WEDNESDAY 30 APRIL 2025
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हजारों मुसलमानों की भीड़ ने फूंक डाला BJP नेता असकर अली का घर, फिर जला मणिपुर !

मणिपुर के थौबल जिले में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए, जिसमें लगभग 5,000 लोग शामिल थे। भाजपा नेता असकर अली के घर को आग लगाने वाली भीड़ विरोध में उग्र हो गई, जिसके बाद प्रशासन ने क्षेत्र में धारा 163 लागू की। मुस्लिम बहुल इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

हजारों मुसलमानों की भीड़ ने फूंक डाला BJP नेता असकर अली का घर, फिर जला मणिपुर !

2 और 3 अप्रैल को लोकसभा और राज्यसभा के पास हुए वक्फ संशोधन बिल की आग धीरे-धीरे पूरे देश में फैलती हुई दिख रही है। उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, बंगाल, कश्मीर के बाद मणिपुर भी इस आग में जलता दिखाई दिया। मणिपुर में 6 अप्रैल के दिन सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया गया, लेकिन रात होते-होते यह प्रदर्शन हिंसक हो गया और 8 हजार की भीड़ ने बीजेपी नेता के घर को आग के हवाले कर दिया। बीजेपी नेता का नाम असकर अली है। असकर अली बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष हैं और उन्होंने पार्टी लाइन पर चलते हुए वक्फ संशोधन बिल का समर्थन कर दिया था। यह समर्थन उन्हें इतना भारी पड़ गया कि भारी संख्या में एक भीड़ उनके घर पर चढ़ाई, पत्तथरबाजी की, तोड़फोड़ की और आखिर में उनके घर को आग के हवाले कर दिया।

असकर अली का बयान और माफी

इसका नतीजा यह हुआ कि असकर अली को बैकफुट पर आना पड़ा, अपना समर्थन वाला बयान वापस लेना पड़ा और कहना पड़ा कि हाल ही में वक्फ संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद समर्थन में पोस्ट शेयर की थी। मैं पोस्ट के लिए पूरे मुस्लिम समुदाय और मैतेई पांगाल समाज से माफी मांगता हूं। मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि कानून को जल्द से जल्द वापस ले लिया जाए।

विरोध के पीछे की सच्चाई

असल में इसे ही डर कहते हैं। इसे ही खौफ कहते हैं। यहां समझना यह जरूरी है कि इनके भीतर इतना जहर भरा है कि ये लोग अपने धर्म के लोगों को भी छोड़ने वाले नहीं हैं। यह विरोध बिल का कम और बीजेपी का ज्यादा नजर आता है, क्योंकि नेता तो मुस्लिम ही था, लेकिन इनके मुताबिक गलत पार्टी से जुड़ा था। असकर अली पर जब जान का खतरा मंडराया तो नतीजा आपने सामने देखा। असकर अली के घर पहुंची भीड़ में इतना गुस्सा था कि दमकल और पुलिस को भी वहां जाने से रोका गया। पुलिस के साथ भी इन दंगाइयों की झड़प हुई और हैरानी की बात है कि किसी दंगाई की गिरफ्तारी भी नहीं हो सकी।

इस घटना के बाद पुलिस का बयान भी सामने आया और पुलिस ने बताया कि लाठियां और पत्थर लिए लगभग सात से आठ हजार लोगों की भीड़ ने असकर अली के घर पर धावा बोला और आगजनी की। लिलोंग विधानसभा और उसके आसपास के क्षेत्र में मामला बहुत संवेदनशील है और आगे भी अशांति की आशंका है। आपको बता दें कि फिलहाल मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है और राष्ट्रपति शासन में भी दंगाइयों का कहर जारी है। इससे पता चलता है कि इनके मंसूबे कितने खतरनाक हैं। मुस्लिम बहुल इलाकों में सुरक्षा बढ़ाई गई है। फोर्स की तैनाती करवाई गई है।

वैसे अब देखना होगा कि जिस बीजेपी की यहां सरकार हुआ करती थी, वह बीजेपी कैसे अपने नेताओं को यहां भीड़ के हमलों से बचाती है, क्योंकि मैतेई और कुकी की आग में जल रहे मणिपुर की आग अब बीजेपी के घर तक भी जा पहुंची है।

वैसे एक वक्त था जब मणिपुर में सिर्फ हिंदू आबादी रहा करती थी। मणिपुर शांत हुआ करता था, लेकिन बीतते वक्त के साथ मणिपुर भी बदला, डेमोग्राफी भी बदली और मणिपुर भी अशांत हो गया। दो साल से ज्यादा का वक्त हो गया मणिपुर शांत होने का नाम नहीं ले रहा है, क्योंकि यहां अब दूसरे समाज की आबादी बढ़ने लगी है। मणिपुर को बेहतर ढंग से समझने के लिए एक बार सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय।




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