ज्यादा मीठा और तला-भुना खाना दिमाग को कर सकता है नुकसान: वैज्ञानिकों की रिपोर्ट
एक नई वैज्ञानिक रिसर्च में पाया गया है कि ज्यादा मीठा और फैट से भरपूर खाना न सिर्फ शरीर के लिए, बल्कि दिमाग के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे फूड्स याददाश्त और मानसिक सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं।

शोधकर्ताओं ने पाया है कि ज्यादा फैट और मीठा खाना हमारे दिमाग की कुछ खास क्षमताओं पर बुरा असर डालता है. खासकर वो हिस्सा जो दिशा पहचानने और याददाश्त से जुड़ा होता है.
सिडनी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक स्टडी में यह समझने की कोशिश की कि रिफाइंड शुगर और सैचुरेटेड फैट वाले फूड्स दिमाग के स्पाशियल नेविगेशन पर क्या असर डालते हैं. यह वह क्षमता होती है जिससे हम किसी जगह का रास्ता याद रखते हैं. यह सीधा दिमाग के हिप्पोकैम्पस हिस्से से जुड़ा होता है. यह स्टडी इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी में प्रकाशित हुई है.
रिसर्च में क्या सामने आया?
इस रिसर्च का नेतृत्व डॉ. डॉमिनिक ट्रान ने किया. उन्होंने बताया कि हाई फैट और हाई शुगर फूड्स की आदत से दिमाग की दिशा पहचानने की क्षमता कम हो सकती है. अच्छी बात यह है कि ये असर स्थायी नहीं होते. अगर हम अपने खाने की आदतें सुधार लें तो दिमाग दोबारा अच्छे से काम करने लगता है.
रिसर्च में 18 से 38 साल के 55 छात्रों को शामिल किया गया. पहले उनसे पूछा गया कि वे कितनी मात्रा में फैट और चीनी वाला खाना खाते हैं. फिर उनकी बॉडी, याददाश्त और दिशा पहचानने की क्षमता की जांच की गई.
इसके लिए छात्रों को वर्चुअल रियलिटी वाली एक भूलभुलैया में रखा गया, जहां उन्हें खजाने की पेटी खोजनी थी. इस भूलभुलैया में चारों तरफ कुछ संकेत थे जो रास्ता याद रखने में मदद कर सकते थे. खजाना और शुरू करने की जगह हर बार एक जैसी ही थी.
अगर छात्र 4 मिनट में खजाना ढूंढ लेते, तो अगला राउंड शुरू हो जाता. अगर नहीं ढूंढ पाते, तो उन्हें सीधे खजाने की जगह दिखा दी जाती और अगले राउंड से पहले 10 सेकंड तक वह जगह देखने दी जाती.
कम फैट-शुगर वाले छात्रों का प्रदर्शन रहा बेहतर
रिजल्ट्स में देखा गया कि जिन्होंने कम फैट और कम चीनी वाला खाना खाया था, उन्होंने खजाने की जगह ज्यादा सही पहचानी. जबकि ज्यादा शुगर और फैट खाने वालों का प्रदर्शन कमजोर रहा.
डॉ. ट्रान का कहना है कि पहले से ही ये पता था कि ज्यादा फैट और चीनी खाने से मोटापा, दिल की बीमारी और कुछ कैंसर हो सकता है. अब यह भी साफ है कि यह आदत दिमाग को भी नुकसान पहुंचा सकती है, वो भी कम उम्र में.
उन्होंने कहा, “यह रिसर्च दिखाता है कि अच्छा खानपान सिर्फ शरीर के लिए नहीं, बल्कि दिमाग की सेहत के लिए भी बहुत जरूरी है. खासकर युवावस्था में, जब दिमाग सबसे अच्छा काम करता है.”
Input : IANS
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