Maha Kumbh: जल, थल, नभ से सेना के जवान कर रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा
Prayagraj में हो रहे महाकुंभ में इस बार करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है जिनकी सुरक्षा के लिए योगी सरकार ने भी जल, थल, नभ तीनों क्षेत्रों में तो जबरदस्त सुरक्षा की ही है, पानी के अंदर भी ड्रोन से रखी जा रही निगरानी
तीर्थराज प्रयागराज में हो रहा महाकुंभ। दुनिया का सबसे धार्मिक आयोजन है, जहां करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने वाला है। यही वजह है कि योगी सरकार ने आसमान से लेकर जल और जमीन तक ऐसी जबरदस्त सुरक्षा व्यवस्था की है कि परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा। जमीन पर जहां पचास हजार से ज्यादा जवान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मुस्तैद हैं, तो वहीं ढाई हजार से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे भी महाकुंभ की सुरक्षा पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। इतना ही नहीं, संगम में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं को भी किसी भी संभावित खतरे से बचाने के लिए सरकार ने पानी में घुड़सवार उतार दिये हैं।
श्रद्धालुओं की रक्षा के लिए गंगा में भी दौड़ रहे घुड़सवार
दरअसल, धार्मिक पर्व और त्योहारों पर स्नान के दौरान श्रद्धालुओं के डूबने की कई घटनाएं सामने आती रही हैं। यही वजह है कि योगी सरकार ने ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बड़ी संख्या में घुड़सवारों की भी व्यवस्था की है, जो पानी में उतर कर श्रद्धालुओं की सुरक्षा करेंगे। क्योंकि महाकुंभ में लाखों करोड़ों श्रद्धालु संगम में स्नान करने आ रहे हैं, ऐसे में उनके साथ इस तरह की कोई अप्रिय घटनाएं ना हों। इसके लिए घोड़े पर सवार होकर जवान पानी में ही लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं, जिससे कोई भी श्रद्धालु निर्धारित जल सीमा के पार जाकर स्नान ना करें और उनके साथ किसी भी तरह की कोई घटना ना हो। आमतौर पर ऐसा कम ही देखने को मिलता है, जब इस तरह से जवान घोड़े पर बैठ कर पानी में श्रद्धालुओं की सुरक्षा कर रहे हों, लेकिन महाकुंभ में बढ़ने वाली भीड़ को देखते हुए योगी सरकार ने कुछ इसी तरह की सुरक्षा की है। इन घुड़सवारों के अलावा एनडीआरफ और एसडीआरएफ के जवान भी बड़ी संख्या में तैनात किये गये हैं।
ऐसे कई जवान संगम के घाटों पर तैनात हैं, जो पलक झपकते ही नदी में छलांग लगाने का हुनर रखते हैं। क्योंकि कई बार ऐसा होता है जब जोश जोश में श्रद्धालु गहरे पानी की ओर चले जाते हैं और डूबने लगते हैं। ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए योगी सरकार ने घुड़सवारों की तैनाती के साथ ही जेटी भी बनाई हुई है, जिसके दायरे में ही स्नान करना होता है। और अगर कोई श्रद्धालु जेटी के पार चला जाता है, तो उन्हें बचाने के लिए एनडीआरएफ के जवान 24 घंटे मुस्तैद रहते हैं।
इन जवानों के अलावा पहली बार महाकुंभ में सुरक्षा के लिए अंडर वाटर ड्रोन तैनात किए गए हैं, जो गंगा-यमुना की लहरों के बीच 24 घंटे निगरानी करेंगे। नदी की 100 से 200 मीटर तक गहराई में इसके कैमरे हर गतिविधियों को कैद करेंगे और अलर्ट जारी करेंगे। ये ड्रोन कैमरे चौबीस घंटे तक पानी के अंदर रह कर काम करेंगे और पल पल की जानकारी कंट्रोल रूम तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। ऐसी तमाम हाईटेक सुरक्षा के बीच इस बार महाकुंभ हो रहा है, जिससे किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना ना हो सके।