MONDAY 21 APRIL 2025
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मणिपुर में हिंसा के बीच एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात, जिरीबाम में 5 की मौत, जानिए क्या है पूरा मामला?

मणिपुर पुलिस ने हाल ही में नागरिकों पर हुए ड्रोन और रॉकेट हमलों के बाद सुरक्षा को और सख्त कर दिया है। जिरीबाम जिले में हुई ताजा हिंसा की घटनाओं के बाद, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई, पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किया है।

मणिपुर में हिंसा के बीच एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात, जिरीबाम में 5 की मौत, जानिए क्या है पूरा मामला?
मणिपुर में राज्य सरकार ने हाल ही में नागरिकों पर हुए ड्रोन और रॉकेट हमलों के बाद सुरक्षा को और सख्त कर दिया है। जिरीबाम जिले में हुई ताजा हिंसा की घटना में पांच लोगों की मौत के बाद, पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किया है। पुलिस महानिरीक्षक के. कबीब ने कहा कि मणिपुर राज्य में ड्रोन और रॉकेट हमलों पर कार्रवाई करते हुए एक मजबूत एंटी ड्रोन सिस्टम स्थापित किया है। यह सिस्टम ड्रोन के हमलों को रोकने और उन्हें नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन हमलों के कारण राज्य पुलिस अब और भी अधिक प्रभावी ड्रोन रोधी बंदूकें खरीदने की प्रक्रिया में है, जिन्हें जल्द ही तैनात किया जाएगा। कबीब ने आगे बताया कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट और अफवाहों को रोकने के लिए पुलिस ने अपनी सोशल मीडिया निगरानी सेल को सक्रिय कर दिया है। कुछ लोगों की पहचान की गई है, जो सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाकर लोगों की भावनाओं को भड़का रहे हैं। 
आपको बता दें कि मणिपुर में हालिया हिंसा और अशांति की जड़ें कई महीनों से चल रहे जातीय संघर्षों को लेकर है। यह मामला मुख्य रूप से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच के संघर्षों से जुड़ा है, जिसमें जमीन, राजनीतिक अधिकार और पहचान के मुद्दों ने आग में घी का काम किया है।
मामला कैसे शुरू हुआ?
जातीय तनाव: मणिपुर में मैतेई समुदाय और आदिवासी कुकी समुदाय के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा था। मैतेई समुदाय, जो राज्य की कुल जनसंख्या का लगभग 53% है, ने अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा मांगा है। इस मांग का आदिवासी कुकी और नागा समुदायों ने विरोध किया, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उनके आरक्षण के अधिकारों और जमीनों पर कब्जे में कमी आएगी।
हिंसा की शुरुआत: 3 मई 2023 को, एक “आदिवासी एकजुटता मार्च” का आयोजन हुआ था, जिसमें कुकी और अन्य आदिवासी समुदायों ने मैतेई समुदाय को ST का दर्जा देने के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस मार्च के बाद हिंसा भड़क उठी, जो देखते ही देखते पूरे राज्य में फैल गई।
ड्रोन और रॉकेट हमलों का आगाज: हाल के महीनों में ड्रोन और रॉकेट हमलों की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिनका आरोप कुकी उग्रवादियों पर लगाया गया है। इन हमलों में रॉकेट और ड्रोन का इस्तेमाल करके सामान्य नागरिकों और सुरक्षा बलों को निशाना बनाया गया।
पुलिस और सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया: इन हमलों के जवाब में मणिपुर पुलिस ने एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किया और पहाड़ी तथा घाटी क्षेत्रों में तलाशी अभियान तेज कर दिए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में सेना के हेलीकॉप्टर से हवाई गश्त और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है।
जिरीबाम जिले में हालिया हिंसा: हाल ही में जिरीबाम जिले में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों द्वारा नुंगचाबी गांव पर हमला किया गया, जिसमें कई लोग मारे गए। इस घटना ने सुरक्षा बलों को और भी सतर्क कर दिया है, जिसके बाद एंटी ड्रोन सिस्टम का इस्तेमाल और तलाशी अभियानों में तेजी आई है।
मणिपुर में मौजूदा स्थिति से निपटना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती है। ड्रोन और रॉकेट हमलों ने सुरक्षा व्यवस्था को और भी जटिल बना दिया है। हालांकि राज्य पुलिस और अन्य सुरक्षा बल अब अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर इन हमलों का मुकाबला करने के लिए कदम उठा रहे हैं।

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