WEDNESDAY 30 APRIL 2025
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नवरात्रि 2025: भूलकर भी न करें ये 10 काम, वरना नहीं मिलेगा मां दुर्गा की पूजा का फल!

चैत्र नवरात्रि 2025 का पावन पर्व 30 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगा। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है और भक्त व्रत, हवन व विशेष अनुष्ठान करते हैं। लेकिन इस दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है, जिससे माता रानी की कृपा प्राप्त की जा सके।

नवरात्रि 2025: भूलकर भी न करें ये 10 काम, वरना नहीं मिलेगा मां दुर्गा की पूजा का फल!
चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत 30 मार्च से हो रही है और यह पर्व 6 अप्रैल तक चलेगा। यह नौ दिनों का विशेष समय होता है जब भक्त माता दुर्गा की आराधना में लीन रहते हैं, उपवास रखते हैं, और देवी के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं। नवरात्रि केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह आत्मशुद्धि, सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक जागरूकता का पर्व भी माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि के दौरान कुछ कार्य ऐसे हैं, जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए? अगर इन नियमों का उल्लंघन किया जाए तो इससे माता दुर्गा नाराज हो सकती हैं और व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। इस लेख में हम आपको बताएंगे उन 10 महत्वपूर्ण बातों के बारे में, जिनका नवरात्रि में पालन करना अत्यंत आवश्यक है।

चैत्र नवरात्रि का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व बहुत गहरा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह नववर्ष का प्रारंभ होता है और इसी दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की थी। साथ ही, माना जाता है कि इसी समय भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, इसलिए इसे रामनवमी तक अत्यंत शुभ माना जाता है। इन नौ दिनों में देवी दुर्गा के शक्ति रूपों की पूजा की जाती है, जिससे व्यक्ति को आत्मबल, स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है।

1. नवरात्रि में तामसिक भोजन वर्जित है
नवरात्रि के दौरान सात्विक भोजन करना आवश्यक होता है। मांस, शराब, लहसुन, प्याज और तामसिक भोजन व्रत की पवित्रता को भंग कर सकते हैं। इन नौ दिनों में शरीर और आत्मा को शुद्ध करने के लिए हल्का और सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए।

2. नाखून, बाल और दाढ़ी न काटें
नवरात्रि के दौरान नाखून काटना, बाल कटवाना या शेविंग करना शुभ नहीं माना जाता। यह समय बाहरी सौंदर्य से अधिक, आंतरिक शुद्धि पर ध्यान देने का होता है। इस दौरान खुद को संयमित रखना और आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।

3. सरसों और तिल का सेवन न करें
कुछ मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के दौरान सरसों और तिल का सेवन नहीं करना चाहिए। इन वस्तुओं को तामसिक प्रकृति का माना जाता है, जो व्रत के उद्देश्यों के विपरीत होती हैं।

4. चमड़े की वस्तुओं का उपयोग न करें
धार्मिक शास्त्रों में चमड़े से बनी चीजों को तामसिक बताया गया है। इसलिए, नवरात्रि के दौरान चमड़े की बेल्ट, पर्स, जूते-चप्पल आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है और यह आध्यात्मिक साधना में बाधा बन सकती है।

5. काले रंग के कपड़े पहनने से बचें
नवरात्रि में काले रंग को नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, इस दौरान लाल, पीले, गुलाबी, सफेद या हल्के रंगों के वस्त्र पहनने चाहिए। इन रंगों को शुभ और ऊर्जा को बढ़ाने वाला माना जाता है।

6. झूठ बोलने और अपशब्दों से बचें
नवरात्रि के दौरान मन, वचन और कर्म से पवित्र रहना बहुत महत्वपूर्ण होता है। झूठ बोलना, अपशब्द कहना या किसी का अपमान करना व्रत के पुण्य को नष्ट कर सकता है। इसलिए, इन नौ दिनों में अच्छे आचरण का पालन करना चाहिए।

7. रिश्तेदारों के घर रुकने से बचें
नवरात्रि के दौरान व्यक्ति को अपने घर में रहकर पूजा-पाठ और व्रत का पालन करना चाहिए। यह आत्मशुद्धि और ध्यान का समय होता है। इस दौरान बाहर के खान-पान से बचें और अपनी साधना पर ध्यान केंद्रित करें।

8. घर की सफाई को अनदेखा न करें
नवरात्रि के दौरान घर को स्वच्छ और पवित्र बनाए रखना बहुत जरूरी है। गंदगी से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो आध्यात्मिक ऊर्जा को प्रभावित कर सकती है। रोज़ाना घर में गंगाजल का छिड़काव करें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

9. देवी की पूजा और आरती में लापरवाही न करें
कई लोग व्रत तो रखते हैं, लेकिन पूजा और आरती करने में लापरवाही कर देते हैं। नवरात्रि के दौरान सुबह और शाम को देवी की आरती करना आवश्यक होता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और देवी की कृपा प्राप्त होती है।

10. घर में अंधेरा न होने दें
नवरात्रि के दौरान घर में अंधेरा रखना अशुभ माना जाता है। जहां प्रकाश होता है, वहां सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। इस दौरान दीप जलाएं, घर में रोशनी रखें और मंदिर को विशेष रूप से सजाएं।

अगर कोई व्यक्ति नवरात्रि के इन नियमों का पालन नहीं करता, तो उसका व्रत अधूरा रह सकता है और माता दुर्गा की कृपा प्राप्त नहीं होती। यह समय पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ देवी की भक्ति में लीन होने का होता है, और इन गलतियों से बचने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

कैसे करें नवरात्रि का समापन?

नवरात्रि के अंतिम दिन कन्या पूजन करना सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन नौ कन्याओं को भोजन कराकर उन्हें दक्षिणा दी जाती है, जिससे माता की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा, हवन और पूजा-पाठ के बाद व्रत का समापन किया जाता है।

चैत्र नवरात्रि केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक जागरूकता का समय भी होता है। इन नौ दिनों में देवी की भक्ति और पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। लेकिन, अगर इस दौरान कुछ गलतियां की जाएं तो इसका प्रभाव व्रत के फल पर पड़ सकता है। इसलिए, इन 10 महत्वपूर्ण नियमों का पालन करें और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करें। 

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