मुंबई में AIMIM के दफ्तर में भिड़ गए Owaisi के नेता, चुनाव से पहले डूब गई नैया
फैयाज अहमद को मुंबई अध्यक्ष पद से हटाने पर उनके समर्थकों ने AIMIM दफ्तर में जमकर हंगामा किया

Owaisi : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले विपक्षी खेमें में हाहाकार मच गया है। एक तरफ उद्धव ठाकरे और शरद पवार खेल करने में जुटे हैं। दूसरी तरफ Owaisi की पार्टी के नेता हंगामे पर उतर आए हैं। AIMIM के नेताओं ने अपने ही पार्टी दफ्तर में तोड़फोड़ कर हंगामा खड़ा कर दिया है। AIMIM के नेताओं ने ये बवाल इसलिए काटा है क्योंकि अचानक ही ।
AIMIM के मुंबई प्रेसिडेंट फैयाज अहमद को पार्टी ने उनके पद से हटा दिया है। फैयाज अहमद की जगह रईस लश्करिया को मुंबई प्रेसिडेंट पद की जिम्मेदारी की गई है।
जैसे ही ये खबर सामने आई वैसे ही फैयाज अहमद के कार्यकर्ता गुस्से में भड़क उठे। हैरानी की बात तो ये है कि फैयाज अहमद के समर्थकों ने AIMIM के अध्यक्ष इम्तियाज जलील की प्रेस क़ॉन्फ्रेस में ही बवाल काटा। नौबत मारपीट और गाली गलौज तक की गई। और कुछ वक्त के लिए पार्टी कार्यालय मानों अखाड़ा बना गया। हालांकि इस दौरान कार्यकर्ताओं को मनाने। समझाने की काफी कोशिश की गई। लेकिन गुस्से में भड़के कार्यकर्ता किसी की सुनने को ही तैयार नहीं थे। वहीं इस दौरान पूर्व मुंबई अध्यक्ष ना सिर्फ ओवैसी पर भड़क उठे। बल्कि पार्टी को बीजेपी की बी टीम ही करार दे दिया। जैसे ही फैयाज अहमद ने पार्टी की पोल खोलनी शुरू की तो इम्तियाज अली के पसीने ही छूट गए।तुरंत फैयाज अहमद पर पलटवार करते हुए कहा कि आश्चर्य है कि फैयाज अहमद अपनी ही पार्टी पर बेतुके आरोप लगा रहे हैं।
इम्तियाज अली ने फैयाज अहमद को हटाने की साफ साफ वजह बताई कि वो चुनाव लड़ना चाहते हैं। इसलिए मुंबई में पार्टी की कमान दूसरे नेता को दी गई है। अब जिस तरीके से फैयाज अहमद के समर्थकों ने हंगामा काटा है। उससे ओवैसी महाराष्ट्र में चुनाव से पहले ही फंसते हुए दिखाए दे रहे हैं। अपने ही नेताओं ने ओवैसी के लिए खाई खोदने का काम कर दिया है। क्योंकि दूसरी तरफ ओवैसी किसी तरह महाराष्ट्र में खुद को मजबूत करने के लिए अघाड़ी की नाव में सवार होने की कोशिश में लगे हैं। हालांकि अभी तक ना तो उद्धव ठाकरे से भाव मिल रहा है। ना ही कांग्रेस और शरद पवार से। क्योंकि अभी तो उद्धव ठाकरे खुद खेल करने की फिराक में है। सूत्रों के हवाले से तो खबरें ये भी है कि उद्धव ठाकरे बीजेपी का हाथ पकड़ सकते हैं। क्योंकि कांग्रेस और शरद पवार के साथ कहा जा रहा है की सीटों पर सहमति बनना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। खैर ऐसे में अब ओवैसी को ये लोग साथ लेंगे या नहीं दे तो वक्त ही बताएगा। लेकिन ओवैसी हर संभव कोशिश में है कि महाराष्ट्र में वो अघाड़ी के साथ मिलकर चुनाव लड़े। महाराष्ट्र AIMIM के अध्यक्ष जलील ने कहा कि। "अगर एमवीए के घटक दल हमें साथ लेकर चलते हैं तो यह उनके लिए फायदेमंद होगा। अगर नहीं, तो हम अकेले आगे बढ़ने को तैयार हैं अगर उन्हें लगेगा कि हमारे पास कुछ ताकत है या हमारा मजबूत वोट बैंक है तो वे संपर्क करेंगे। वरना नहीं"
तो एक तरफ ओवैसी अघाड़ी का हाथ पकड़ने की कोशिश में लगे हैं। तो दूसरी तरफ उनकी पार्टी के नेता मारकाट मचाकर पार्टी दफ्तर में बवाल कर AIMIM को डुबाने का काम कर रहे हैं।
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