Kashi के प्राचीन मंदिर से क्यों हटाई गई साईं की प्रतिमा, मुख्य पुजारी से सुनिये हकीकत
जिस साईं बाबा के सामने खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शीश नवाते हैं... जिस साईं बाबा को लाखों करोड़ों भक्त पूजते हैं... महादेव के त्रिशूल पर बसी धर्म नगरी काशी में उसी साईं बाबा का एक बार फिर भारी विरोध शुरू हो गया है... हालात ये हो गये हैं कि काशी के मंदिरों से सरेआम साईं की मूर्तियां हटाई जाने लगीं हैं !

महादेव की काशी में साईं का भारी विरोध
बड़ा गणेश मंदिर से साईं प्रतिमा हटाए जाने के बाद अब वो जगह सूनी है, जहां कभी साईं प्रतिमा स्थापित थी और तमाम भक्त पूजा करते थे, लेकिन अब इस स्थान पर साईं प्रतिमा नहीं है। इसे हटा दिया गया है। बड़ा गणेश मंदिर के पुजारी ने बताया काशी के लोगों का कहना था कि सबसे पहले बड़ा गणेश मंदिर से साईं प्रतिमा हटेगी, तभी हम हटाएंगे। इसीलिए सबसे पहले बड़ा गणेश से साईं प्रतिमा हटाई गई।
तो वहीं इस मामले पर बड़ा गणेश मंदिर के पास रहने वाले दीपक यादव ने बताया कि साईं बाबा तो चांद बाबा थे, इसीलिए उन्हें मंदिर से हटाया गया है और ये सराहनीय काम है। जिस समय ये मूर्ति लगाई गई थी, उसी वक्त इसका विरोध होना चाहिए था।
काशी वासियों का कहना है कि जिन्हें भी साईं बाबा को पूजना है, वो उनका अलग मंदिर बनाएं और वहां पर साईं बाबा की पूजा करें। हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है। जिसको जहां भी दर्शन करना है, वो करे, लेकिन मंदिर में साईं प्रतिमा नहीं होनी चाहिए।
बड़ा गणेश मंदिर से साईं प्रतिमा हटवाने वाले सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने बताया कि सनातन में प्रेत पूजा मान्य नहीं है, इसीलिए साईं प्रतिमा हटाई गई है। अब यहां लक्ष्मी जी की प्रतिमा लगाई जाएगी।
काशी के बड़ा गणेश मंदिर से साईं प्रतिमा हटाने की शुरुआत हुई, इसके बाद अब तक करीब 14 मंदिरों से साईं प्रतिमाएं हटाई जा चुकी हैं, जबकि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अभी काशी के 28 ऐसे और मंदिर सनातन रक्षक दल के निशाने पर हैं, जहां से साईं प्रतिमाएं हटाई जाएंगी। वैसे आपको बता दें साईं प्रतिमा का ये विरोध कोई नई बात नहीं है। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी सनातन धर्म में साईं पूजा का विरोध करते रहे हैं।