आम बजट से भारत की आर्थिक स्थिति होगी मजबूत, विकास को मिलेगा बढ़ावा
Budget 2025: केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूंजीगत व्यय पर ध्यान केंद्रित रखते हुए उपभोग को प्रोत्साहित करने और राजकोषीय समेकन की दिशा में तेजी से कदम उठाने का विकल्प चुना है।

Budget 2025: आम बजट 2024-25 में उठाए गए कदमों से भारत आर्थिक रूप से मजबूत होगा और मध्यम से लंबी अवधि के विकास को बढ़ावा मिलेगा, यह जानकारी सोमवार को जारी की गई रिपोर्ट में दी गई। आम बजट 2025-26 काफी संतुलित है। इसमें सरकार ने एक तरफ वित्तीय अनुशासन का ध्यान रखा है। वहीं, दूसरी तरफ आर्थिक गति को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है। केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूंजीगत व्यय पर ध्यान केंद्रित रखते हुए उपभोग को प्रोत्साहित करने और राजकोषीय समेकन की दिशा में तेजी से कदम उठाने का विकल्प चुना है।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से .....
12 लाख रुपये तक इनकम टैक्स नहीं होने से कंज्यूमर सेंटीमेंट और खर्च में बड़ा बदलाव आएगा
केयरएज के प्रबंध निदेशक और समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मेहुल पंड्या ने कहा, "विनियमन के माध्यम से व्यापार करने में आसानी में सुधार लाने के उपाय, एमएसएमई को समर्थन, निवेश और निर्यात, 2047 में विकसित भारत को प्राप्त करने के लिए एक स्पष्ट रणनीति की रूपरेखा तैयार करते हैं।" व्यक्तिगत आयकर स्लैब को युक्तिसंगत बनाने, टीडीएस और टीसीएस प्रावधानों सहित प्रमुख कर सुधारों का उद्देश्य अनुपालन को सरल बनाना और खर्च करने योग्य आय को बढ़ाना और उपभोक्ताओं के विश्वास को बढ़ावा देना है। उन्होंने आगे कहा कि 12 लाख रुपये तक इनकम टैक्स नहीं होने से कंज्यूमर सेंटीमेंट और खर्च में बड़ा बदलाव आएगा।
बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को बढ़ाकर 100 प्रतिशत करना भी सही दिशा में उठाया गया कदम है
बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को बढ़ाकर 100 प्रतिशत करना भी सही दिशा में उठाया गया कदम है। विनियामक सुधारों के लिए एक उच्च स्तरीय समिति की स्थापना की घोषणा सिद्धांत-आधारित, लाइट-टच रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के लिए प्रतिबद्धता दर्शाती है। बजट में पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों पर जोर दिया गया है, जिससे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। वित्त वर्ष 26 के लिए 4.4 प्रतिशत के बजटीय राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के साथ राजकोषीय समेकन में निरंतरता से देश को ऋण स्थिरता की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि ये उपाय व्यापक आर्थिक माहौल को स्थिर करने, निजी क्षेत्र की भागीदारी और निवेश को बढ़ावा देने के लिए तैयार हैं।