Donald Trump से मिलने को बेताब Vladimir Putin, जंग रोकने को भी तैयार
अमेरिका में ट्रंप के आने से पहले पूरी दुनिया में हलचल है।अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाने से पहले ट्रंप बाइडेन प्रशासन पर हमला करते हुए कई बार कह चुके है कि वो अगर राष्ट्रपति होते तो रूस - यूक्रेन की जंग होती ही नहीं..अब जंग को 3 साल का वक़्त बीत चुका है।लेकिन जो ट्रंप ने कहा था उस बात का असर अब दिख रहा है…क्योंकि ट्रंप जब से राष्ट्रपति चुने गए हैं तब से यूक्रेन को बर्बाद कर देने वाले रूस के सुर बदले बदले से हैं

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुतिन ने कहा, "मुझे नहीं पता कि मैं उनसे (डोनाल्ड ट्रंप) कब मिलने जा रहा हूं। इस बारे में उन्होंने अभी कुछ नहीं बताया है। मैंने 4 साल से अधिक समय से उनसे बात नहीं की है। लेकिन मैं निश्चित रूप से उनसे बात करने, मिलने के लिए तैयार हूं।"
यही नहीं, पुतिन बिना किसी शर्त के यूक्रेन के साथ जंग भी खत्म करने को तैयार हैं। साथ ही यह भी कहा कि यूक्रेन के साथ अस्थायी युद्धविराम वो नहीं चाहते, केवल स्थायी शांति समझौते ही स्वीकार्य होंगे। अब रूस का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पुतिन के करीबी और परमाणु हथियारों की सुरक्षा के प्रमुख कमांडर को यूक्रेनी सेना ने रूस में घुसकर मार डाला। इसके बाद रूसी सेना ने यूक्रेन के भीतर जमकर कोहराम मचाया और 400 से ज्यादा सैनिकों की जान ले ली। लेकिन अब अचानक पुतिन के सुर बदल गए हैं। क्या यह सिर्फ ट्रंप का असर है या पुतिन इस जंग से अब निकलना चाहते हैं? क्योंकि तीन साल से ज्यादा समय से वो इस जंग को लड़ रहे हैं, और इस जंग में ना किसी का साथ मिला और पश्चिम देशों की तरफ से बैन झेलने पड़े, वह अलग। लेकिन पुतिन ने एक बात और साफ़ की है कि यूक्रेन को नाटो में शामिल होने का ख्वाब अब छोड़ना होगा।
साथ ही पुतिन ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के बारे में बताया और कंफर्म किया कि वो रूस में ही हैं, और बताया कि बशर अल असद से अब तक नहीं मिले हैं, लेकिन जल्द ही मिलने वाले हैं। बता दें कि बीते 8 दिसंबर को विद्रोहियों के सीरिया पर कब्जा करने के बाद बशर अल-असद रूस की मदद से भागकर मास्को आ गए थे और वह तब से वहीं हैं।