बहराइच एनकाउंटर पर तिलमिलाए ओवैसी ने CM योगी पर लगाया राज्य को 'ठोक दो नीति' से चलाने का आरोप, जानिए और क्या कहा
योगी सरकार पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने निशान साधा है। उन्होंने पुलिस की इस कार्रवाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 'ठोक दो नीति' का नतीजा बताया उन्होंने कहा कि यही पॉलिसी पिछले कई सालों से उत्तर प्रदेश में चली आ रही है।

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा के बाद यूपी पुलिस ने जिस तरीके से कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों का एनकाउंटर किया है। अब इस पर सवाल भी उठने लगे हैं। दरअसल, यूपी पुलिस की कार्रवाई के बाद योगी सरकार पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने निशान साधा है। उन्होंने पुलिस की इस कार्रवाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 'ठोक दो नीति' का नतीजा बताया उन्होंने कहा कि यही पॉलिसी पिछले कई सालों से उत्तर प्रदेश में चली आ रही है। पुलिस की इस कार्रवाई को उन्होंने 'नेटफ्लिक्स' की फिल्म जैसा बताया। जहां कानून के बजाय बंदूक की भाषा बोली जा रही है।
दरअसल, बहराइच जिले में दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा हुई उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद लखनऊ में अधिकारियों संग बैठक करते हुए हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे। क्योंकि इस दौरान रामगोपाल मिश्रा नाम के युवक की गोली मारकर हत्या भी हुई थी जिसके बाद हिंसा पूरी तरीके से भड़क उठी थी। मुख्यमंत्री के सट्टा देश के बाद यूपी पुलिस ने जिस तरीके से दो आरोपियों का एनकाउंटर किया है जो गंभीर रूप से घायल है। इस पर असदुद्दीन ओवैसी ने योगी सरकार को घूरते हुए उत्तर प्रदेश को 'ठोक दो नीति' से चलने का आरोप लगाया है। ओवैसी ने कहा कि "उत्तर प्रदेश को योगी आदित्यनाथ को 'रूल आफ लॉ' से चलना चाहिए ना कि ' रूल ऑफ गन' से। उन्होंने योगी आदित्यनाथ की सरकार को संविधान विरोधी बताया उन्होंने कहा कि कल जो एनकाउंटर हुआ वह पूरी तरीके से फिल्मी था जैसे कोई नेटफ्लिक्स पर फिल्म चल रही हो। ओवैसी ने आगे कहा कि "ये बात सही है कि हिंसा के दौरान गोपाल मिश्रा की हत्या हुई लेकिन पुलिस की कारवाई संविधान के हिसाब से होनी चाहिए।"
ओवैसी ने एनकाउंटर पर उठाए सवाल
यूपी पुलिस की कारवाई पर सवाल उठाते हुए AIMIM प्रमुख ओवैसी ने कहा कि अगर दोनों लड़कों की बहन वीडियो जारी नहीं करती तो कुछ पता नहीं चलता, जिस तरह से पुलिस उन्हें सुबह 4 बजे उठकर लेकर गई है। यह एक समुदाय विशेष के खिलाफ नफरत भरी जा रही है, ठोक दो की नीति संविधान के खिलाफ है। ऐसे तो कोई भी किसी को गोली मार देगा। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को अपनी इस कारवाई को गिरफ़्तारी दिखनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा "घटना स्थल से 70 किमी दूर हथियार कौन छिपाता है और मुठभेड़ कितनी दूर हुई? ये सब ग़लत है, संविधान की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है। यह पूरी कारवाई का वीडियो नेटफ्लिक्स मूवी जैसा लग रहा था। जो भी स्क्रिप्ट राइटर है उसे सरकार को छोड़कर फ़िल्मी दुनिया में जाना चाहिए वह ज्यादे पैसे मिल जाएँगे" इतना ही नहीं यूपी पुलिस द्वारा आरोपियों को गोली मारकर घायल किए जाने पर भी ओवैसी ने कहा कि "हम तो स्पोर्ट्स मंत्री से अपील करेंगे कि "ऐसे 200 एनकाउंटर हुए है जिसमें पुलिस ने एकदम निशाने पर मारा है। इनको ओलंपिक भेजना चाहिए जो भारत के लिए मंडल ले आएँगे।" उन्होंने आगे कहा कि अगर आरोपियों के खिलाफ सबूत है, तो उन्हें अदालत में ले जाएं और सजा दें। अगर आप जज हैं तो कोर्ट और संविधान का उद्देश्य क्या है? एक समुदाय के खिलाफ नफरत दिखाई जा रही है।
क्या था पूरा मामला ?
बहराइच में 13 अक्टूबर 2024 को दुर्गा विसर्जन के दौरान हुए तनाव में राम गोपाल मिश्रा नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद इलाक़े में हिंसा भड़क उठी, जिसमें पत्थरबाजी और गोलीबारी हुई। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था, इसी हत्या के मामले में सरफराज और तालीम का पुलिस ने एनकाउंटर किया है। जिसमें दोनों आरोपियों के पैर में गोली लगी और गंभीर हालात में आरोपियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। यूपी पुलिस द्वारा की गई इसी कारवाई पर ओवैसी ने सवाल उठाते हुए राज्य के सियासी पारे को गर्म कर दिया है। बताते चलें की इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी बहराइच की घटना को प्रशासन की नाकामी क़रार दिया था।
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