वक्फ कानून पर चल रहे घमासान के बीच PM मोदी से मिले दाऊदी बोहरा समुदाय के लोग, कानून में संशोधन के लिए जताया आभार
देश की सर्वोच्च न्यायालय में भी इस कानून के विरोध में कई याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है वही दूसरी ओर दाऊदी बोहरा समुदाय के लोगों ने गुरुवार की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और क्फ कानून में हाल ही में किए गए संशोधनों के लिए उनका आभार जताया.

वक्फ संशोधन कानून को लेकर पूरे देश में सियासत गरमाई हुई है. पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में वक्फ कानून को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टीयां और कुछ मुस्लिम संगठनों ने इसे असंवैधानिक करार दिया है तो वही केंद्र की मोदी सरकार ने इस कानून को गरीब मुस्लिमों के लिए जरूरी कदम बताया. देश की सर्वोच्च न्यायालय में भी इस कानून के विरोध में कई याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है वही दूसरी ओर दाऊदी बोहरा समुदाय के लोगों ने गुरुवार की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और वक्फ कानून में हाल ही में किए गए संशोधनों के लिए उनका आभार जताया.
लंबे समय से थी संशोधन की मांग
पीएम मोदी से मुलाकात कर समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि "ये संशोधन समुदाय की चिर-लंबित मांगों में से एक थी, जिसे पूरा कर प्रधानमंत्री ने उनके विश्वास को मजबूत किया है. प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री की "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास" की नीति में पूर्ण आस्था जताई और कहा कि सरकार द्वारा लिए गए निर्णय सभी वर्गों के समावेश और प्रगति के उद्देश्य को दर्शाते हैं. उन्होंने पीएम मोदी के नेतृत्व में देश में हो रहे सकारात्मक बदलावों की सराहना की और समाज की ओर से उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया.
Had a wonderful meeting with members of the Dawoodi Bohra community! We talked about a wide range of issues during the interaction.@Dawoodi_Bohras pic.twitter.com/OC09EgcJPG
— Narendra Modi (@narendramodi) April 17, 2025
इस कानून को मैंने पहले समझा: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने भी दाउदी बोहरा समाज के प्रतिनिधियों से संवाद करते हुए देशहित में समाज के योगदान की सराहना की और विश्वास दिलाया कि सरकार हमेशा सभी समुदायों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. पीएम मोदी ने कहा हमें इस कानून में कोई रातों-रात संशोधन नहीं कर दिया. मैंने इस कानून को 5 साल तक बहुत ही बारीकी से समझा, इसे लेकर 1700 से ज़्यादा मुस्लिम समाज की महिलाओं की शिकायतें हमें मिली थी. इन शिकायतों से सबसे ज़्यादा ये बातें निकलकर सामने आई थी कि वक्फ के नाम पर कुछ लोगों के द्वारा गरीब मुस्लिमों के जमीनों पर कब्ज़ा किया जा रहा है. तब हमारी सरकार ने गहन अध्ययन के बात इस कानून में संशोधन किया.
बताते चलें कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिलने के बाद 5 अप्रैल को राष्ट्रपति की हरी झंडी मिल चुकी है और सरकार ने इसे लागू करने के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसके कुछ प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगाई है।वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर देश के कुछ हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन की घटनाएं भी सामने आई हैं. खासकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, सुती, धुलियान, जंगीपुर समेत कई इलाकों से हिंसात्मक घटनाएं हुई हैं. संशोधनों से नाराज कुछ लोग इसे मुस्लिम विरोधी बता रहे हैं.
दूसरी तरफ, यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है. लगातार दूसरे दिन सुनवाई करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए सात दिन की मोहलत दी है. सरकार ने अदालत को भरोसा दिलाया कि इस दौरान डिनोटिफिकेशन या वक्फ बोर्ड में नई नियुक्ति नहीं की जाएगी. अब अगली सुनवाई 5 मई को होगी.
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