FRIDAY 18 APRIL 2025
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भारत बनेगा AI सुपरपावर! PM मोदी के मास्टर प्लान से दुनिया हैरान

भारत AI क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और PM मोदी के नेतृत्व में इसे ग्लोबल AI सुपरपावर बनाने की योजना बनाई जा रही है। हाल ही में घोषित IndiaAI Mission के तहत 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, जिससे शिक्षा, स्टार्टअप्स और इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी।

भारत बनेगा AI सुपरपावर! PM मोदी के मास्टर प्लान से दुनिया हैरान
आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। हर देश इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटा है, लेकिन भारत ने जिस तरह से AI के विकास के लिए रणनीति बनाई है, उसने अमेरिका और चीन जैसे देशों को भी हैरान कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने AI क्षेत्र में अग्रणी बनने का जो लक्ष्य रखा है, वह आने वाले वर्षों में दुनिया का नक्शा बदल सकता है।
AI समिट में PM मोदी का बड़ा बयान
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस में आयोजित एक AI समिट में हिस्सा लिया। इस समिट में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस न केवल तकनीकी प्रगति का प्रतीक है, बल्कि यह मानव सभ्यता के लिए एक नई क्रांति भी है। उन्होंने कहा कि AI का विकास एक सुनियोजित प्रणाली के तहत किया जाना चाहिए, जहां इसके मानकों को परिभाषित करने और वैश्विक सहयोग की आवश्यकता होगी। PM मोदी ने स्पष्ट किया कि AI केवल एक तकनीक नहीं, बल्कि एक ऐसी शक्ति है जो राजनीति, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और सामाजिक व्यवस्था को बदलने की क्षमता रखती है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि AI से जुड़े खतरों को कम करने के लिए मजबूत वैश्विक नियम बनाए जाने चाहिए।

नौकरी जाने की आशंका को किया खारिज

PM मोदी ने AI को लेकर सबसे बड़ी चिंता यानी नौकरी जाने की संभावना को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इतिहास इस बात का साक्षी है कि जब भी कोई नई तकनीक आई है, तब काम खत्म नहीं हुआ, बल्कि नए तरह के रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत को अब अपने युवाओं को AI के अनुकूल बनाने के लिए नए स्किल्स सिखाने और इस क्षेत्र में भारी निवेश करने की जरूरत है। इस दिशा में भारत पहले ही कई बड़े कदम उठा चुका है।

भारत का AI मिशन जो अमेरिका-चीन को देगा मात

भारत दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शामिल है, जहां हर साल सबसे अधिक इंजीनियर तैयार किए जाते हैं। ऐसे में सरकार ने एक ऐसा मास्टर प्लान तैयार किया है, जिससे भारत AI का वैश्विक केंद्र बन सकता है। भारत सरकार ने IndiaAI Mission की शुरुआत की है, जिसका बजट करीब 10,000 करोड़ रुपये है। इस मिशन के तहत सरकार ने 2025 तक 2,000 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए हैं। यह मिशन भारत को AI तकनीक में विश्वगुरु बनाने में मदद करेगा।
भारत के प्रमुख संस्थान जैसे IITs, IIITs और IISc AI रिसर्च और इनोवेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सरकार AI आधारित शोध को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू कर रही है। हाल ही में AI सुपरकंप्यूटर 'AIRAWAT' लॉन्च किया गया है, जो भारत को AI अनुसंधान में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल करेगा। इसके अलावा, IIT मद्रास, IIT दिल्ली और IIIT हैदराबाद जैसे संस्थान AI और मशीन लर्निंग पर विशेष केंद्र स्थापित कर रहे हैं, ताकि स्टूडेंट्स को नई तकनीकों की ट्रेनिंग दी जा सके।
भारत AI स्टार्टअप्स के मामले में दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल हो चुका है। BharatGPT, Fractal Analytics, SigTuple और Staqu जैसी कंपनियां AI इनोवेशन में बड़ा योगदान दे रही हैं। सरकार डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाओं के जरिए इन कंपनियों को फंडिंग और टेक्नोलॉजी सपोर्ट दे रही है। AI का इस्तेमाल हेल्थकेयर, साइबर सिक्योरिटी, कृषि और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है।
हेल्थकेयर: AI आधारित डायग्नोस्टिक्स सिस्टम मरीजों का तेजी से निदान कर रहा है।
एग्रीकल्चर: AI का उपयोग फसल प्रबंधन, मिट्टी की गुणवत्ता जांचने और सटीक खेती के लिए किया जा रहा है।
साइबर सिक्योरिटी: भारतीय स्टार्टअप्स AI के जरिए डेटा प्रोटेक्शन और साइबर हमलों को रोकने में मदद कर रहे हैं।
भारत सरकार ने National AI Strategy बनाई है, जिसमें AI को नैतिक रूप से विकसित करने पर जोर दिया गया है। सरकार डेटा सिक्योरिटी और प्राइवेसी के लिए डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2023 लागू कर रही है, ताकि AI का उपयोग सुरक्षित रूप से हो।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग में भारत की भूमिका

भारत AI क्षेत्र में वैश्विक साझेदारी बढ़ाने के लिए कई देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
फ्रांस: भारत और फ्रांस मिलकर AI रिसर्च और डिजिटल इनोवेशन को बढ़ावा दे रहे हैं।
यूएसए: भारत-अमेरिका टेक्नोलॉजी समझौते के तहत दोनों देश AI और साइबर सिक्योरिटी में सहयोग कर रहे।
यूरोप और जापान: भारत AI मानकों और नैतिकता को सुनिश्चित करने के लिए यूरोपीय संघ और जापान के साथ मिलकर काम कर रहा है।
PM मोदी की अगुवाई में भारत ने डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और AI-फोकस्ड प्रोग्राम्स के जरिए टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दिया है। कई वैश्विक कंपनियां अब भारत में AI रिसर्च और डेवेलपमेंट सेंटर स्थापित कर रही हैं। Google की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक AI के कारण भारत की अर्थव्यवस्था को 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक का फायदा होगा। इतना ही नहीं, अगले 2 सालों में AI के क्षेत्र में 1.2 लाख से ज्यादा नौकरियां उत्पन्न होने की संभावना है। भारत की यह रणनीति न केवल AI के क्षेत्र में उसे मजबूत बनाएगी, बल्कि यह चीन और अमेरिका जैसे देशों के लिए कड़ी चुनौती भी पेश करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 5-10 वर्षों में भारत AI में दुनिया का अगला सुपरपावर बन सकता है।

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