इजरायली राजदूत ने जताया PM मोदी का आभार, आतंक के ख़िलाफ़ भारत की बड़ी कूटनीतिक सफलता
NIA की टीम ने तहव्वुर राणा को आधिकारिक तौर पर गिरफ़्तार किया। तहव्वुर राणा के आते ही अब तमाम प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी है। भारत में इजरायल के राजदूत रियुवेन अजार ने 26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को नई दिल्ली लाने के लिए मोदी सरकार का शुक्रिया अदा किया है।

मुंबई के 26/11 हमलों का मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा के गुनाहों का हिसाब भारत की धरती पर अब होने वाला है। अमेरिका में प्रत्यर्पण के बाद तहव्वुर राणा को NIA की टीम गुरुवार को राजधानी दिल्ली के पलाम एयरपोर्ट लेकर पहुंची। जिसके बाद NIA की टीम ने तहव्वुर राणा को आधिकारिक तौर पर गिरफ़्तार किया। तहव्वुर राणा के आते ही अब तमाम प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी है। भारत में इजरायल के राजदूत रियुवेन अजार ने 26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को नई दिल्ली लाने के लिए मोदी सरकार का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा कि हम 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए भयानक और वीभत्स आतंकवादी हमलों के अपराधियों में से एक के भारत प्रत्यर्पण के बारे में सुनकर उत्साहित हैं।
इजरायली राजदूत ने कहा, "मैं आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए भारत सरकार को उसकी दृढ़ता के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।" मध्यपश्चिम भारत में इजरायल के महावाणिज्यदूत कोबी शोशानी ने कहाकि राणा का भारत आना मोदी सरकार की एक बड़ी कामयाबी है। शोशानी ने आईएएनएस से कहा, "मैं भारत सरकार को बधाई देना चाहूंगा क्योंकि यह निश्चित रूप से मोदी सरकार, भारतीय कूटनीति के लिए एक बड़ी सफलता है, वर्षों की कोशिशों के बाद उसे भारत लाया जा सका है। इस घटनाक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी के बेहतर रिश्ते की भी भूमिका रही है।"
पाकिस्तान में जन्मा कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है। लंबी कानूनी और कूटनीतिक कोशिशों के बाद राणा को भारत लाया जा सका है। अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने भारत में प्रत्यपर्ण पर रोक लगाने के उसके आवेदन को खारिज कर दिया था जिसके बाद उसे लाने का रास्ता साफ हो गया।
26 नवंबर 2008 की रात को 10 आतंकवादियों ने मुंबई में कई स्थानों पर एक साथ हमला किया था। 26/11 हमले में 164 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा घायल हुए। आतंकवादियों ने भारतीयों और अन्य देशों के नागरिकों की हत्या की। मृतकों में इजरायल के चार नागरिक भी शामिल थे। नौ आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया जबकि एक अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया जिसे बाद में फांसी की सजा हुई।
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