WEDNESDAY 30 APRIL 2025
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बालेशाह पीर दरगाह मिट्टी में मिल जाएगी, बुलडोजर चलने की तारीख़ आ गई सामने

2011 में पुलिस ने मीरा भयंदर के कलेक्टर को एक लेटर लिखकर बालेशाह पीर दरगाह को सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया था, पुलिस ने आशंका जताई थी कि आतंकवादी समुद्र के रास्ते इस इलाके में घुस सकते हैं और दरगाह में छुप सकते हैं, इसलिए दरगाह को तुरंत हटाने की सिफारिश की गई थी

बालेशाह पीर दरगाह मिट्टी में मिल जाएगी, बुलडोजर चलने की तारीख़ आ गई सामने
वो दरगाह जो बन रही थी खतरा, वो दरगाह जहां घुसपैठिए बना सकते थे अपना ठिकाना, समुद्र किनारे दरगाह महाराष्ट्र के लिए देश के लिए बन सकती थी आफत, इसीलिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का आदेश आ गया कि इस दरगाह की उखाड़ कर फेंक दिया जाए, जी हां सीएम फडणवीस महाराष्ट्र में हो रहे घुसपैठ को लेकर एक्शन मोड़ में है, एक तरफ रोहिंग्याओं को भगाने के लिए बुलडोज़र चल रहा है, तो वही दूसरी तरह समुद्र किनारे बसा दरगाह जो खतरा बन रहा था उसे भी उखाड़ फेंकने की तैयारी कर ली गई है

दरअसल महाराष्ट्र के साथ साथ देश की सुरक्षा को देखते हुए सीएम फडणवीस सख़्त है, ऐसे में उन्होंने एक दरगाह को हटाने का अल्टीमेटम जारी कर दिया है, बताया जा रहा है कि, ये दरगाह आतंकियों के लिए सॉफ्ट लैंडिंग स्पॉट साबित हो सकती है, ये पूरा मामला ठाणे के मीरा भायंदर में स्थित बालेशाह पीर दरगाह का है, जिसे 10 मई तक हटाने का आदेश दे दिया गया है, जानकारी देते चलें कि, समंदर के किनारे ये दरगाह है, और यहां पिछले कई सालों में तेजी से अवैध गतिविधियां बढ़ी हैं, 

ऐसे में महाराष्ट्र सरकार में राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले इस दरगाह की लेकर बताया कि, "पूरे एरिया में 10 हजार स्क्वायर फीट में एक दरगाह बनाई गई है, बार-बार नोटिस देने के बाद भी कब्जा रुक नहीं रहा है, मीरा भायंदर महानगर पालिका और कलेक्टर ने दरगाह को नोटिस दी है, यह दरगाह सरकारी जगह पर है, इस अतिक्रमण को हटाया जाएगा"


अब भले ही दरगाह को हटाने पर राजनीति हो रही है, लेकिन ये मामला बड़ा पुराना है, 2011 में पुलिस ने मीरा भयंदर के कलेक्टर को एक लेटर लिखकर इस दरगाह को सुरक्षा के लिए खतरा बताया था, पुलिस ने आशंका जताई थी कि आतंकवादी समुद्र के रास्ते इस इलाके में घुस सकते हैं और दरगाह में छुप सकते हैं, इसलिए दरगाह को तुरंत हटाने की सिफारिश की गई थी, लेकिन इसके बावजूद दरगाह को हटाया भी जा सका, हालांकि अब लगता है कि दरगाह को 10 मई तक मिट्टी में मिला दिया जाएगा

दरगाह के आसपास 70,000 स्क्वायर फीट क्षेत्र में अतिक्रमण । नियमों का उल्लंघन करके समुद्र के आस पास कटाई हो रही। कोविड काल के बाद अवैध गतिविधियां तेज हुई हैं। 10 मई तक दरगाह को हटाने का अल्टीमेटम दिया गया।

यानी अब से एक महीने के भीतर इस दरगाह का नामोनिशान मिट जाएगा जोकि ये बताता हैं कि अवैध अतिक्रमण के खिलाफ किस तरह से फडणवीस सरकार काम कर रही है, वहीं अब ऐसे अवैध कब्जा करने वालों की भी कमर वक्फ बिल कानून बनने के बाद टूट गई है, वक्फ के नाम पर जो गुंडई की जा रही थी उसपर अब लगाम लगाई जाएगी और बालेशाह पीर जैसी दरगाह, जो देश के लिए खतरा बनेंगी उन्हें हटाया जाएगा, ऐसे में फडणवीस राज में हुए इस फैसले पर आपकी क्या राय है कमेंट में बताएं, साथ ही वक्फ बिल पर सदन में जब चर्चा हो रही थी तो गृहमंत्री अमित शाह ने क्या कहा जरूर सुनिए
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