ने इस भयावह हादसे में उम्मीद की करण जगाई। और वक़्त रहते ही बच्ची को बाहर निकलकर उसकी जान बचाई। सबसे बड़ी बात तो ये है कि हाशिम ने इस दौरान अपनी जान की परवाह नहीं की। क्योंकि हाशिम समेत और भी कुली हैं जिस वक्त लोगों को बचाने के लिए कूदे उस वक़्त भगदड़ मची हुईं थी। महिलाएँ भीड़ में बदकर बेहोश हो रही थी। बच्चे चीख चिल्ला रहे थे। लोग अपनों को बचाने के लिए जद्दोजहद करते नज़र आ रहे थे
कहीं जूते चप्पल पड़े हैं। तो कहीं पकड़ो से भरे बैग। भगदड़ के बाद का मंजर भी बेहद दर्दनाक है। हालाँकि वक़्त रहते ही प्रशासन ने स्थिति को कंट्रोल कर लिया है। जाँच कमेटी गठित कर मामले की जाँच शुरू करवा दी है।
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