इस्राइल पर हमला करने वाला हानिया मारा गया, मोसाद ने किया ढेर
इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने इस्माइल हानिया को मार डाला। इस्माइल हानिया फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास का चीफ था। वही इस्माइल हानिया जो बीते 7 अक्तूबर को हमले का इजरायल पर हुए हमले का मास्टरमाइंड था। हालांकि मोसाद ने अभी तक ये नहीं कहा है कि हानिया को उसी ने मारा है। लेकिन इजरायल के हेरिटेज मिनिस्टर अमीचाई एलियाहु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा है कि दुनिया से गंदगी दूर करने का ये सही तरीका है।
Ismail Haniyeh : इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने Ismail Haniyeh को मार डाला। इस्माइल हानिया फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास का चीफ था। वही इस्माइल हानिया जो बीते 7 अक्तूबर को हमले का इजरायल पर हुए हमले का मास्टरमाइंड था। हालांकि मोसाद ने अभी तक ये नहीं कहा है कि हानिया को उसी ने मारा है। लेकिन इजरायल के हेरिटेज मिनिस्टर अमीचाई एलियाहु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा है कि दुनिया से गंदगी दूर करने का ये सही तरीका है।
दुनिया जानती है कि मोसाद, दुश्मन को घर में घुस कर मारता है। आइए समझते हैं कि हानिया की हत्या कैसे की गई ?
मोसाद काफी दिन से इंतजार कर रहा था कि हानिया अपने ठिकाने से बाहर निकले। मोसाद ये तैयारी उसी दिन से कर रहा था जब हानिया ने इजरायल पर हमले के बाद जश्न मनाया था। इजरायल ने उसी दिन हानिया को खत्म करने की कसम खाई थी। मोसाद मौका ढुंढ रहा था कि हानिया कब कतर से बाहर निकले। आपको बता दें कि इस्लामिल हानिया बीते कई सालों से कतर में ही छिपकर रहता है। और मोसाद को वो मौका मिला। मंगलवार यानी 30 जुलाई को।
30 जुलाई को ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजशकियान का शपथ ग्रहण था। आयोजन किया गया ईरान की राजधानी तेहरान में। हानिया को भी इस शपथ ग्रहण में आने के लिए आमंत्रित किया गया। क्योंकि इजरायल फिलीस्तीन की जंग में फिलीस्तीन का साथ देता है। हानिया तेहरान पहुंचा, तो उसे राजधानी के सबसे सुरक्षित जगह पर ठहराया गया। वो जगह राष्ट्रपति आवास से सिर्फ 150 मीटर दूर। हानिया शपथ ग्रहण में शामिल हुआ। वो ईरान के राष्ट्रपति से भी मिला। उसकी मुलाकात ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खमेनेई से भी हुई। इस बीच उसकी एक-एक हलचल पर नजर रखी जा रही थी। शपथ ग्रहण के समय वो लोगों से घिरा हुआ था इसलिए वहां मारना मुश्किल था। रात में जब हानिया अपने ठिकाने पर वापस लौटा। तो वहां मिसाइल से हमला हुआ। गाइडेड मिसाइल से, जिससे निशाना सटीक लगे। औऱ वही हुआ। हानिया मारा गया।
ईरान के राष्ट्रपति की शपथ के बाद तेरहान में अमेरिका और इजरायल मुर्दाबाद के नारे लग रहे थे। इसलिए ये भी माना जा रहा है कि हो सकता है मोसाद की मदद ये काम अमेरिका ने किया हो। क्योंकि हानिया के ठिकाने पर हुआ हमला बिल्कुल वैसा ही था, जैसा 2020 में बगदाद में ईरान के टॉप मिलिट्री कमांडर जनरल सुलेमानी को मारा गया था। ये हमला अमेरिकी ड्रोन से हुए था। सुलेमानी 1998 से ही ईरान की कुर्द फोर्स के कमांडर था। इस कयास को बल एक पोस्ट से भी मिल रहा है। हानिया के ठिकाने पर हुए हमले के बाद इजरायल के विदेश मंत्रालय ने एक पोस्ट शेयर की है। पोस्ट है अमेरिकी राजनेता रिची टोरेस की। टोरेस ने लिखा है "हमास के नेता को न्याय के कटघरे में लाया गया है। हमेशा के लिए। नरक में एक विशेष स्थान उसके लिए आरक्षित है।
बता दें कि हानिया के तीन बेटे- हेजम, आमिर और मोहम्मद को इजराइल पहले ही 10 अप्रैल को एक एयरस्ट्राइक में मार चुका है। हमास ने उस समय कहा था, कि हमले में इस्माइल हानिया ने अपने चार पोते-पोतियों, तीन लड़कियों और एक लड़के को भी खो दिया है। यानी हानिया का पूरा परिवार ख़त्म हो चुका है। अब सवाल ये उठता है कि
क्या मोसाद ने अपने नागरिकों की मौत का बदला। हानिया के पूरे परिवार को ख़त्म करके ले लिया है।
बता दें कि इस्माइल हानिया ने आतंक की आड़ में अरबों का साम्राज्य खड़ा किया।कई रिपोर्ट्स के मुताबिक इस्माइल हानिया के पास 4 बिलियन डॉलर की संपत्ति है। भारतीय रुपये में ये आंकड़ा लगभग 30 हजार करोड़ का है। लेकिन पूरा परिवार खत्म। अब आतंक का पैसा । आतंकियों के खाते में ही गया। इस खबर में बस इतना ही।
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