शिंदे से BJP को चाहिये छुटकारा ? महायुति में टूट ? महाराष्ट्र में खेल !
जबसे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ली है तभी से एकनाथ शिंदे नाराज़ बताये जा रहे हैं, क्या ये नाराज़गी इस कदर बढ़ गई है कि वो बाग़ी होने पर उतर आये हैं ? ऐसा कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे की हरकतों से परेशान होकर महायुति के बड़े नेता उनसे छुटकारा पाने की फ़िराक़ में हैं।

ये ख़बर थमने का नाम नहीं ले रही है, बल्कि अब तो इसके सबूत भी सामने आने लगे हैं। सबूत इस बात के भी आ रहे हैं कि सिर्फ़ शिंदे ही नहीं बल्कि फडणवीस की तरफ से भी अब आर पार की तकरार सामने आ गई है। जिस तरह के फ़ैसले महायुति की तरफ़ से लिये जा रहे हैं, जिस तरह से फडणवीस बैठकों पर बैठकें कर रहे हैं, राज ठाकरे से मुलाक़ात कर रहे हैं, एकनाथ शिंदे की योजनाओं को बंद करने की प्लानिंग कर रहे है उसे लेकर माना जा रहा है कि फडणवीस भी अब एकनाथ शिंदे से छुटकारा पाने की फिराक में है।
कहते हैं इस देश में ऐसे कुछ ही राज्य हैं जिनकी राजनीति ना सिर्फ़ दिलचस्प है बल्कि उस पर सभी की नज़र रहती है। इनमें से एक राज्य महाराष्ट्र भी है। यहां का सियासी समीकरण बेहद उलझा हुआ नजर आता है। इस बार के चुनावों में सोचिये सारे Exit Polls महाविकास अघाडी की सरकार बनवा रहे थे लेकिन देखिये सरकार महायुति की बनी, लेकिन लगता है कि 2 महीने पहले बनी सरकार में अब सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। फडणवीस का मुख्यमंत्री बनना शिंदे को रास नहीं आ रहा तो वहीं फडणवीस भी अब आर पार की लड़ाई के मूड में हैं लेकिन ऐसा क्यों लग रहा है, कौन से वो समीकरण बन रहे हैं जिसकी वजह से माना जा रहा है कि अब फडणवीस भी शिंदे के साथ तकरार के मूड में हैं आइये एक एक कर समझिये।
फडणवीस MNS और UBT के नेताओं से मुलाक़ात कर रहे हैं
कितनी अजीब बात हैं ना चुनावों से पहले जो धुर विरोधी थे उन्हीं से सीएम फडणवीस अब लगातार बात कर रहे हैं मुलाक़ात कर रहे हैं। हाल ही में महाराष्ट्र का सियासी पारा उस वक्त हाई हो गया था जब फडणवीस ने राज ठाकरे से मुलाक़ात की थी, इसी के साथ कुछ UBT के नेताओं से भी उनकी मुलाक़ात हुआ। मुलाक़ात ऐसे वक़्त में हुई जब BMC का चुनाव होना है। माना जा रहा है कि फडणवीस शिंदे को ये संदेश पहुँचाना चाहते थे कि वो ये ना समझे कि उनके पास कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है।
शिंदे की योजनाएं बंद होंगी ?
मुख्यमंत्री रहते हुए एकनाथ शिंदे ने जो फ़ैसले लिये, जो योजनाएं शुरू की थी, फडणवीस सरकार उन्हें बंद करने की फिराक में है। शिंदे ने जो मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना शुरू की थी जिसमें बुजुर्गों के लिए मुफ़्त तीर्थ यात्रा की सुविधा थी वो रोक दी गई है, आनंदाचा सिद्धा योजना भी बंद होने की कगार पर है। इसमें त्योहारों पर किराने का सामान कम दर पर दिया जाता था। ऐसे ही कई और फैसले भी हैं जिनको पलटने की तैयारी है।
इतना ही नहीं सबसे दिलचस्प बात देखिये शरद पवार के हाथों एकनाथ शिंदे सम्मान ले रहे हैं, उनसे तारीफ़ बटोर रहे हैं, वो भी ये संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके पास भी रास्ते खुले हैं। बहरहाल, शिंदे और फडणवीस की तकरार किस हद तक जाएगी और इसका असर महायुति पर किस तरह से होगा ये देखने वाली बात होगी