कौशांबी में वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर बड़ा एक्शन, 93 बीघा लैंड सरकारी जमीन के रूप में कराई दर्ज
कौशांबी में वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की गई है. सिराथू तहसील के कड़ा धाम इलाके में करीब 93 बीघा वक्फ बोर्ड की संपत्ति को प्रशासन ने कब्जा मुक्त कराते हुए सरकारी खाते में दर्ज कराया है. जांच में पाया गया है कि वक्फ बोर्ड के नाम से पहले भूमि ग्राम समाज के खाते में दर्ज थी. जिले के तीनों तहसील क्षेत्रो में जांच टीम गठित कर दी गई है.

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ क़ानून पर मोदी सरकार और विरोधी मौलानाओं के वकील कपिल सिब्बल बुरी तरह भिड़ रहे हैं. किसी तरह वक्फ क़ानून रद्द हो जाए कपिल सिब्बल चिल्ला रहे हैं. नई नई दलीलें पेश करते नजर आ रहे हैं. कोर्ट में बवाल चल ही रहा था. योगी आदित्यनाथ ने वक्फ क़ानून को लेकर यूपी में विरोधी मौलानाओं के होश उड़ा देने वाला फैसला सुना दिया है. ऐसी कार्रवाई की गई. कोर्ट में खड़े कपिल सिब्बल के भी होश उड़ गए.क्योंकि
कौशांबी में वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की गई है. सिराथू के कड़ा धाम मिलकर में 93 बीघा वक्फ बोर्ड की संपत्ति को सरकार ने कब्जा मुक्त कराया है. प्रशासन ने वक्फ की संपत्ति को कब्जा मुक्त कराते हुए सरकारी खाते में दर्ज कराया है. जिले में 98.95 हेक्टेयर भूमि वक्फ बोर्ड के नाम पर है. जिले के तीन तहसीलों में जांच टीम गठित की गई है. जांच में पाया गया है कि वक्फ बोर्ड के नाम से पहले या भूमि ग्राम समाज के खाते में दर्ज थी.
वक्फ कानून लागू होते ही योगी सरकार ने इसे सख्ती से अमल में लाकर एक्शन शुरू कर दिया है. सबसे पहले संभल रडार पर आया है. जहां जनेटा शरीफ की दरगाह पर एक्शन लिया गया है. खैर संभल की कार्रवाई पर आएं. उससे पहले कौशांबी में कैसे एक एक्शन ने मौलानाओं की जमीन हिलाकर रख दी है ये बताते हैं. दरअसल जांच की गई तो पता चला की कौशांबी की ज्यादातर वक्फ संपत्ति पर कब्रिस्तान और मदरसे बने हुए हैं. वक्फ संपत्ति से पहले ग्राम समाज के खाते में कुछ जमीन दर्ज थी. जब जांच में बाद खुलासा हुआ तो वक्फ संपत्ति को तुरंत कब्जा मुक्त कराया गया. फिलहाल आगे और भी जमीनों की जांच चल रही है.अब बात करते हैं संभल की. जहां कई ऐसी जमीनें पाई गई हैं जिनपर बताया जा रहा है कि वक्फ के नाम पर अवैध कब्जा किया हुआ है. और जल्द उन्हें जांच पड़ताल के बाद कब्जा मुक्त करने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी.
संभल में भी वक्फ कानून के तहत कार्रवाई की गई है. मुस्लिम युवक की शिकायत के बाद संभल की जनेटा शरीफ दरगाह की जांच शुरू हुई. राजस्व विभाग की टीम जनेटा दरगाह शरीफ की पैमाइश की है. जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी गई है डीएम के निर्देश के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी.
दरगाह से सटे तालाब की भूमि से कब्जा भी हटवा दिया गया है.
यूपी में एक के बाद एक धाकड़ एक्शन शुरू हो गया है. सिर्फ संभल कौशांबी ही वहीं बल्कि मेरठ में भी प्रशासन की सख्ती से हलचल पैदा कर दी है. क्योंकि मेरठ में भी वक्फ से जुड़ी संपत्तियों की स्थिति को लेकर हलचल तेज हो गई है. अब तक के रिकॉर्ड के मुताबिक मेरठ में सुन्नी वक्फ बोर्ड की 2661 और शिया वक्फ बोर्ड की 81 संपत्तियां चिन्हित हैं. जांच में कोई भी संपत्ति सरकारी जमीन के रूप में चिन्हित होती है तो उसपर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
सिर्फ एक दो जिले में ही नहीं. बल्कि पूरे यूपी में वक्फ कानून को लेकर सीएम योगी ने सख्ती दिखा दी है. वक्फ के नाम पर अवैध कब्जे के काम पर लगे एक भी माफिया को छोड़ा नहीं जाएगा. वैसे भी सीएम योगी वक्फ में चल रही धांधली को लेकर बेहद गुस्से में है. यही वजह है कि मंच से खड़े होकर उन्होंने साफ संदेश बार बार दिया है कि यूपी में माफिया गिरी कोई भी करता पाया जाएगा. किसी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा.
वक्फ कानून को लेकर जहां एक तरफ विपक्षी और विरोधी मौलाना चिल्ला रहे हैं देश में माहौल बना रहे हैं किसी तरह वक्फ कानून रद्द हो जाए सुप्रीम कोर्ट में गिड़गिड़ाते नजर आ रहे है. अफवाह फैला रहे हैं कि वक्फ कानून से मुसलमानों को टार्गेट किया गया है. वक्फ कानून मुस्लिमों के धर्म में हस्तक्षेप करने के लिए लाया गया है. इस कानून से ना सिर्फ वक्फ को खत्म किया जाएगा. बल्कि मुसलमानों की मस्जिद मदरसों पर भी एक्शन लिया जाएगा. लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है. ये तो सिर्फ मुसलमानों के बीच गलतफेमी पैदा कर भड़काने की कोशिश की जा रही है. ताकी मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बने. और देश में वही स्थिति पैदा हो जाए जो CAA-NRC के वक्त हुई थी. .यही वजह है कि पीएम मोदी से लेकर बीजेपी के तमाम नेताओं की तरफ से भी बार बार समझाया जा रहा है कि वक्फ कानून सिर्फ उनके लिए लाया जा रहा है कि जो माफियागिरी दिखाकर गरीबों के हक को छीन रहे हैं जो वक्फ की जमीनों पर कब्जा कर खेल रहे हैं.
पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी तक साफ चेतावनी साफ शब्दों में दे चुके हैं कि कोई भी वक्फ के नाम पर चालाकी करता पाएगी. उसे किसी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा. फिर चाहे विरोधी मौलाना कितना भी माहौल बनाएं. कितना भी मुसलमानों को भड़काने की कोशिश कर आंख दिखाएं. यही वजह है कि यूपी में वक्फ के नाम पर अवैध कब्जाधारियों पर धड़ाधड़ एक्शन शुरू हो गया है. तो वहीं सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून के खिलाफ लगी याचिकाओं का मोदी सरकार की तरफ से खुलकर विरोध किया जा रहा है. कोर्ट में बताया जा रहा है कि वक्फ कानून कैसे और किससे सलाह मशवरा कर लाया गया. कैसे संसोधन कर उसे पारदर्शी बनाया गया. अब खेल होगा. और चिल्लाने वाले मौलानाओं की भी पोल खुलेगी.
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