पीएम मोदी का ऐतिहासिक फ्रांस दौरा: AI शिखर सम्मेलन से द्विपक्षीय वार्ता तक, जानिए क्यों खास है यह यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस दौरे पर है। जिसमें उनकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शिखर सम्मेलन में भागीदारी, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय वार्ता, और अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों शामिल है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंचे चुके हैं जहां एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा को कई मायनों में बेहद खास और महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि वे इस दौरे के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करेंगे, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और व्यापारिक नेताओं को संबोधित करेंगे। इस दौरे का महत्व केवल भारत-फ्रांस संबंधों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक राजनीति, प्रौद्योगिकी और व्यापार के संदर्भ में भी एक अहम भूमिका निभाने जा रहा है।
पेरिस में गूंजा 'मोदी-मोदी'
जब पीएम मोदी पेरिस के चार्ल्स डी गॉल एयरपोर्ट पर पहुंचे, तो वहां का नजारा देखने लायक था। भारतीय समुदाय के हजारों लोग भारतीय झंडे लहराते हुए "मोदी-मोदी" के नारे लगाते नजर आए। एयरपोर्ट पर फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू खुद प्रधानमंत्री मोदी की अगवानी के लिए मौजूद थे। यह न केवल भारत की बढ़ती कूटनीतिक ताकत को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि फ्रांस, भारत को अपने महत्वपूर्ण साझेदारों में से एक मानता है। वैसे आपको बता दें कि एयरपोर्ट पर पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जो इस बात का संकेत था कि यह यात्रा सिर्फ एक औपचारिक दौरा नहीं, बल्कि भारत-फ्रांस संबंधों में एक नया मोड़ साबित हो सकती है।
भारत-फ्रांस के रिश्तों में नई मजबूती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों 11 फरवरी को एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करेंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इस समय दुनिया के सबसे चर्चित विषयों में से एक है और इस तकनीक का उपयोग व्यापार, सुरक्षा, शिक्षा और रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर रहा है। भारत और फ्रांस मिलकर इस तकनीक के जिम्मेदार और सुरक्षित उपयोग पर चर्चा करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह शिखर सम्मेलन आने वाले वर्षों में AI नीति निर्माण का मार्गदर्शन करेगा। भारत इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और इस सम्मेलन में पीएम मोदी की भागीदारी यह संकेत देती है कि भारत दुनिया को AI के क्षेत्र में नेतृत्व देने के लिए तैयार हो रहा है।
वैसे आपको बता दें कि 10 फरवरी की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों एलीसी पैलेस में एक विशेष रात्रिभोज में शामिल हुए। यह डिनर सिर्फ खान-पान का नहीं, बल्कि कूटनीति और व्यापार के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण था। इस अवसर पर दुनिया के कई शीर्ष तकनीकी और व्यावसायिक नेता भी मौजूद थे। माना जा रहा है कि इस दौरान भारत और फ्रांस के बीच नई व्यापारिक साझेदारियों की रूपरेखा तय की गई। इस भोज के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की डिजिटल क्रांति, स्टार्टअप इकोसिस्टम और नवाचार (Innovation) पर भी बात की। उन्होंने फ्रांसीसी उद्योगपतियों और स्टार्टअप कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया और बताया कि भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था क्यों है।
मैक्रों और मोदी की द्विपक्षीय वार्ता
पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों 12 फरवरी को मार्सिले में द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इस वार्ता में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग, असैन्य परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, समुद्री सुरक्षा और व्यापार जैसे अहम मुद्दों पर बातचीत होगी। फ्रांस भारत का एक प्रमुख रक्षा सहयोगी है। भारत ने राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस से ही खरीदे थे, और अब दोनों देश अगली पीढ़ी के रक्षा तकनीक पर सहयोग बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। इस वार्ता में INS विक्रांत के लिए नए लड़ाकू जेट्स की आपूर्ति, पनडुब्बी निर्माण, और भारत-फ्रांस सैन्य अभ्यास के विस्तार पर महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं। इसके अलावा, फ्रांस के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन CNES और भारत के ISRO के बीच नई साझेदारी पर भी चर्चा होगी, जिससे दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत किया जाएगा।
पीएम मोदी 12 फरवरी को मार्सिले में स्थित मजारग्यूज़ युद्ध कब्रिस्तान जाएंगे, जहां वे प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इतिहासकारों के अनुसार, प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हजारों भारतीय सैनिकों ने मित्र देशों की सेना के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी थी और फ्रांस की धरती पर अपनी शहादत दी थी। यह यात्रा भारत और फ्रांस के साझा इतिहास और संबंधों को और गहरा करेगी। यह न केवल कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय सैनिकों के बलिदान को सम्मान देने की भी एक पहल है।
इसके बाद पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों फ्रांस के कैडारैचे स्थित अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (ITER) परियोजना का दौरा करेंगे। यह दुनिया का सबसे महत्वाकांक्षी नाभिकीय ऊर्जा (Nuclear Energy) प्रोजेक्ट है, जिसमें भारत एक प्रमुख भागीदार है। इस परियोजना का उद्देश्य भविष्य में सस्ती, स्वच्छ और असीमित ऊर्जा के स्रोत विकसित करना है। इस परियोजना में भारत की भागीदारी यह दर्शाती है कि भारत सिर्फ एक उपभोक्ता देश नहीं, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण वैश्विक खिलाड़ी बन रहा है।
अमेरिका की ओर बढ़ेंगे पीएम मोदी
फ्रांस की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के दौरे पर जाएंगे। इस यात्रा का दूसरा चरण वाशिंगटन डी.सी. में होगा, जहां वे अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे और भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए चर्चा करेंगे।
पीएम मोदी की इस यात्रा का प्रभाव सिर्फ कूटनीति तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह भारत की वैश्विक स्थिति को और मजबूत करने वाला साबित होगा। रक्षा, व्यापार, विज्ञान, टेक्नोलॉजी और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा और आने वाले सालों में भारत और फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगी।
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