बंगाल हिंसा पर हाईकोर्ट पहुंची ममता सरकार, कहा- 10,000 की भीड़ ने पुलिस की पिस्टल छीनी, सभी के पास थे घातक हथियार
पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में बंगाल हिंसा को लेकर हलफनामा दायर किया है. इसमें बताया गया है कि हिंसा वाले दिन करीब 10,000 की भीड़ इकट्ठा हो गई थी. सभी ने मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों के पिस्टल छीन लिए थे. इस भीड़ में करीब 10 लोगों के पास घातक हथियार थे.

पिछले हफ्ते वक्फ संशोधन कानून को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भड़की हिंसा को लेकर राज्य की ममता सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. इस हलफनामे में राज्य सरकार ने हिंसा से जुड़े कई मामलों पर अपनी बात रखी है. वहीं कलकत्ता हाईकोर्ट ने
मुर्शिदाबाद जिले में फैली हिंसा पर केंद्रीय बलों की तैनाती जारी रखने का आदेश सुरक्षित रखा है. हाईकोर्ट ने यह आदेश शुभेंदु अधिकारी की उस याचिका की सुनवाई के दौरान दी है. जिसमें बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया था कि मुस्लिम बहुल जिले में सांप्रदायिक दंगों के दौरान विस्फोट हुए थे.
ममता सरकार का हाईकोर्ट में हलफनामा
पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में बंगाल हिंसा को लेकर हलफनामा दायर किया है. इसमें बताया गया है कि हिंसा वाले दिन करीब 10,000 की भीड़ इकट्ठा हो गई थी. सभी ने मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों के पिस्टल छीन लिए थे. इस भीड़ में करीब 10 लोगों के पास घातक हथियार थे. जिसकी वजह से पुलिस को अपने अधिकारियों को बचाना पड़ा. उपद्रवियों द्वारा इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 8000 से लेकर 10,000 लोगों की भीड़ पीडब्ल्यूडी ग्राउंड पर मौजूद थी. इसमें से आधी भीड़ का हिस्सा अलग हो गया. बाकी बचे 5,000 लोग उमरपुर की तरफ बढ़ गए. उन्होंने नेशनल हाईवे को जाम कर दिया. उसके बाद देखते- देखते भीड़ बेकाबू हो गई और गालियों का प्रयोग करने लगी. उपद्रवियों ने पुलिस पर ईट पत्थर भी फेंकना शुरू कर दिया." अदालत के समक्ष पश्चिम बंगाल सरकार ने एक और रिपोर्ट पेश किया. जिसमें उसने कहा कि मुर्शिदाबाद में फिलहाल कानून-व्यवस्था नियंत्रण में है. ममता सरकार ने यह भी कहा है कि कुछ प्रभावित लोग अपने घर को लौट चुके हैं. बता दें कि पिछले दिनों मुर्शिदाबाद हिंसा से बचकर कई लोगों ने मालदा जिले के एक राहत शिविर में शरण ली थी.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने 3 सदस्यीय समिति को प्रभावित इलाकों के दौरे का आदेश दिया
कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस राजा बसु चौधरी की खंडपीठ ने सुझाव दिया है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, पश्चिम बंगाल राज्य मानवाधिकार आयोग, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एक-एक सदस्य वाली कुल 3 समिति हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास और शांति बहाली के लिए जिले के प्रभावित इलाकों का दौरा करें. फिलहाल पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के सुती, शमशेरगंज-धुलियान इलाकों में केंद्र की कुल 17 सुरक्षा कंपनियां तैनात है.
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