WEDNESDAY 16 APRIL 2025
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ज्यादा स्क्रीन टाइम आपके बच्चे के लिए बेहद खतरनाक, समय रहते हो जाएँ सावधान !

एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के अनुसार, अधिक स्क्रीन समय छोटे बच्चों के भाषा विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। हालांकि, यदि बच्चे किताबों से जुड़े रहें और वयस्कों के साथ स्क्रीन देखें, तो उनके भाषा कौशल में सुधार हो सकता है।

ज्यादा स्क्रीन टाइम आपके बच्चे के लिए बेहद खतरनाक, समय रहते हो जाएँ सावधान !
आजकल छोटे बच्चे बहुत जल्दी मोबाइल, टीवी और टैबलेट के आदी हो जाते हैं। इस डिजिटल युग में माता-पिता भी अपने बच्चों को बिजी रखने के लिए स्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या यह उनके लैंग्वेज डेवलपमेंट के लिए सही है? आपको बता दें एक नए इंटरनेशनल स्टडी में ये पाया गया है कि ज्यादा स्क्रीन टाइम बच्चों के लिए बेहद खरनाक साबित हो सकता है और उनके भाषा सीखने की क्षमता को स्लो कर सकता है।

स्क्रीन टाइम और भाषा विकास पर अध्ययन -

इस स्टडी को 20 लैटिन अमेरिकी देशों के शोधकर्ताओं ने किया। इसमें 1 से 4 साल के 1,878 बच्चों को शामिल किया गया। उनके माता-पिता से बच्चों की स्क्रीन देखने की आदतों, किताबों से जुड़ाव और लैंग्वेज डेवलपमेंट के बारे में सवाल पूछे गए। साथ ही, परिवार की आर्थिक स्थिति और माता-पिता की एजुकेशन और नौकरी पर भी ध्यान दिया गया।

शोध में निकली ये बातें

छोटे बच्चों में सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला माध्यम टीवी पाया गया, जिसे औसतन एक घंटे से अधिक समय तक देखा जाता था।
जिन बच्चों ने अधिक समय स्क्रीन के सामने बिताया, उनमें भाषा सीखने की गति धीमी पाई गई।
एंटरटेनमेंट प्रोग्राम सबसे अधिक देखे जाते थे, जबकि एजुकेशनल प्रोग्राम कम देखे जाते थे।
आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों में बच्चों को किताबों और शैक्षिक संसाधनों से कम जोड़ा जाता था।
स्क्रीन अधिक देखने वाले बच्चों की शब्दावली सीमित होती है, जिससे वे भाषा सीखने और बोलने में देरी कर सकते हैं।
यदि बच्चे किताबों से जुड़े रहें या घर में बड़ों के साथ स्क्रीन देखें, तो उनकी लैंग्वेज डेवलपमेंट बेहतर हो सकता है।

बच्चों की भाषा सीखने की क्षमता पर स्क्रीन का प्रभाव -

स्क्रीन का अत्यधिक उपयोग बच्चों की भाषा सीखने की प्रक्रिया को बेहद प्रभावित करता है। वे शब्दों को कम सीखते हैं और नए शब्दों को पहचानने और उसे बोलने में समय लगाते हैं। इससे उनके स्कूल में पढ़ाई के शुरुआती क्लास में कठिनाइयां आ सकती हैं, लोगों से बातचीत करने में उन्हें दिक्कत हो सकती है और सबसे जरुरी चीज उन्हें अपनी भावनाओं को एक्सप्रेस करने में कठिनाई हो सकती है ।

कैसे करें स्क्रीन टाइम का सही उपयोग ?

बच्चों के साथ घर के बड़े स्क्रीन शेयर करें : यदि माता-पिता या अभिभावक बच्चों के साथ स्क्रीन पर एजुकेशनल प्रोग्राम देखते हैं और समझाते हैं, तो इससे बच्चे के डेवलपमेंट में मदद मिल सकती  है।
बच्चों को किताबों से जोड़े : बच्चों को रोज़ाना किताबें पढ़ने की आदत डालें, इससे उनकी शब्दावली बढ़ेगी और स्किल्स मजबूत होगी ।
बच्चों को एजुकेशनल प्रोग्राम दिखाएं : बच्चों को एंटरटेनमेंट के बजाय एजुकेशनल और इंटरएक्टिव कंटेंट दिखाएँ।
बच्चों के स्क्रीन टाइम पर लगाएं पाबंदी : बच्चों के लिए स्क्रीन का समय बहुत सीमित रखें। 

अध्ययन बताता है कि बच्चों में लैंग्वेज डेवलपमेंट को बेहतर बनाने के लिए स्क्रीन टाइम को संतुलित करना बेहद जरूरी है। इसके इतर यदि सही तरह से बच्चों को माता-पिता का सहयोग मिले, तो स्क्रीन का उपयोग फायदेमंद भी हो सकता है। 
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