SATURDAY 26 APRIL 2025
Advertisement

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भूटान नरेश का दो दिवसीय भारत दौरे पर किया स्वागत

विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा जारी आधिकारिक प्रेस बयान में कहा गया है कि शुक्रवार को समाप्त होने वाली यह उच्च स्तरीय यात्रा दोनों पड़ोसी देशों के बीच गहरे संबंधों और आपसी सम्मान का प्रतीक है। भूटान नरेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलेंगे, जो दोनों देशों के बीच चल रही उच्च स्तरीय बैठकों में एक और अध्याय जोड़ेगा।

Created By: NMF News
05 Dec, 2024
11:30 AM
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भूटान नरेश का दो दिवसीय भारत दौरे पर किया स्वागत
भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे। गुरुवार को नई दिल्ली पहुंचने पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गर्मजोशी से स्वागत किया। उनके साथ रानी जेटसन पेमा वांगचुक और वरिष्ठ अधिकारी भी थे।

जयशंकर ने एक्स पर लिखा, "आज नई दिल्ली पहुंचने पर भूटान के महामहिम राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक का स्वागत करते हुए मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं।" उन्होंने आगे लिखा, "उनकी यात्रा हमारी दोस्ती के अनूठे बंधन को और मजबूत करेगी।"

अपनी यात्रा के दौरान, भूटान नरेश राजनयिक संबंधों की समीक्षा के लिए भारतीय नेतृत्व के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।

यह उच्च स्तरीय यात्रा दोनों पड़ोसी देशों के बीच गहरे संबंधों का प्रतीक


विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा जारी आधिकारिक प्रेस बयान में कहा गया है कि शुक्रवार को समाप्त होने वाली यह उच्च स्तरीय यात्रा दोनों पड़ोसी देशों के बीच गहरे संबंधों और आपसी सम्मान का प्रतीक है भूटान नरेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलेंगे, जो दोनों देशों के बीच चल रही उच्च स्तरीय बैठकों में एक और अध्याय जोड़ेगा।

इसके अलावा, जयशंकर और भारत सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भूटान नरेश से मुलाकात करने वाले हैं। प्रेस वक्तव्य के अनुसार, इन बैठकों का उद्देश्य मौजूदा सहयोग को मजबूत करना और द्विपक्षीय सहयोग के लिए नए रास्ते तलाशना है।

भारत और भूटान के बीच असाधारण और अनुकरणीय संबंध


भारत और भूटान के बीच असाधारण और अनुकरणीय संबंध हैं, जो आपसी विश्वास, सद्भावना और समझ पर आधारित हैं। इन संबंधों की नींव 1949 में पड़ी, जब दोनों देशों ने मैत्री और सहयोग की संधि पर हस्ताक्षर किए, जिसे फरवरी 2007 में विकसित गतिशीलता को दर्शाने के लिए रिन्यू किया गया। 1968 में औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित किए गए, जिसने इस स्थायी साझेदारी को और मजबूत किया।

दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की एक उल्लेखनीय विशेषता उनकी आर्थिक परस्पर निर्भरता है।

लगभग 50,000 भारतीय नागरिक भूटान में निर्माण, शिक्षा और विभिन्न प्रोजेक्ट्स में कार्यरत हैं। कुछ श्रमिक तो रोजाना भारत से भूटान के सीमावर्ती शहरों में अपनी नौकरी के लिए आते-जाते हैं। यह एकीकरण दोनों देशों के बीच सहयोग और साझा समृद्धि की गहराई को दर्शाता है।

हाल के वर्षों में सहयोग का दायरा काफी बढ़ गया है, जो जलविद्युत जैसे पारंपरिक क्षेत्रों से आगे बढ़कर डिजिटल बुनियादी ढांचे, शिक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे उभरते क्षेत्रों को भी शामिल करता है।

भूटान भीम ऐप अपनाने वाला दूसरा देश बन गया है, जिससे वित्तीय संबंध सुगम हुए हैं और भारत ने भूटान की 'डिजिटल ड्रुक्युल' पहल का समर्थन किया है, जिसका उद्देश्य सभी 20 जिलों में एक मजबूत ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बनाना है।

अंतरिक्ष सहयोग, सहयोग का एक और आशाजनक क्षेत्र है। भारत के प्रधानमंत्री की 2019 की भूटान यात्रा के बाद, संयुक्त रूप से विकसित 'भारत-भूटान एसएटी' को नवंबर 2022 में लॉन्च किया गया।

यह पहल, अन्य तकनीकी साझेदारियों के साथ, द्विपक्षीय संबंधों की प्रगतिशील प्रकृति को रेखांकित करती है।

शिक्षा के क्षेत्र में, भारत स्टेम शिक्षकों की कमी को दूर करने और देश की मानव संसाधन क्षमताओं को बढ़ाने में भूटान का समर्थन करना जारी रखता है।

भूटान नरेश की यात्रा इन पहलों की समीक्षा करने और उन्हें आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करती है, जिससे भारत और भूटान के बीच दीर्घकालिक मित्रता और मजबूत होगी और सहयोग के नए आयाम तलाशे जाएंगे।

Input: IANS

Tags

लाइव अपडेट
Advertisement
‘अगले PM योगी अंकल बनेंगे’ ! 9 साल की बच्ची की तगड़ी भविष्यवाणी !
Advertisement