डोनाल्ड ट्रंप और जेलेंस्की के बीच व्हाइट हाउस में तीखी बहस, US राष्ट्रपति बोले- आप तीसरे विश्व युद्ध का जुआ खेल रहे
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच शांति समझौते को लेकर जमकर बहस हुई. मीडिया के सामने चल रही बहस में वहाँ मौजूद अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वैंस भी शामिल रहे इस पूरे घटना क्रम के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने बयान जारी कर कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति फिलहाल शांति के लिए तैयार नहीं है

अब ऐसा क्या हुआ, कि जेलेंस्की को अमेरिका दौरे पर जाना महंगा पड़ गया। चलिए विस्तार से पूरा मामला बताते हैं। दरअसल हुआ ये कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की अमेरिका में दोनों देशों के बीच तमाम समझौते और युद्ध विराम को लेकर बातचीत के लिए पहुँचे थे। हालाँकि जेलेंस्की जब पहुँचे तो ख़ुद ट्रंप ने उनका स्वागत भी किया। तबतक सबकुछ ठीक था, लेकिन उसके बाद दोनों नेताओं की व्हाइट हाउस में बैठक हुई। बस यहीं से खेल बिगड़ना शुरू हो गया। क्योंकि इस दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन में सालों से चल रहे युद्ध में संभावित संघर्ष विराम के लिए चल रही वार्ता के हिस्से के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका से खनिज सौदे पर चर्चा की। हालाँकि इस दौरान जेलेंस्की ने युद्ध विराम का विरोध किया, और साफ शब्दों में कहा कि कोई समझौता नहीं करेंगे। जेलेंस्की ने कहा, "हमें सिर्फ़ युद्ध विराम की ज़रूरत नहीं है, हमने पहले भी ऐसा किया है, पुतिन ने 25 बार इसका उल्लंघन किया है जिसमें आपके राष्ट्रपति काल के दौरान भी ये हुआ।"
इसी बात पर ट्रंप ने जेलेंस्की को बोलते बोलते टोक दिया, और दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। मामला काफ़ी गर्मा गया। बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच ओवर ऑफिस में ये तीखी बहस हुई थी, जिसमें छूटते ही ट्रंप ने जेलेंस्की पर आरोप लगाया कि
"जेलेंस्की युद्ध को ख़त्म नहीं करना चाहते, शांति की दिशा में कदम बढ़ाने की बजाए वो बस अमेरिकी भागीदारी को एक सौदेबाजी के रूप में देख रहे हैं, जिससे जितना फायदा निकाला जा सके निकाल लिया जाए। मुझे लगता कि जेलेंस्की अमेरिका के माध्यम से शांति समझौते तक जाने के लिए तैयार नहीं थे क्योंकि उन्हें लगता है कि हमारी भागीदारी से उन्हें शांति प्रस्ताव पर सौदेबाज़ी करने में मदद मिलेगी। लेकिन मुझे लाभ नहीं चाहिए, मुझे शांति चाहिए।"
अब जो हरकत जेलेंस्की ने अमेरिका में पहुँचकर की है, यानी ट्रंप के घर में ही जाकर ट्रंप को आँख दिखाने की कोशिश की है, उसका भुगतान जेलेंस्की को काफ़ी महंगा पड़ सकता है। क्योंकि जेलेंस्की भूल रहे हैं कि अमेरिका के साथ यूक्रेन के कई समझौते हैं। और तो और रूस के खिलाफ अपनी लड़ाई के लिए जो बाइडेन के पिछले प्रशासन से अरबों डॉलर के अमेरिकी हथियार, रसद और नैतिक समर्थन हासिल करने सक्षम था। लेकिन जिस तरीक़े से जेलेंस्की युद्ध विराम की बात पर अब ट्रंप से ही भिड़ गए, और यूक्रेन के दुर्लभ खनिजों तक अमेरिका पहुँच के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए बिना ही जेलेंस्की बैठक छोड़ भाग गए, इतना ही नहीं हडसन थिंक टैंक में होने वाले अपने भाषण को भी रद्द कर दिया, तो इस स्थिति से यूक्रेन पर पहले से अमेरिका और उसके बीच हुए समझौतों पर भी असर पड़ सकता है। सबसे चौंकाने वाली बात तो ये है कि इतिहास में ऐसा पहली बात हुआ है जब अंतर्राष्ट्रीय मंच पर दो देशों के दिग्गज नेता इस तरह महत्वपूर्ण बैठक में भिड़े हों, और पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बने हों। खैर अब इस पूरे घटनाक्रम के बाद ट्रंप क्या कदम उठाते हैं, ये देखने वाली बात होगी।