PM Modi के 400 पार पर ये क्या बोल गये शंकराचार्य Nischalananda Saraswati
शंकराचार्य ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में पीएम मोदी की मौजूदगी पर सवाल उठाए थे | उन्हें ख़ुद को मोदी विरोधी कहने से इनकार था, लेकिन शास्त्रों के उल्लंघन से होने वाले कार्यों से ऐतराज है | इस बात पर ज़ोर देते हैं कि धार्मिक स्थलों को पर्यटन केंद्रों में बदला जा रहा है और राम मंदिर को लेकर की जा रही राजनीति ठीक नहीं है | खुलकर ये कहा था कि अगर मोदी जी उद्घाटन करेंगे, मूर्ति को छूएंगे, तो मैं वहां क्या करूंगा?

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती संत-महात्माओं की इस पावन धरा से आने वाली एक ऐसी करिश्माई शख़्सियत हैं, जिनके मार्गदर्शन में जन-जन का आध्यात्मिक विकास आज भी हो रहा है | वर्षों से लोगों को सनातन धर्म और सनातनी परंपरा से साक्षात्कार करा रहे हैं, ना सिर्फ़ देश के कोने-कोने में, बल्कि विश्वभर में सनातन के ध्वज वाहक बनकर विश्व शक्तियों को आध्यात्म से जोड़ रहे हैं | सनातन से जुड़े अनगिनत विषयों पर लोगों की जिज्ञासाओं को शांत करते हैं और जो कि गोवर्धनमठ पुरीपीठ के शंकराचार्य हैं, इस कारण जन-जन के बीच सनातन के प्रचार प्रसार को लेकर इनका दायित्व और भी बढ़ जाता है। यही कारण है कि ये जो कुछ भी बोलते हैं, पूरी दुनिया उसे कान लगाकर सुनती है | अब जो कि देश में लोकसभा चुनाव चल रहा है, नेताओं का करियर दाव पर लगा है, 4 जून के दिन चुनावी नतीजे सामने होंगे और ऐसे में चुनावों को लेकर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का बड़ा बयान सामने आया है | 4 जून की तस्वीर को लेकर अबकी बार शंकराचार्य ने किस ओर के संकेत दिये हैं?
आपको याद होगा, राम मंदिर उद्धाटन के बीच शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती मीडिया की सुर्खियों में सबसे ज़्यादा रहे | शंकराचार्य ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में पीएम मोदी की मौजूदगी पर सवाल उठाए थे | उन्हें ख़ुद को मोदी विरोधी कहने से इनकार था, लेकिन शास्त्रों के उल्लंघन से होने वाले कार्यों से ऐतराज है | इस बात पर ज़ोर देते हैं कि धार्मिक स्थलों को पर्यटन केंद्रों में बदला जा रहा है और राम मंदिर को लेकर की जा रही राजनीति ठीक नहीं है | खुलकर ये कहा था कि अगर मोदी जी उद्घाटन करेंगे, मूर्ति को छूएंगे, तो मैं वहां क्या करूंगा? हालाँकि उनके इसी बयान पर काफ़ी विवाद हुआ था | लेकिन उन्हें मोदी विरोधी कहना उचित नहीं होगा, क्योंकि कई दफ़ा पीएम मोदी को शंकराचार्य की शरण में देखा गया है और सबसे बड़ी बात ये कि शंकराचार्य इस बात को स्वीकार करते हैं कि पीएम मोदी की मंदिर नीति ने सनातनियों के बीच धर्म के पुनः जागृत करने का कार्य किया है | अब जो कि चुनावी मौसम है, इसलिए हर कोई यहीं जानना चाह रहा है कि चुनावी नतीजों को लेकर शंकराचार्य की सोच क्या कहती है ? इसी एक सवाल पर नागौर के पीलवा गाँव से शंकाराचार्य ने ये कहा है कि जून पास आ रहा है। जिस नजरिए से आप देख रहे हैं, वो ही हम देख रहे हैं। जो होगा वह सबके सामने होगा। शंकराचार्य के ऐसे बयान के यही मायने निकाले जा रहे हैं कि मोदीमय माहौल के चलते 4 जून का दिन पीएम मोदी के नाम ही रहेगा | बहरहाल सनातन क्या है, लोगों को ये समझाते हुए, शंकाराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ये कह चुके हैं कि सनातन धर्म समूचे विश्व के कल्याण, शांति और सौहार्द की सीख देता है। इसमें वसुधैव कुटुम्बकम का भाव निहित है। यही भारत को अन्य देशों से श्रेष्ठतम श्रेणी में रखता है। आदिकाल से चली आ रही सनातन परम्पराएं, सिद्धांत हमारी विरासत हैं।