TUESDAY 08 APRIL 2025
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Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बड़े ऐलान, जानिए आम आदमी को मिलेगा कितना फायदा?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 पेश किया, जिसमें आम आदमी को बड़ी राहत दी गई है। नई इनकम टैक्स व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा और 25 लाख तक की आय वालों को 1.10 लाख रुपये तक का लाभ मिलेगा।

Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बड़े ऐलान, जानिए आम आदमी को मिलेगा कितना फायदा?
देशभर के लोग इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। हर कोई जानना चाहता था कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने इस ऐतिहासिक बजट में किसे राहत देंगी, किस पर करों का बोझ बढ़ेगा और देश की अर्थव्यवस्था को किस दिशा में ले जाएंगी। संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट 2025-26 में इस बार मध्यम वर्ग, स्टार्टअप्स, नौकरीपेशा लोगों, गिग वर्कर्स, शिक्षा, रियल एस्टेट और उद्योगों के लिए कई बड़े फैसले लिए गए हैं।

बजट का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, औद्योगिक विकास को समर्थन देना, टैक्स प्रणाली को सरल बनाना और आम आदमी की जेब में ज्यादा पैसा छोड़ना है। वित्त मंत्री के इस बजट में सबसे ज्यादा चर्चा में रहा नई इनकम टैक्स व्यवस्था में बदलाव और गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना।  आइए, जानते हैं कि इस बजट के 10 बड़े फैसले, जिनका सीधा असर आम जनता पर पड़ने वाला है।

सीतारमण के 10 बड़े ऐलान 

टैक्सपेयर्स को राहत!
बजट 2025 का सबसे बड़ा सरप्राइज रहा नई इनकम टैक्स व्यवस्था में बदलाव। इस बार सरकार ने 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को टैक्स फ्री कर दिया है। यानी जो लोग 12 लाख रुपये तक कमाते हैं, उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा। यह कदम मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। इसके अलावा, 25 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वालों को 1.10 लाख रुपये तक का टैक्स फायदा होगा, जबकि 18 लाख रुपये तक की आय वालों को 70,000 रुपये तक की राहत मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा यह बजट नौकरीपेशा लोगों के लिए वरदान साबित होगा। इनकम टैक्स में छूट से आम आदमी की जेब में ज्यादा पैसा बचेगा, जिससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

5 साल तक टैक्स बेनिफिट
भारत में स्टार्टअप्स की संख्या लगातार बढ़ रही है, और सरकार इसे और प्रोत्साहित करना चाहती है। अब स्टार्टअप्स को टैक्स बेनिफिट्स हासिल करने के लिए इनकॉरपोरेशन की समयसीमा 5 साल तक बढ़ा दी गई है। इससे नए स्टार्टअप्स को सरकार की योजनाओं का लाभ अधिक समय तक मिलेगा और वे बिना टैक्स का दबाव लिए अपना बिजनेस बढ़ा सकते हैं।

गिग वर्कर्स को पहचान पत्र और ई-श्रम कार्ड
आज के समय में जोमैटो-स्विगी के डिलीवरी बॉय, उबर-ओला के ड्राइवर, ऑनलाइन फ्रीलांसर और छोटे व्यवसायियों जैसे करोड़ों लोग गिग इकॉनमी का हिस्सा हैं। पहली बार गिग वर्कर्स के लिए सरकार ने सामाजिक सुरक्षा योजना शुरू की है। अब सरकार गिग वर्कर्स को पहचान पत्र देगी और उन्हें ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत करेगी। इससे उन्हें प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं भी दी जाएंगी। सरकार का अनुमान है कि इससे लगभग 1 करोड़ गिग वर्कर्स को सीधा फायदा मिलेगा।

घर खरीदने वालों को राहत
अगर आप नया घर लेने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है! सरकार ने SWAMIH स्कीम के तहत 2025 में 40,000 और नए घरों के पूरा होने की उम्मीद जताई है। इसके अलावा, 1 लाख अतिरिक्त इकाइयों को पूरा करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये का नया SWAMIH फंड 2 बनाया जाएगा। इससे मध्यम वर्गीय परिवारों को अफोर्डेबल हाउसिंग मिल सकेगी और अटके हुए प्रोजेक्ट पूरे किए जाएंगे। EMI और किराये की बढ़ती दरों के कारण परेशान लोगों को इससे बड़ी राहत मिलेगी।

मोबाइल बैटरी सस्ती
सरकार ने मोबाइल फोन बैटरी के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 28 अतिरिक्त सामानों को पूंजीगत वस्तुओं की सूची में छूट देने का ऐलान किया है। इसका मतलब यह हुआ कि आने वाले समय में मोबाइल फोन की बैटरियां सस्ती हो सकती हैं।

एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट
बजट 2025 में शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ा ऐलान किया गया है। खासतौर पर विदेश में पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन लेने वाले छात्रों के लिए राहत आई है। सरकार ने विशेष वित्तीय संस्थानों से लिए गए 10 लाख रुपये तक के एजुकेशन लोन पर TCS (टैक्स कलेक्शन एट सोर्स) को हटा दिया है। अब छात्र बिना किसी अतिरिक्त टैक्स बोझ के लोन ले सकेंगे और अपनी उच्च शिक्षा पूरी कर सकेंगे।

किराए के लिए TDS सीमा बढ़ी
अब तक किरायेदारों को 2.4 लाख रुपये सालाना किराए पर TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) देना पड़ता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे मध्यम वर्गीय किराएदारों को राहत मिलेगी और उनके ऊपर टैक्स का अतिरिक्त बोझ नहीं आएगा।

GDP में बढ़ोतरी
सरकार ने 2025-26 के लिए भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 6.3% से 6.8% के बीच रखा है। हालांकि, यह दर एक विकसित देश बनने के लिए आवश्यक 8-10% की दर से कम है। विशेषज्ञों का मानना है कि आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए सरकार को भूमि सुधार और श्रम सुधारों को प्राथमिकता देनी होगी।

यह बजट आम आदमी के लिए कितना फायदेमंद?

इस बजट में टैक्स छूट, गिग वर्कर्स के लिए सुरक्षा, अफोर्डेबल हाउसिंग, स्टार्टअप्स को बढ़ावा और एजुकेशन लोन पर राहत जैसी घोषणाएं की गई हैं, जो सीधे आम आदमी की जिंदगी को प्रभावित करेंगी। हालांकि, कुछ लोग इस बजट को मध्यम वर्ग के लिए अच्छा लेकिन उद्योगों के लिए चुनौतीपूर्ण मान रहे हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार को हेल्थकेयर और शिक्षा क्षेत्र में और अधिक निवेश करना चाहिए था।

अब देखना यह होगा कि आम जनता इस बजट को कितना पसंद करती है और इसका बाजार और उद्योगों पर क्या प्रभाव पड़ता है। लेकिन एक बात तो तय है – इस बजट ने हर किसी की जेब पर असर डाला है!

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