पिछले 400 दिनों से जेल में बंद इमरान खान की एक आवाज पर लोग इस्लामाबाद की सड़कों पर उतर आए। इमरान की पार्टी पीटीआई ने अपना सियासी पॉवर दिखाने के लिए इन लोगों को इक्ठ्ठा किया है। इतनी भीड़ देखकर लग ये रहा है कि इनका मकसद सिर्फ इमरान को रिहा करवाना ही नहीं बल्कि कुछ और है। आगे पाकिस्तान में अब क्या होगा ये देखने वाली बात होगी।
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ग्लोबल चश्मा10 Sep, 202405:06 PMपाकिस्तान के हालात बांग्लादेश वाले, शहबाज़ सरकार की बढ़ी टेंशन
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ग्लोबल चश्मा09 Sep, 202411:00 AMBangladesh में संकट के बीच चरमराया कपड़ा उधोग, 900 कारखाने बंद, हुआ बुरा हाल
बांग्लादेश के कारखानों से निर्यात किए गए आधुनिक फ़ैशन के h एंड M, जीएपी और ज़ारा जैसे ब्रैंड के कपड़े दुनिया के कई देशों में लोगों की अलमारियों में मिल जाते हैं। बीते तीन दशकों में इस बिज़नेस ने बांग्लादेश को दुनिया के सबसे ग़रीब देशों की क़तार से निकालकर एक निम्न-मध्यम आय वाला देश बना दिया है।
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ग्लोबल चश्मा06 Sep, 202403:06 AMकनाडाई पीएम ट्रूडो की बढ़ीं मुश्किलें, खालिस्तानियों ने बजा दी बैंड
कनाडा की सरकार पर अब संकट आ पड़ा है।कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के बीच गंठबंधन टूट गया है रिपोर्ट के मुताबिक इससे अल्पमत वाली ट्रूडो सरकार पर संकट मंडराने लगा है। अब उन्हें सत्ता में बने रहने के लिए दूसरे दलों का समर्थन हासिल करना होगा।
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ग्लोबल चश्मा06 Sep, 202401:47 AMसोने के महल में रहते हैं ब्रुनेई के सुलतान, देखिए बेशुमार दौलत की कहानी
ब्रुनेई के सुलतान दुनिया के सबसे अमीर सुलतान हैं..रईसी ऐसी की कई लोगों की नींद उड़ जाए..हजारों लग्जरी गाड़ियां…आलीशान महल और भरपूर दौलत..की चर्चा जब भी होती है तो लगता है लाईफ हो तो ऐसी।
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ग्लोबल चश्मा05 Sep, 202409:17 AMईरान के सामने कंगाल देश का हुआ बुरा हाल, अरबों डॉलर के मुकदमें से कैसे बचेगा पाकिस्तान ?
ईरान ने पाकिस्तान की सरकार से साफ कर दिया है कि उसे अब अपने हिस्से में गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट को पूरा करना होगा। ऐसा नहीं करने पर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत का सामना करने और अरबों डॉलर का जुर्माना सहने के लिए तैयार रहना चाहिए। ईरान ने पाकिस्तान को इसके लिए 'फाइनल नोटिस' दे दिया है…पाकिस्तान इस पाइपलाइन को अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से नहीं बना पा रहा है। ऐसे में अब उसके सामने ईरान से और समय मांगने की गुजारिश और कम जुर्माने के लिए बातचीत का विकल्प ही दिख रहा है।