WEDNESDAY 30 APRIL 2025
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वक्फ कानून के विरोध में Mamata का Bengal जल रहा फिर Yogi का UP क्यों खामोश है, वजह हैरान कर देगी !

पश्चिम बंगाल की ममता सरकार और यूपी की योगी सरकार में कितना फर्क है ये इसी बात से समझ सकते हैं कि सीएम ममता जहां दंगा रोकने के लिए अपील करती हैं तो वहीं सीएम योगी दंगाइयों के पोस्टर लगवा कर उन्हीं से नुकसान की भरपाई भी करवाते हैं !

वक्फ कानून के विरोध में Mamata का Bengal जल रहा फिर Yogi का UP क्यों खामोश है, वजह हैरान कर देगी !
ये जला कर राख कर दी गईं सरकारी बसें। ये जले हुए वाहनों की तस्वीरें। और ये दुकानों में हुई तोड़फोड़।ये कोई पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश से आई तस्वीरें नहीं हैं. ये तस्वीरें हैं ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल की. जहां जिला मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून के विरोध के नाम पर दंगाइयों ने हिंसा और आगजनी का ऐसा तांडव मचाया कि. जहां जो मिला सरेआम फूंक दिया गया. हालात ऐसे हो गये कि पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी को यहां तक कहना पड़ा कि.

"बंगाल की सड़कों पर लोगों की निजी संपत्तियों को आग के हवाले किया जा रहा है, सार्वजनिक वाहनों में तोड़फोड़ हो रही है और रेल व सड़क यातायात बाधित हो चुका है, पुलिसकर्मी घायल हो रहे हैं लेकिन राज्य सरकार मूकदर्शक बनी हुई हैं, राज्य के हिंसा-ग्रस्त जिलों -मुर्शिदाबाद, बीरभूम, मालदा, हुगली, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना में तुरंत अनुच्छेद 355 लागू किया जाए, ममता बनर्जी की सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है, पुलिसकर्मी खुद को बचाने के लिए मस्जिदों में शरण ले रहे हैं, राज्य में संविधान के अनुसार शासन चलाने की कोई मंशा नहीं दिख रही, ऐसे में केंद्र को हस्तक्षेप करना ही होगा"

बंगाल के हालात देख कर बीजेपी सेना उतारने की मांग रही है. तो वहीं दूसरी तरफ इतना बवाल होने के बावजूद पश्चिम बंगाल की सत्ता संभाल रहीं सीएम ममता बनर्जी इन दंगाइयों की अकड़ तोड़ने का आदेश देने की बजाए उनसे शांति की अपील करते हुए कह रही हैं कि "सभी धर्मों के लोगों से मेरी विनम्र अपील है कि कृपया शांत रहें, संयमित रहें, धर्म के नाम पर कोई भी अधर्मी कार्य न करें, हर इंसान की जान कीमती है, राजनीति के लिए दंगे न भड़काएं, जो लोग दंगे भड़का रहे हैं, वे समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं, याद रखें, जिस कानून के खिलाफ लोग भड़के हुए हैं, वह हमने नहीं बनाया, यह कानून केंद्र सरकार ने बनाया है, इसलिए जो जवाब आप चाहते हैं, वह केंद्र सरकार से मांगा जाना चाहिए, हमने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है - हम इस कानून का समर्थन नहीं करते, यह कानून हमारे राज्य में लागू नहीं होगा तो दंगा किस बात का?


वक्फ संशोधन कानून के विरोध के नाम पर बंगाल जलाने को बेताब जिन दंगाइयों को सीएम ममता बनर्जी भरोसा दे रही हैं कि वो पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन कानून लागू नहीं होने देंगी. वो शायद ये बात भूल गईं कि खुद देश के गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में बयान दिया है कि संसद से पास कानून को हर हाल में मानना ही होगा.

गृहमंत्री अमित शाह का ये बयान बता रहा है संसद से पास कानून सबको मानना ही पड़ेगा. लेकिन इसके बावजूद सीएम ममता बनर्जी बंगाल के मुसलमानों को आश्वासन देने में लगी हुईं हैं कि वो अपने राज्य में वक्फ संशोधन कानून लागू नहीं करेंगी. इतना ही नहीं. जिन मुस्लिमों ने कानून के विरोध के नाम हिंसा को अंजाम दिया. उन्हें पकड़ कर जेल में डालने की बजाए. अपील करते हुए कह रही हैं कि "याद रखें, हम दंगे भड़काने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे, हम किसी भी हिंसक गतिविधि का समर्थन नहीं करते, कुछ राजनीतिक दल राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं, उनके बहकावे में न आएं, मेरे हिसाब से धर्म का मतलब मानवता, सद्भावना, सभ्यता और सद्भाव है, मैं सभी से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील करती हूं"

ऐसा नहीं है कि मुसलमान सिर्फ पश्चिम बंगाल में ही हैं. बंगाल से ज्यादा मुसलमान तो योगी के उत्तर प्रदेश में हैं. जहां करीब चार करोड़ मुसलमान रहते हैं. लेकिन इसके बावजूद क्या मजाल है कि वक्फ संशोधन कानून के विरोध के नाम पर ये मुसलमान कानून को अपने हाथ में लेकर दंगे को अंजाम दें. क्योंकि यूपी सरकार दंगाइयों को कैसे सबक सिखाती है. इसका सबूत है सीएम योगी का ये बयान.

ऐसा नहीं है कि सीएम योगी सिर्फ बयान ही देते हैं. उनकी सरकार ने पहले सीएए विरोध के नाम पर दंगाइयों को सबक सिखाया और चौराहे पर पोस्टर लगवा कर दंगाइयों से ही नुकसान की भरपाई भी करवाई.तो वहीं कुछ महीनों पहले जिला संभल में भी सरकार ने दंगाइयों के पोस्टर चौराहे पर लगवा दिये थे. यही वजह है कि यूपी में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी होने के बावजूद पश्चिम बंगाल की तरह वक्फ संशोधन कानून के विरोध में दंगा करने की ना तो हिम्मत जुटा पा रहे हैं और ना ही सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर पा रहे हैं. यहां तक कि अरशद मदनी जैसे मौलाना भी मुसलमानों से सड़कों पर उतरने से बचने की अपील कर रहे हैं.

मौलाना की अपील से समझ सकते हैं पश्चिम बंगाल की ममता सरकार और यूपी की योगी सरकार में कितना फर्क है. सीएम ममता जहां दंगा रोकने के लिए अपील करती हैं. तो वहीं सीएम योगी दंगाइयों के पोस्टर लगवा कर उन्हीं से नुकसान की भरपाई भी करवाते हैं. 
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