तहव्वुर राणा के भारत आने पर नरेंद्र मोदी का पुराना बयान वायरल
पीएम मोदी ने 14 साल पहले तहव्वुर राणा को लेकर जो कहा था, अब उनका वो बयान वायरल हो रहा है, जब राणा को भारत लाया गया, विस्तार से जानिए पूरा मामला

2008 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा आखिरकार भारत की गिरफ्त में आया ही गया. मोदी सरकार ने जिस तरह से तहव्वुर राणा मामले में अमेरिका से बातचीत की, वो ये बताने के लिए काफ़ी है कि 2011 में मोदी ने जो कहा था, उसे 2025 में पूरा कर दिखाया. 10 अप्रैल 2025 को जैसे ही तहव्वुर राणा भारत आया, नरेंद्र मोदी का 2011 का एक बयान सुर्खियों में आ गया. ये बयान तब का है जब तहव्वुर राणा को अमेरिका की कोर्ट से रिहा किया गया था. उस वक़्त गुजरात के मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी संभाल रहे नरेंद्र मोदी ने कहा था
नरेंद्र मोदी का 2011 का बयान
अमेरिका की शिकागो कोर्ट में राणा, एक आतंकवादी को मुक्त करने का फैसला हो चुका है. इस घटना ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वाली हर शक्ति, हर सरकार के लिए एक नया सवालिया निशान खड़ा किया है. किस आधार पर 26/11 मुंबई आतंकवादी घटना के दोषियों को निर्दोष करार करने की हिम्मत शिकागो कोर्ट ने की? इन्वेस्टिगेशन किसने किया? जहां घटना घटी, उनका रोल क्या रहा? यहां के पीड़ित लोग हैं, उनको न्याय कौन दिलाएगा? अमेरिका ने पाकिस्तान को खुश करने के लिए मिलीभगत से पैंतरा रचा है. देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अमेरिका के मित्र माने जाते हैं. उनके बैठते हुए ये एकतरफा कार्रवाई कैसे हो रही है? और आज जो शिकागो की कोर्ट में हुआ है, उससे मुझे साफ़ नजर आता है कि अब हिंदुस्तान में आतंकवादी गतिविधि करने वाले सारे आतंकवादी ये चाहेंगे कि उनके सारे मुकदमे अमेरिका की कोर्ट में चलें. और मैं विश्व के सामने सवाल खड़ा करना चाहता हूं – क्या 9/11 के दोषियों का केस हिंदुस्तान की कोर्ट में चल सकता है? क्या अमेरिका इसके लिए हमें परमिशन देगा? क्या भारत की न्यायपालिका अमेरिका की 9/11 की घटना के लिए कोई फैसला कर सकती है? एक बहुत बड़ा वैश्विक स्तर पर यह सवाल खड़ा हुआ है.
पीएम मोदी 2011 में तहव्वुर राणा की रिहाई पर आक्रोशित थे. उनके मन में एक टीस थी और शायद तभी उन्होंने ठान लिया था कि जब भी मौका मिलेगा, राणा को टांग कर भारत लाएंगे. 2011 में जो प्रण लिया था, वह आज पूरा हो गया है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तहव्वुर राणा को 18 दिन की NIA कस्टडी में भेज दिया है. NIA लगातार उससे पूछताछ करेगी. ये सब बस इसलिए संभव हो पाया क्योंकि पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने की ठानी. ऐसे में जब ट्रंप दोबारा अमेरिका की सत्ता में आए, तब पीएम मोदी अमेरिका दौरे पर गए और तहव्वुर राणा को लेकर आगे बात बढ़ाई. राष्ट्रपति ट्रंप ने 14 फरवरी 2025 को बयान देते हुए कहा:
"मुझे ये घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मेरे प्रशासन ने एक खूनी और दुनिया के सबसे बड़े शैतान और 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. उसे भारत वापस भेजा जा रहा है."
फिलहाल राणा से कई राज उगलवाने की तैयारी है. मोदी सरकार ने उसे भारत लाकर एक बड़ी कूटनीतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा की सफलता हासिल की है.